शुक्रवार, 31 मई 2019

हिस्ट्रीशीटर बना मंत्री, मोदी है तो मुमकिन है



सवाल यह उठता है कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री ने जानबूझकर हिस्ट्रीशीटर  कैलाश चौधरी को मंत्री बनाया या अनजाने में, अगर जानबूझकर बनाया तो क्या वह कैलाश चौधरी के अपराधी होने की प्रतिभा का  इस्तेमाल करना चाहते है, और अगर अनजाने में किया तो क्या कैलाश चौधरी का मंत्री पद वापस छीन कर जेल की सलाखों के पीछे डालेंगे। 

​जयपुर।केेन्द्रीय चुनाव निर्वाचन विभाग के दावे खोखले । राज्य निर्वाचन विभाग के लापरवाही का मिला नमूना । निर्वाचन विभाग ने दावा किया था कि किसी प्रकार के विचाराधीन अपराधी चुनाव नहीं लड सकेंगे, किन्तु ऐसा नहीं हुआ। भारतीय जनता पार्टी के बाडमेर लोकसभा सीट से जीते प्रत्याशी कैलाश चौधरी की आपराधिक छवि की जानकारी होते हुए भी विभाग ने आखिर इसे उजागर क्यों नहीं किया।



 राजस्थान पुलिस विभाग ने भी अपने कार्य के प्रति जागरूकता क्यों नहीं दिखाई और निर्वाचन विभाग को जानकारी क्यों नहीं दी, जबकि राजस्थान पुलिस विभाग की आफिशियल वेबसाइट बता रही है कि  बाड़मेर जिले के  हिस्ट्रीशीटर की सूचि में कैलाश चौधरी का भी नाम अंकित है। तो आखिर सवाल यह उठता है कि राजस्थान पुलिस विभाग ने राज्य निर्वाचन विभाग से सत्य क्यों छुपाया, सच छुपाने के पीछे रहस्य क्या है, राज्य पुलिस विभाग पर क्या राज्य निर्वाचन विभाग कार्यवाही करेगा, या दोनो विभाग की मिलीभगत है।

 हिस्ट्रीशीटर संसद आखिर पहुंचा कैसे, इसके पीछे क्या रहस्य छिपा हुआ है वह भी पाकिस्तान की सीमा से सटा बाडमेर का हिस्ट्रीशीटर भारत के संसद में प्रवेश कर जाता है और हमारे लोक सेवक आसानी से उनके चालचरित्र को स्वच्छ छवि बताकर जनता के प्रतिनिधि बना देते है, जनता की आंखों में धूल झोंक देते है। 

नरेन्द्र मोदी को क्या महारत्नों में हिस्ट्रीशीटर ही मिला कि कैलाश चौधरी को कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री बना दिया जो कि बाड़मेर जिले की हिस्ट्रीशीटर लिस्ट के क्रम संख्या 196 पर कैलाश चौधरी पुत्र श्री तगाराम उम्र 38 साल, निवासी समदड़ी रोड़ बालोतरा, जिला बाड़मेर का नाम दर्ज है जो कि बालोतरा थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। 
सवाल यह उठता है कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री ने जानबूझकर कैलाश चौधरी को मंत्री बनाया या अनजाने में, अगर जानबूझकर बनाया तो क्या वह कैलाश चौधरी के अपराधी होने की प्रतिभा का  इस्तेमाल करना चाहते है, और अगर अनजाने में किया तो क्या कैलाश चौधरी का मंत्री पद वापस छीन कर जेल की सलाखों के पीछे डालेंगे। 

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