जयपुर । सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इण्डिया की राजस्थान इकाई ने प्रदेश में CAA, NPR, NRCको लागू नही करने की मांग करते हुए पिंकसिटी प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता आयोजित की। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए एस डी पी आई के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद रिजवान खान ने कहा कि CAA सविंधान के अनुच्छेद 14,15,21,25 का सीधा उल्लंघन हैं।
यह कानून सविंधान की प्रस्तावना की मूल भावना का उल्लंघन करता है। इसी तरह NPR में जो जानकारियाँ मांगी जा रही है वे देश के घुमन्तु जातियाँ, दलित, आदिवासियों, महिलाओं एवं मुसलमानों की नागरिकता छीनने की साजिश का हिस्सा है। इसमें लोगो से उनके माता-पिता के जन्म के प्रमाण पत्र मागें जा रहे है। भारत जैसे देश में जहां शिक्षा का अभाव हे उनके लिए माता पिता की जन्म तारीख बताना बहुत मुश्किल काम है। और जो नही बता पायेगें उनको संदिग्ध नागरिक घोषित करके उनको अवैध नागरिक घोषित कर दिया जायेगा NPR की पूरी प्रक्रिया दोषपूर्ण है। जब देश में 1951 से हर 10 वर्ष में जनगणना होती है तो अलग से NPR की जरूरत कहां है। यदि किसी की नागरिकता पर सरकार को संदेह है तो वह उसे साबित करें लेकिन NPR में तो नागरिक को ही साबित करना है कि वह भारत का नागरिक हैं। यह देश के नागरिकों का अपमान है। इसलिए सरकार इसे राज्य में लागू न करने की स्पष्ट घोषणा करें क्योंकि NPR के लिए जारी अधिसूचना में कहा गया है कि NPR ही NRC का प्रथम चरण हैं। ऐसे में NRC लागू न करने की भी सरकार स्पष्ट घोषणा करें। देश ने देखा कि कैसे असम में NRC के नाम पर लाखों भारतीयों को विदेशी घोषित कर दिया गया हैं।
साथ ही राजस्थान में सर्वप्रथम एस डी पी आई द्वारा चलायें गए इस जन विरोधी कानून व NRC की प्रक्रिया के बाद सभी प्रदेशवासियों सहित प्रदेश की सरकार और से उसके मुखिया अशोक गहलोत व सचिन पायलट सहित इसके विरोध में आकर प्रदेश में CAA लागू नही करने का सार्वजनिक रूप से निर्णय ले चूकि है जिसका पूरे देश भर में एक साहसिक और सराहनीय कदम मानते हुए सभी धर्म निरपेक्ष दलों तथा बुद्दिजीवीयों ने इसको स्वागत योग्य कदम बताया है परन्तु अभी जिस प्रकार से प्रदेश के समाचार पत्रो में छपी खबरो के माध्यम से यह बात सामने आई रही हे कि राज्य की जनसंख्या ईकाई प्रबंधन एंव इससे सबंधित विभाग प्रदेश में एनण् पीण् आरण् शुरू करने की तैयारी कर रहा हैं। प्रदेश की सरकार को चाहियें कि इस पर तुरन्त निर्णय लेकर स्पष्ट घोषणा करें कि प्रदेश में NPR लागू नही होगा। और यह भी जानना चाहिए कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसको सार्वजनिक सभाओं में ही नही बल्कि संसद मे भी अधिकारिक तौर पर पूरे देश में लागू करने के साथ एनण् पीण् आरण् को ही एनण् आरण् सीण् की पहली सीढ़ी बताया है जो कि रिकॉर्डेड है देशभर में वायरल हुआ है। इसलिए यही मान लेना पड़ेगा कि NPR के साथ ही NRC को लागू करने की साजिश हैं।
इसके लिए हम पूर्व में ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित पूरे मंत्रीमण्डल को यह आग्रह कर चूके है कि एनण् पीण् आरण् को राजस्थान में नही शुरू करना चाहिए। इसके साथ-साथ हम सभी विधायकों को भी यह पत्र लिख चुके है कि NPR को रोकने का प्रस्ताव पारित करावें।
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