बुधवार, 4 सितंबर 2019

पोषण माह सितम्बर-2019 का राज्य स्तरीय शुभारंभ

निरोग, शिक्षित और कुपोषण मुक्त राजस्थान ही हमारा लक्ष्य - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

पहले की अपेक्षा आज शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जागरूकता -शिक्षा राज्य मंत्री

पिछले आठ महिनों में महिला एवं बाल विकास ने किया उत्कृष्ट प्रदर्शन - महिला एवं बाल विकास मंत्री 
जयपुर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि हमारा लक्ष्य निरोग, शिक्षित ,कुपोषण मुक्त, एनीमिया मुक्त तथा उत्कृष्ट राजस्थान बनाना है।

डॉ. शर्मा बुधवार को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत आयोजित पोषण माह सितम्बर-2019 के राज्य स्तरीय शुभारंभ समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने पर मिले पुरस्कारों के लिए बधाई दी। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजस्थान जैसे बड़े भौगोलिक क्षेत्रफल वाले राज्य में चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाना चुनौतिपूर्ण काम है, लेकिन हमारे चिकित्सा और महिला बाल विकास विभाग की आशा सहयोगनियों के माध्यम से इस काम को सफलतापूर्वक पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां अशिक्षा और गरीबी की वजह से कुपोषण की समस्या है, लेकिन हमारी जागरूकता और विभाग के प्रयासों से इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा। 

डॉ. शर्मा ने कहा कि शिशु मृत्यु दर और मातृ मत्यु दर में कमी लाना एक चुनौति है, जिसके विरूद्ध सतत् प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को राइट टू हैल्थ उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और जल्द ही इसे कानूनी अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना और निशुल्क जांच योजनाओं के माध्यम से राजस्थान ने पूरे देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए नावाचारों के क्षेत्र में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने बढ़ती हुई जनसंख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए, इसे नियंत्रित करने हेतु सामूहिक एवं समग्र प्रयास किए जाने पर जोर दिया।

पहले की अपेक्षा आज शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जागरूकता 

शिक्षा राज्य मंत्री  गोविन्द सिंह डोटासरा ने समारोह को विशिष्ट अतिथि के रूप् में सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में पहले के मुकाबले शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक जागरूकता आई है। उन्होंने पोषण अभियान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसमें सभी के योगदान की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी को प्री-प्राईमरी किये जाने का मुख्यमंत्री  गहलोत द्वारा महत्ती निर्णय लिया गया है। इससे शिक्षा के साथ स्वास्थ्य को भी सभी स्तरों पर सुनिश्चित किया जा सकेगा।

 डोटासरा ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की रूचि के अनुसार पढ़ाए जाने की पहल की गई है। साथ ही बस्ते के बोझ को कम करने के पायलट प्रोजेक्ट की पहल की गई है। राजस्थान देश का पहला ऎसा राज्य है, जहां ऎसी शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षा के साथ, खेलकूद प्रोत्साहन हेतु 38 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इससे स्वस्थ तन के साथ स्वस्थ मन से शिक्षा के स्वप्न को साकार किया जा सकेगा। 

पिछले आठ महिनों में महिला एवं बाल विकास ने किया उत्कृष्ट प्रदर्शन

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती ममता भूपेश ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के मार्ग दर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। पोषण अभियान में बेहतर प्रदर्शन के लिये राजस्थान को हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर समग्र उत्कृष्ट पुरस्कार 2018-19 से सम्मानित किया गया है। इसी प्रकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं के लिए 6 सितम्बर 2019 को राज्य को नई दिल्ली में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले आठ महिनों से महिला एवं बाल विकास लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। महिलाओं के बहुआयामी सशक्तिकरण के लिए रुपये 1 हजार करोड़ की “प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी महिला शक्ति निधि” की घोषणा की गई है। लम्बे समय से 0 से 6 वर्ष के बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं में एनीमिया व कुपोषण एक गम्भीर समस्या रही है। उन्होंने कहा कि बारां-झालावाड़, बांसवाड़ा- डूंगरपुर क्षेत्र सहित राज्य में कुपोषण एक चुनौति है। इससे निपटने के लिए पोषण अभियान संचालित किया गया है। पोषण अभियान अन्तर्गत जन-समुदाय की भागीदारी बढ़ाने एवं समाज में जागरूकता फैलाने के लिए राज्य में पोषण माह सितम्बर-2019 संचालित किया जा रहा है। अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, प्राथमिक शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, शहरी विकास विभाग तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सहयोग और सहभागिता की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला, ब्लॉक, ग्राम एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान में भाग लेने के लिये सभी जन प्रतिनिधियों यथा सांसदों, विधायकों, जिला प्रमुखों तथा महापौर को इस अभियान में नेतृत्व एवं भागीदारी करने हेतु आग्रह किया गया है।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि इस अभियान के केन्दि्रत सन्देश “चलो अपनाये पोषण व्यवहार 2019” को घर-घर तक पहुंचाना है। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा राज्य मंत्री तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा इससे पूर्व पोषण अभियान से सम्बंधित  “प्रथम सुनहरे 1000 दिन, डायरिया प्रबन्धन, एनीमिया रोकथाम, आहार विविधता एवं सफाई- स्वच्छता” पर आधारित पोस्टरों का अनावरण किया गया। ब्रोशर एवं फ्लिप बुक का विमोचन किया गया। साथ ही “थैंक्यू आंगनबाड़ी दीदी” थीम पर लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम में ब्लॉक, जिला व राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले 35 अधिकारियों एवं कार्मिकों को भी पुरस्कृत किया गया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, विशिष्ट अतिथि शिक्षा राज्य मंत्री तथा कार्यक्रम की अध्यक्ष महिला एवं बाल विकास मंत्री दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का विधिवत शुभांरभ किया। 

कार्यक्रम के समापन पर निदेशक श्रीमती सुषमा अरोड़ा द्वारा सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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