महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने चुप्पी तोड़ो दिवस के अवसर पर आयोजित माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यशाल में कहा कि माहवारी महिलाओं को सम्पूर्णता प्रदान करती है

जयपुर । महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा है कि माहवारी एक वैज्ञानिक प्रक्रिया अथवा चक्र है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य को अच्छा रखने के साथ ही उनके मातृत्व जीवन के लिए भी आवश्यक है, माहवारी महिलाओं को संपूर्णता प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि माहवारी के बारे में हमें रूढ़िवादिता को तोड़ना होगा, माहवारी कोई अभिशाप नहीं है, समाज में इस नैसर्गिक प्रक्रिया के बारे में जागरूकता आनी चाहिए और माहवारी के दौरान महिलाओं को सेनेट्री नेपकिन्स के बेहतर उपयोग के बारे में भी जागरूक किया जाना जरूरी है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने उक्त विचार ”चुप्पी तोड़ो दिवस” के अवसर पर बुधवार को स्थानीय होटल में ”माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय परिचर्चा” में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक इस तरह का वातारण बनाया जाए कि माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के बारे में महिलाएं जाग्रुक हो, जिससे वे स्वस्थ रह सके। माहवारी स्वच्छता प्रबंधन से ही महिलाएं अपने आप को विभिन्न रोगों बचा सकती हैं। उन्होंने कहा माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के प्रति जागरूकता के लिए महिला अधिकारिता विभाग पूरी तरह प्रयासरत है। इसके लिए विभिन्न एनजीओ का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों, अस्पतालों से सेनेट्री नेपकिन्स लेने वाली किशोरियां अपने घर में अपनी मां, चाची, भाभी, बुआ को भी इसकी जानकारी दें।
श्रीमती भूपेश ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य के परिवर्तित बजट 2019-20 में महिलाओं के बहुआयामी सशक्तिकरण के लिए एक हजार करोड़ रूपये की ‘‘प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी महिला शक्ति निधि’’ की घोषणा की गई है। इस निधि से महिलाओं को उद्यम स्थापना हेतु सहयोग, आधुनिक अनुसंधान हेतु सहायता, कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण, जागरूकता हेतु शिक्षा तथा पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास सम्बन्धी गतिविधियां सम्पादित की जायेगी।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने भी माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के बारे महिलाओं को जागरूक किए जाने पर बल दिया। उन्होंने इसके लिए विभाग की ओर से किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी।
महिला अधिकारिता तथा सेन्टर फॉर माइक्रो फाइनेन्स के तत्वाधान में आयोजित इस राज्य स्तरीय परिचर्चा के अवसर पर ग्रामीण महिलाओं ने उनकी ओर से उनके क्षेत्र में महिलाओं को जागरूक किये जाने के अभियान के बारे में बताया। ग्रामीण महिलाओं ने माहवारी के लिए जागरूक होने के उनके खुद के अनुभव को भी साझा किया। इस अवसर पर निदेशक महिला अधिकारिता पी.सी. पवन भी उपस्थित रहे।
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