मंगलवार, 9 जनवरी 2018

वर्तमान सरकार का ये पैगाम हमारी खामी दिखाने की तुम्हारी जुर्रत कैसे हुई?

वर्तमान सरकार का ये अजीबोगरीब तरीका है। मीडिया अगर उसकी किसी खामी को उजागर करे, तो पहली गाज ऐसा करने वाले मीडियाकर्मी पर गिरती है। कोशिश उस कमी को दूर करने की नहीं होती, बल्कि यह पैगाम दिया जाता है कि आखिर हमारी खामी दिखाने की तुम्हारी जुर्रत कैसे हुई? इस नजरिए की ताजा मिसाल अंग्रेज़ी अख़बार 'द ट्रिब्यून' की पत्रकार रचना खैरा पर मुक़दमा दर्ज करवाना है। इसी पत्रकार ने आधार का डेटा लीक होने की खबर दी थी। खैरा के खिलाफ यूआईडीएआई के एक उपनिदेशक ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें उन लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया है, जिनके नाम उपरोक्त रिपोर्ट में आए थे। इस रिपोर्ट में दावा किया था कि व्हॉट्सऐप जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर अज्ञात लोग पांच सौ रुपए में आधार डेटा बेच रहे हैं। बेहतर होता कि यूआईडीएआई तुरंत यह भरोसा दिलाता कि उस रिपोर्ट में अगर कोई भी सच्चाई हो, तो वह उसकी जांच करेगा। जांच से कोई खामी सामने आई तो उसे दूर किया जाएगा। मगर उसने खबर देने वाली पत्रकार को भी निशाने पर ले लिया। उनके खिलाफ आईटी ऐक्ट और दूसरी कई अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर दी गई। मगर आधार की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं ऐसी हैं, वो इस तरह की प्रतिक्रिया से दूर नहीं होंगी।

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि महज 500 रुपए में  और 10 मिनट में उस एजेंट ने अखबार के रिपोर्टर को लॉग इन आईडी और पासवर्ड देकर पोर्टल के जरिए किसी की भी पर्सनल जानकारी देखने की सुविधा दे दी। पर्सनल जानकारी में नाम, पता, पोस्टल कोड, फोटो, नंबर, ई-मेल आदि सभी शामिल हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 500 रुपए के अलावा 300 रुपए और देने के बाद एजेंट ने रिपोर्टर को एक सॉफ्टवेयर भी दिया। इसके माध्यम से आधार नंबर देकर आधार कार्ड प्रिंट किया जा सकता है। यूआईडीएआई के एक अधिकारी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा में बड़ी चूक माना। ये हुए मामला बेंगलुरु में कंसल्टेंट के सामने भी उठाया गया। लेकिन बाद में यूआईडीएआई ने दावा किया कि आधार कार्ड से संबंधित सारी जानकारियां पूरी तरह सुरक्षित हैं। लेकिन इसके पहले भी आधार कार्ड धारकों का डेटा लीक होने से संबंधित खबरें आई थीं। मान लिया जाए कि ये सभी झूठी हैं। लेकिन इसके लिए भरोसा दिलाने पुख्ता उपाय करने होंगे। जबकि पत्रकार पर मुकदमे से संदेश जाएगा कि यूआईडीएआई कुछ छिपाना चाहती है। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें