अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक 16 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग पर तंज भरा ट्वीट करके विश्व बिरादरी के सामने घिर गए हैं। जलवायु परिवर्तन पर ग्रेटा के भाषण के बाद ट्रंप ने तंज भरा ट्वीट किया कि वह ‘हैप्पी यंग गर्ल’ सी दिखने वाली लड़की अपने उज्जवल व अद्भुत भविष्य की तरफ देख रही है। उसे देखना काफी सुखद है। वैश्विक संस्थाओं ने कहा कि पूरी दुनिया ने ग्रेटा को सराहा जबकि ट्रंप ने तंज किया।
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में ग्रेटा ने विश्व नेताओं से कहा कि ‘आपने हमारे बचपन, हमारे सपनों को छीन लिया। आपकी हिम्मत कैसे हुई?’ तो सभी निरुत्तर थे। दरअसल, ट्रंप इस जलवायु सम्मेलन में थोड़ी देर के लिए ही आए थे और उन्होंने इस सम्मेलन के बजाय एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने को प्राथमिकता दी थी। इस कारण अपने ट्वीट को को लेकर ट्रंप और भी घिर गए।
हालांकि आंखों में आंसू और गुस्से से भरी ग्रेटा के भाषण को संयुक्त राष्ट्र महासचिव समेत दुनिया के हर नेता ने सराहा। अमेरिकन एंवायरनमेंट फॉर चेंजिंग ग्लोब ने कहा कि इतने गंभीर मुद्दे पर ट्रंप का तंज पूरी दुनिया को गलत संदेश दे रहा था। ट्विटर पर यूजरों ने कहा, जिस तरह ग्रेटा ने अपनी भावनाएं साझा कीं वह किसी भी तरह से हैप्पी यंग गर्ल नजर नहीं आई। उसने बेहद निराशा के साथ दुनिया के बड़े नेताओं को लताड़ा है।
पूरी दुनिया में फैली घर से शुरू हुई जंग
ग्रेटा ने जलवायु परिवर्तन से जंग की शुरुआत सबसे पहले अपने घर से की। उनके माता-पिता ने मांस का सेवन छोड़ा और जानवरों के अंगों के इस्तेमाल से बनी चीजों का भी त्याग कर दिया। विमान यात्राएं भी बंद कीं क्योंकि इनसे कार्बन उत्सर्जन ज्यादा होता है। यहां तक कि कार्बन उत्सर्जन बचाने के लिए वह खुद विमान के बजाय दो माह की कठिन यात्रा नाव से करते हुए अटलांटिक सागर को पार कर न्यूयॉर्क पहुंची। उसने अपने देश स्वीडन में प्रदूषण के खिलाफ जंग शुरू की जो अब पूरी दुनिया में फैल चुकी है।
ट्रंप ने धार्मिक आजादी पर ध्यान लगाया
अमेरिकी राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के बजाय धार्मिक उत्पीड़न पर अपना ध्यान ज्यादा केंद्रित किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर भाषण सिर्फ 15 मिनट तक सुना। धार्मिक आजादी पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, ‘दुनिया की लगभग 80 फीसदी आबादी ऐसे देशों में रहती है, जहां धार्मिक स्वतंत्रता को खतरा है, उस पर रोक है या पूरी तरह प्रतिबंधित है।’ ट्रंप ने कहा कि जब उन्हें पहली बार ये आंकड़े पता चले, तो उन्हें बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ और इसलिए उन्होंने दोबारा जांच करने का निर्देश दिया था।

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