शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

शिक्षा क्षेत्र में संचालित केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए नब्बे प्रतिशत अंशदान प्रदान करें केंद्र सरकार -शिक्षा राज्य मंत्री


                                                                           
                                                           

जयपुर,10 जनवरी। शिक्षा राज्य मंत्री  गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्यों के स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा को बढ़ावा देने तथा सैनिक स्कूलों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार से शिक्षा क्षेत्र से संबंधित केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में नब्बे प्रतिशत अंशदान प्रदान करने की मांग करते हुए कहा कि राज्यों के अल्प वित्तीय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए शेष दस प्रतिशत का वित्तीय भार ही राज्यों पर छोड़ा जाना चाहिए, ताकि इस केंद्रीय वित्तीय मदद से स्कूली शिक्षा के ढांचे और उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके।

 गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को नई दिल्ली के मानिकशां सेंटर में आयोजित सैनिक स्कूल सोसायटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए यह मांग रखी।  श्री डोटासरा ने कहा कि पूर्व में भी केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र और राज्यों का अंशदान नब्बे और दस प्रतिशत का ही रहता था लेकिन अभी इसको घटाकर केंद्र सरकार ने साठ अनुपात चालीस कर दिया है,इससे राज्यों पर वित्तीय भार काफी बढ़ गया है तथा केंद्र प्रवर्तित योजनाओं को समय पर पूर्ण करने में तथा विशेषकर शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने में राज्यों को काफी वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

 डोटासरा ने सैनिक स्कूल गवनिर्ंग काउंसिल की मीटिंग के बाद बताया कि राज्य सरकार जल्द ही अलवर में सैनिक स्कूल को तैयार कर चालू करने के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रही है उन्होंने कहा कि 2013 में सैनिक स्कूल सोसायटी और राज्य सरकार के बीच हुए एमओयू को मानते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सैनिक स्कूल के लिए अलवर में जमीन आवंटन को मंजूरी देते हुए जल्द से जल्द चालू करने के निर्देश प्रदान किए हैं ताकि इस क्षेत्र के सैनिक बहुल इलाकों के बच्चों को सेना में जाने के सपने को साकार किया जा सके।श्री डोटासरा ने बताया कि राजस्थान में वर्तमान में चित्तौड़गढ़ और झुंझुनू में सैनिक स्कूल संचालित है तथा जल्द ही अलवर में सैनिक स्कूल चालू हो जाएगा। 


सैनिक स्कूलों को मजबूत करने तथा उनकी आधारिक संरचना को बेहतर बनाने के लिए श्री डोटासरा ने केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता की मांग रखते हुए बताया कि वर्तमान में सैनिक स्कूल के बच्चों को जो स्कॉलरशिप मिलती है उसमें तीन लाख तक जिनकी पारिवारिक आय होती है उन्हें पूरी स्कॉलरशिप मिलती है तथा तीन लाख से अधिक तथा 5 लाख तक के लिए 75ः स्कॉलरशिप मिलती है इसी तरह 7.50 लाख आय वर्ग तक के बच्चों को 50ः तथा जिनकी आय 10 लाख तक है उनको 25ः स्कॉलरशिप मिलती है। तथा अभी यह पूरी स्कॉलरशिप की राशि राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाती है केंद्र सरकार केवल तीन लाख तक आय वर्ग के बच्चों को 2000 की सहायता तथा अन्य दो श्रेणियों में 1250 रुपए तथा 175 रुपए की सहायता प्रदान करती है जो कि बहुत कम है। उन्होंने इस केंद्रीय अंशदान को बढ़ाने की मांग भी रखी।

 डोटासरा ने सैनिक स्कूलों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए भी केंद्र सरकार से विशेष मदद प्रदान करने का आग्रह किया, उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूलों के विकास के लिए जमीन के साथ-साथ अन्य आधारिक संरचनाओं के विकास के लिए सारा पैसा राज्य सरकार को वहन करना पड़ता है तथा स्कूलों में वेतन और पेंशन की राशि का वहन भी राज्य सरकारें करती है या सैनिक स्कूल सोसायटी को स्वयं अपने स्तर पर संसाधन जुटाकर करना पड़ता है। इससे राज्य सरकारों पर सैनिक स्कूलों के संचालन के लिए काफी वित्तीय भार पड़ता है। इसलिए केंद्र सरकार को इस ओर विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए वित्तीय मदद बढ़ानी चाहिए क्योंकि सैनिक स्कूलों का एकमात्र उद्देश्य बच्चों को एनडीए के माध्यम से अधिकारी बनाकर रक्षा सेनाओं में भेजने का है।

राजस्थान में स्थित सैनिक स्कूलों में गर्ल्स ऎडमिशनओं को लेकर श्री डोटासरा ने कहा कि हमारी सरकार बच्चियों को सैनिक स्कूलों में प्रवेश देने के लिए संजीदा है अभी चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में 90 बच्चियों को एडमिशन देने की स्वीकृति मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदान की है तथा आगे झुंझुनू और अलवर के सैनिक स्कूलों के संरचनात्मक विकास के बाद बच्चियों को प्रवेश दिया जाएगा। सैनिक स्कूलों में रिजर्वेशन के मुद्दे पर बोलते हुए श्री डोटासरा ने कहा कि वर्तमान में अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों को रिजर्वेशन है तथा ओबीसी को लेकर यह मामला मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा गया है वहां से जो भी निष्कर्ष निकलकर आएगा उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।

बैठक के बाद श्री डोटासरा ने कहा कि बैठक में सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई कि कैसे सैनिक स्कूलों की तरफ अधिक से अधिक बच्चों को प्रवेश के लिए आकर्षित किया जाए, रिजर्वेशन पॉलिसी को अच्छी तरह कैसे लागू किया जाए, सैनिक स्कूलों के स्टाफ के सलेक्शन पर तथा उनकी ट्रांसफर पॉलिसी पर भी विस्तार से चर्चा हुई। 

बैठक में राजस्थान स्कूली शिक्षा सचिव श्रीमती मंजू राजपाल भी मौजूद रहीं।ब्राज्य मंत्री

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