गुरुवार, 11 जनवरी 2018

चारा घोटाला : CM लालू को खुला पत्र लिखकर मचा दिया था हड़कंप


बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया और राजद सुप्रीमो लालू यादव चारा घोटाला मामले में जेल में बंद हैं. चारा घोटाला भ्रष्टाचार के इतिहास की एक ऐसी घटना है, जिसकी चर्चा सदियों तक होगी. चारा घोटाले से जुड़े मामले में बहुत सारी ऐसी बातें हैं, जो वक्त के थपेड़ों में नीचे दबकर रह गयीं. वर्तमान में राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह लगातार मीडिया को बयान देते हैं कि चारा घोटाले में यदि लालू ने सीबीआइ के पास शिकायत दर्ज कर दी होती, तो लालू को ऐसी परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता. लेकिन, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक शख्स ने तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को एक खुला पत्र लिखकर हड़कंप मचा दिया था. उस शख्स ने उस पत्र में उन सभी बातों का जिक्र किया था, जिससे लालू को सावधान होने की जरूरत थी. इस पत्र ने बिहार की राजनीति में तूफान ला दिया था और पत्र लिखने वाले कार्यकर्ता के हिम्मत की चारों ओर चर्चा हुई थी.

लालू को लिखा गया पत्र इतना महत्वपूर्ण था कि उसे सबूत के तौर पर घोटाले में जांच एजेंसियों ने भी रखा. इतना ही नहीं, हाल में चारा घोटाला 64ए/96 मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने अपने फैसले में लिखा है कि आर के राणा खुद और लालू प्रसाद के नाम पर उगाही करते थे. राणा के इन कारनामों की जानकारी जनता दल कार्यकर्ताओं द्वारा लालू प्रसाद तक तभी पहुंचा दी गयी थी, जब जनता दल में टूट नहीं हुई थी और लालू प्रसाद राज्य के मुख्यमंत्री थे.

उस शख्स का नाम था राम निहोरा यादव. पटना जिला के जनता दल के सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर राम निहोरा यादव ने मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के नाम खुला पत्र जारी कर डॉ. आर के राणा के एक-एक कारनामे को सार्वजनिक किया था. इतना ही नहीं पत्र सामने आने के बाद लोगों ने राम निहोरा यादव की लालू के डर की वजह से तारीफ तक नहीं करते थे, उस वक्त लालू के सामने किसी को सच कहने की हिम्मत तक नहीं होती थी और निहोरा यादव ने पूरी बात को पत्र के रूप में छपवाकर मुख्यमंत्री तक पहुंचाया था.


राम निहोरा यादव ने पत्र में लालू को संबोधित करते हुए लिखा था कि डॉ. राणा के यहां यदि छापेमारी की जाये, तो पचास लाख रुपया उसके घर से नकद निकल सकता है. यह सारा रुपया आपके नाम यानी तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के नाम पर दलाली में पशुपालन माफियाओं से वसूल कर रखा है. निहोरा ने आगे लिखा था कि डॉ. राणा ने वेटनरी कैंपस में बीस वर्षों से लूट मचाया और अब आप का नाम बेचकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों को लूट रहे हैं. राम निहोरा यादव ने अपने पत्र में यह  लिखा था कि आपका नाम लेकर पूरे बिहार में राणा और उसके लोग अराजकता फैला रहे हैं और पैसे की वसूली कर रहे हैं. उसका प्रभाव पशुपालन माफिया में आपकी व्यक्तिगत कमजोरी के चलते बढ़ा हुआ है. निहोरा ने लिखा कि विधानसभा की निवेदन समिति ने 1989 में डॉ. राणा को पटना जिला से हटाने तथा निगरानी विभाग से जांच कराने का निर्देश दिया, लेकिन वह ठंडा पड़ गया है.

निहोरा ने लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री लालू प्रसाद जी डॉ. राणा यह प्रचार कर रहा है कि आपका निजी मकान पटना के शेखपुरा में 15 लाख का तथा आपके गांव फुलवरिया में पांच लाख का उसने ही बनवाया है. पत्र में यह भी लिखा गया कि विधायकों को मंत्री बनाने के नाम पर राणा ठग रहा है और बिहार भवन, दिल्ली में रहकर आपके नाम पर लटर-पटर और उलूर-जुलूर कर रहा है. निहोरा यादव ने कहा कि आप डॉ. राणा को अपने साथ कैसे रखे हैं, लोगों को आश्चर्य हो रहा है. आपके नाम पर कई तरह का दलाली का धंधा शुरू किया है. लोग दबी जुबान में बोल रहे हैं कि क्या कारण है कि लालू जी चुप हैं.

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