प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल के पहले मन की बात कार्यक्रम में स्त्री सशक्तिकरण का मुद्दा उठाया और कहा कि आज स्त्रियां हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने सामाजिक एकता, सद्भाव, बदलाव और विकास में महिलाओं की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति को पुरातन समय से ही स्वीकार किया गया है और एक बेटी को दस बेटों के बराबर बताया गया है। प्रधानमंत्री ने दहेज और बाल विवाह के खिलाफ बिहार में बनी मानव शृंखला का भी मुद्दा उठाया और बिहार के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जन आंदोलन से समाज की हर कुरीति को दूर किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने साल 2018 में आकाशवाणी पर अपने पहले रेडियो कार्यक्रम मन की बात में अपनी सरकार के बेहद चर्चित कार्यक्रम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का जिक्र किया। मन की बात कार्यक्रम के 40 वें प्रसारण में उन्होंने पदम् पुरस्कारों से सम्मानित महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये महिलाएं लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित कर रही है जो मौन रह कर सामाजिक बदलाव में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में पद्म पुरस्कार देने की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी हुई है और आम लोगों को सम्मानित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं और देश का गौरव बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा - प्राचीन काल से हमारे देश में महिलाओं का सम्मान, उनका समाज में स्थान और उनका योगदान पूरी दुनिया को अचंभित करता आया है। भारतीय विदुषियों की लंबी परम्परा रही है। वेदों की ऋचाओं को गढ़ने में बहुत सी विदुषियों जैसे लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी आदि का योगदान रहा है।
सेना में महिलाओं की मौजूदगी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि साहसिक रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के लड़ाकू विमान सुखोई 30 में उड़ान भरना महिलाओं को प्रेरणा दे देगा। उन्होंने वर्तिका जोशी के नेतृत्व में भारतीय नौसेना के महिला क्रू मेंबर्स आईएनएसवी तरिणी, लड़ाकू पायलट भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने यूरोप के विभिन्न हिस्सों में रह रहे प्रवासी भारतीयों को अलग पहचान देने पर यूरोपीय संघ का आभार व्यक्त किया। मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस बार यूरोपीय संघ ने एक कैलेंडर भेजा है, जिसमें उन्होंने यूरोप के विभिन्न देशों में रह रहे भारतीयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को दिखाया है। उन्होंने कहा- मैं धन्यवाद देना चाहूंगा यूरोपीय संघ के इस उल्लेखनीय कार्य के लिए, भारतीय मूल के लोगों को पहचान देने के लिए और उनके माध्यम से दुनिया भर के लोगों को जानकारी देने के लिए भी।
प्रधानमंत्री ने साल 2018 में आकाशवाणी पर अपने पहले रेडियो कार्यक्रम मन की बात में अपनी सरकार के बेहद चर्चित कार्यक्रम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का जिक्र किया। मन की बात कार्यक्रम के 40 वें प्रसारण में उन्होंने पदम् पुरस्कारों से सम्मानित महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये महिलाएं लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित कर रही है जो मौन रह कर सामाजिक बदलाव में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में पद्म पुरस्कार देने की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी हुई है और आम लोगों को सम्मानित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं और देश का गौरव बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा - प्राचीन काल से हमारे देश में महिलाओं का सम्मान, उनका समाज में स्थान और उनका योगदान पूरी दुनिया को अचंभित करता आया है। भारतीय विदुषियों की लंबी परम्परा रही है। वेदों की ऋचाओं को गढ़ने में बहुत सी विदुषियों जैसे लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी आदि का योगदान रहा है।
सेना में महिलाओं की मौजूदगी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि साहसिक रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के लड़ाकू विमान सुखोई 30 में उड़ान भरना महिलाओं को प्रेरणा दे देगा। उन्होंने वर्तिका जोशी के नेतृत्व में भारतीय नौसेना के महिला क्रू मेंबर्स आईएनएसवी तरिणी, लड़ाकू पायलट भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने यूरोप के विभिन्न हिस्सों में रह रहे प्रवासी भारतीयों को अलग पहचान देने पर यूरोपीय संघ का आभार व्यक्त किया। मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस बार यूरोपीय संघ ने एक कैलेंडर भेजा है, जिसमें उन्होंने यूरोप के विभिन्न देशों में रह रहे भारतीयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को दिखाया है। उन्होंने कहा- मैं धन्यवाद देना चाहूंगा यूरोपीय संघ के इस उल्लेखनीय कार्य के लिए, भारतीय मूल के लोगों को पहचान देने के लिए और उनके माध्यम से दुनिया भर के लोगों को जानकारी देने के लिए भी।

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