शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में स्पेलिंग, ग्रामर जैसी 52 गलतियों को केंद्र ने एक महीने बाद सुधारा

केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के विभाजन के लिए लाए गए कानून में 50 से अधिक सुधार किए हैं। इनमें वर्ष 1909 को 1951 किया गया है, एक शब्द में छूट गए ‘आई’ को जोड़ा गया है और एक शब्द में लगे अतिरिक्त ‘टी’ को हटा दिया गया है।

विपक्ष ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि कानून ‘जल्दबाजी’’ में लाया गया है। करीब एक महीने बाद सरकार ने  त्रुटियों में सुधार किया और इसके लिए तीन पन्ने का शुद्धि पत्र लाते हुए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून में सुधार करने की घोषणा की।

 कानून एवं न्याय मंत्रालय ने गलतियों को सही करने के संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए स्पेलिंग और ग्रामर की गलती के साथ तारीख की गलती को भी सही किया।

 इस अधिनियम के तहत जम्मू कश्मीर को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया।

संसद ने सात अगस्त को कानून पास किया था और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इसे मंजूरी देने के बाद इसकी गजट अधिसूचना नौ अगस्त को जारी की गई।

कानून में ‘एडमिनिस्ट्रेटर’’ में ‘एन’ के बाद ‘आई’ शब्द छूट गया था, ‘आर्टिकल’’ में ‘टी’ के बाद ‘आई’ छूट गया था, ‘टेरीटरीज’’ में दो ‘टी’ लग गए थे. इसमें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की जगह जम्मू कश्मीर राज्य का उल्लेख किया गया था।

सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को अधिसूचित करने के दौरान जो 52 गलतियां हुई थीं, उनमें से ये कुछ उदाहरण हैं।

कानून में इस बात का भी जिक्र था कि जम्मू-कश्मीर के संसदीय क्षेत्रों का परिसीमन किया जाएगा। शुद्धि पत्र में अब इस वाक्य को हटा दिया गया है।   

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