यह लाख टके का सवाल है कि क्या राहुल गांधी लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता बनेंगे? अभी पार्टी ने इस बारे में कुछ तय नहीं किया है। पिछली लोकसभा में कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को नेता बनाया था और कैप्टेन अमरिंदर सिंह लोकसभा में उपनेता था। सोनिया गांधी यूपीए की अध्यक्ष थीं। इस बार फिर पिछली बार की ही तरह कांग्रेस को दस फीसदी सीटें नहीं मिली हैं और इसलिए उसे आधिकारिक रूप से मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा नहीं मिलेगा। सो, जो भी नेता होगा, वह नेता विपक्ष नहीं माना जाएगा। तभी सवाल है कि क्या राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष भी रहेंगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता भी रहेंगे?
मुश्किल यह है कि कांग्रेस के पास इस बार ज्यादा नेता भी नहीं हैं। पिछली लोकसभा में खड़गे, कमलनाथ, अमरिंदर सिंह, वीरप्पा मोईली, अशोक चव्हाण जैसे कई बड़े नेता था। इस बार ज्यादातर बड़े नेता हार गए हैं। चव्हाण, खड़गे और मोईली भी चुनाव हार गए हैं। अमरिंदर सिंह और कमलनाथ अपने अपने राज्य में मुख्यमंत्री हो गए हैं। इसलिए कांग्रेस के पास विकल्प भी बहुत कम है। ले देकर एक दो नेता केरल से हैं, जो अनुभवी हैं या फिर सोनिया और राहुल गांधी हैं। नए नेताओं में से भी जो उभरते हुए नेता थे, जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया या दीपेंद्र हुड्ड तो ये दोनों भी चुनाव हार गए हैं और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने चुनाव ही नहीं लड़ा था। सो, कांग्रेस के लिए लोकसभा में नेता चुनना भी एक बड़ी चुनौती है।

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