सोमवार, 15 जनवरी 2018

चीफ जस्टिस पर आरोप लगाने वाले जजों पर कार्रवाई से बार कौंंसिल का इनकार


सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था पर जिन चार जजों ने सवाल उठाये थे उनके खिलाफ कार्रवाई से बार कौंसिल अॅाफ इंडिया ने इनकार किया है. कौंसिल के चेयरमैन मनन मिश्रा ने आज कहा कि उन्होंने गलत किया ही नहीं है तो फिर कार्रवाई की बात ही कहां से आती हैं. यह सुप्रीम कोर्ट का आंतरिक मामला था, जिसे सुलझा लिया गया है. ‘बार कौंसिल अॅाफ इंडिया’ की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में  मनन मिश्रा ने कहा -जैसा कि आप सभी देख सकते हैं सबकुछ सामान्य है और सुप्रीम कोर्ट सामान्य रूप से काम कर रहा है.


मीडिया को संबोधित करते हुए मनन मिश्रा ने कहा- जहां तक बात आरोप लगाने वाले चारों जजों पर कार्रवाई की है, तो उन्होंने कुछ गलत तो किया नहीं है, फिर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों हो?सुप्रीम कोर्ट में इतने सारे लोग हैं, सबकी अपनी राय हो सकती है, अपना नजरिया हो सकता है. उन चारों को जो गलत लगा उन्होंने मीडिया के सामने आकर कहा, इसमें कार्रवाई जैसी कोई बात नहीं है.


बार कौंसिल के चेयरमैन मनन मिश्रा ने यह भी कहा कि एटार्नी जनरल भी इस बात से सहमत है कि यह आंतरिक मामला है और इसे सुलझा लिया जायेगा. वहीं आज सुप्रीम कोर्ट के चारों वरिष्ठ न्यायाधीश अदालत की कार्यवाही में शामिल हुए और अपना नियमित कार्य शुरू किया. न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने 12 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन के बाद शीर्ष अदालत में सप्ताह के पहले दिन अपना अपना नियमित कामकाज शुरू किया.


पत्रकारों के साथ बातचीत में इन न्यायाधीशों ने शीर्ष अदालत में मामलों के बंटवारे समेत कुछ मुद्दों को उठाया था और कहा था कि ऐसे कुछ मुद्दे हैं जो देश की सबसे बड़ी अदालत को प्रभावित कर रहे हैं.


कल भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एवं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से मुलाकात की थी और उन्हें आश्वस्त किया था कि इस संकट का जल्द समाधान निकाला जायेगा तथा सौहार्द कायम होगा.




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