छोटा मीडिया नरेन्द्र मोदी की वजह से जिन्दा नहीं है, नरेन्द्र मोदी छोटे मीडिया की वजह से जिंदा है और छोटे मीडिया को मारकर नरेन्द्र मोदी कैसे जीत पायेंगे 2019 को लोकसभा चुनाव ?

विशेष संवाददाता । नरेन्द्र मोदी ने खरीदा बडा मीडिया, छोटे मीडिया ने किया बिकने से इंकार, सजा के रूप में बीजेपी ने छोटे व लघु मीडिया के विज्ञापन किये बंद । नरेन्द्र मोदी ने मीडिया के भरोसे ही अपने आपको चाय वाला के रूप में प्रचारित किया और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में गोधरा कांड के बाद हिंदुओं के हीरो के रूप में सामने आये, जनता को तो लगता था कि जैसे सोहराबुदृदीन मर्डर केस में अमित शाह को 6 माह तक जेल की हवा खानी पडी, ठीक उसी प्रकार नरेन्द्र मोदी का बाकी जीवन भी जेल में ही बीतेगा।
लेकिन बडे प्रिन्ट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया को खरीद कर नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर जा बैठे और जेल जाने से बच गये। अब बडे प्रिन्ट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर नरेन्द्र मोदी की कृपा दृष्टि है, वह अक्षय कुमार से अपना प्रायोजित इंटरव्यू करवाते है और उसे सारे चैनल्स पर स्पेस परचेज करके चलाया जाता है, मीडिया पर मोदी ही मोदी हो रहा है, क्योंकि वह जानते हैं कि जनता को गुमराह मीडिया पर मोदी के नारे लगाकर ही किया जा सकता है।
छोटे मीडिया ने बिकने से इंकार कर दिया तो छोटे मीडिया को नरेन्द्र मोदी के इशारे पर विज्ञापन देने से मना कर दिया गया, सुनने में आया है कि बडे मीडिया मालिकों ने नरेन्द्र मोदी के दरबारियों को कह दिया कि जब बडा मीडिया आपका गुलाम बना हुआ है तो आपको छोटे मीडिया की क्या जरूरत है, छोटे मीडिया को भूखा मरने दो।
नरेन्द्र मोदी भूल कर रहे है कि छोटा मीडिया और छोटा आदमी आम जनता चाय वाले को प्रधानम़ंत्री बना सकती है तो प्रधानमंत्री को वापस चाय वाला भी बना सकती है। छोटा मीडिया नरेन्द्र मोदी की वजह से जिन्दा नहीं है, नरेन्द्र मोदी छोटे मीडिया की वजह से जिंदा है और छोटे मीडिया को मारकर नरेन्द्र मोदी कैसे जीत पायेंगे 2019 को लोकसभा चुनाव ?
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