सोमवार, 16 सितंबर 2019

विश्वविद्यालयों का क्यों गिरा दर्जा ?

भारत की उच्च शिक्षा बदहाल है- यह परिचित तथ्य है। फिर भी जब कभी इस बात पर रोशनी पड़े तो उसकी चर्चा जरूर करनी चाहिए। चिंताजनक बात यह है कि भारतीय विश्वविद्यालयों की स्थिति लगातार बिग़ रही है। 2012 के बाद इस साल पहली बार हुआ है, जब भारत विश्व के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की सालाना रैंकिंग में टॉप 300 से बाहर हो गया है। वैसे टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इस साल भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी मौजूदगी 49 से बढ़ा कर 56 की है। मगर भारत के शीर्ष रैंक वाला संस्थान– बेंगलुरु का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी)- इस बार के टॉप 300 से बाहर हो गया। इसके साथ ही 2012 के बाद से पहली बार कोई भारतीय विश्वविद्यालय या संस्थान शीर्ष 300 में शामिल नहीं हुआ है। विश्वविद्यालयों की संपूर्ण सूची में कुल 56 भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी जगह बनाई। 


विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधित्व के मामले में भारत पांचवें स्थान पर है। इस सिलसिले में एशिया में जापान और चीन के बाद इसका तीसरा स्थान है। एशिया में अपना दबदबा कायम रखते हुए चीन के 24 विश्वविद्यालय टॉप 200 विश्वविद्यालयों की सूची में आए। नये विश्वविद्यालयों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)- रोपड़ ने अपना नाम दर्ज कराया। वह आईआईटी इंदौर (जो 351-400 की श्रेणी में बना हुआ है) से आगे निकल गया है। 2008-09 के बाद स्थापित दूसरी पीढ़ी के ये दोनों आईआईटी मुंबई और दिल्ली के अन्य बड़े संस्थानों से आगे निकल गए हैं। इसका कारण है कि इन्होंने शोध के क्षेत्र अधिक अंक हासिल किए हैं। आईआईटी रोपड़ ने शोध के पैमाने पर 100 अंक हासिल किए। आईआईटी इंदौर ने 77 अंक हासिल किए, जो कि आईआईएससी और अन्य आईआईटी के मुकाबले बहुत अच्छा है। इस साल कुल सात भारतीय विश्वविद्यालय निचली श्रेणी में हैं, जबकि देश के काफी सारे संस्थानों की रैंकिंग तकरीबन स्थिर है। आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर और जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। मगर ये सुधार काफी नहीं है, क्योंकि इसके बावजूद ये टॉप 300 में प्रवेश नहीं कर सके। दरअसल, भारतीय विश्वविद्यालयों का पिछड़ जाना, उनके शोध एवं शिक्षण माहौल में कमी आने को प्रदर्शित करता है। देश के सिर्फ मुट्ठी भर संस्थानों का प्रगति करना काफी निराशाजनक है। सरकार को इस सूरत पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। वैसे आज के माहौल में ये होगा, इसकी संभावना कम है।

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