शनिवार, 13 जनवरी 2018

लोकतंत्र खतरे में है सर्वोच्च न्यायालय का आंतरिक मामला नहीं है

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों यह चेतावनी कि लोकतंत्र खतरे में है सर्वोच्च न्यायालय का आंतरिक मामला नहीं है तथा यह मुद्दा हर भारतीय के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। मुख्य विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के कार्यकारी अध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि चार न्यायाधीशों में से एक न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की 2जी घोटाले में बरी हुए डी राजा के साथ की गयी बैठक जल्दबाजी में उठाया गया गलत कदम था। अब्दुल्ला ने ट्विटर किया भारत में लोकतंत्र खतरे में है।कल माननीय न्यायाधीशों ने यह चेतावनी दी।इसलिए यह मुद्दा माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आंतरिक मामला नहीं है उन्होंने आगे कहा यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बनाम कांग्रेस या राहुल बनाम मोदी का मुद्दा नहीं है।

यह एक ऐसा मुद्दा है जो हर भारतीय की चिंता का विषय है।भारत में लोकतंत्र देश का मूल आधार है।हम दुनिया को यह कहने में गर्व करते हैं कि हम सबसे बड़े लोकतंत्र हैं भले ही हमारा लोकतंत्र सबसे पुराना या महानतम न हो।उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठत्म न्यायाधीश भारत के लोकतंत्र पर खतरा महसूस करते हैं तो हम इसे अनदेखा नहीं कर सकते।इससे पूर्व के ट्वीट में अब्दुल्ला कहा मैं डी राजा साहब का बड़ा सम्मान करता हूंलेकिन न्यायाधीश चेमलेश्वर से उनके घर पर जाकर उनका मुलाकात जल्दबाजी उठाया गया गलत कदम था।ऐसे मैं आप उन लोगों के हाथ का खिलौना बनते हो जो माननीय न्यायाधीशों की कही गयी बात को कमतर करना चाहते हैं।

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