जयपुर, 22 जनवरी। रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ नीरज के. पवन ने बुधवार को बताया कि प्रदेश में किसानों को उनकी दीर्घकालीन ऋण आवश्यकता पूरी करने में प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पात्र किसान को ऋण वितरण में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाये। यदि किसी पात्र किसान को समय पर ऋण वितरण नहीं होता है तो इसके लिये संबंधित की जवाबदेही तय की जायेगी।
डॉ. पवन नेहरू सहकार भवन के कमेटी रूम में आयोजित 26 प्राथमिक भूमि विकास बैंकों की जिलेवार प्रगति समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 26 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को 230 करोड़ रुपये के ऋण वितरण के लक्ष्य प्रदान किये गये हैं, जिसे पूरा करने के लिये सामूहिक प्रयास किये जायें। उन्होंने बताया कि प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक समय पर ऋण का चुकारा करने वाले सदस्यों को मात्र 7.10 प्रतिशत ब्याज दर पर दीर्घकालीन ऋण प्रदान कर रहे हैं, जो अन्य किसी भी बैंक से बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसान हित में दी जा रही सब्सिडी का पूरा फायदा किसान को मिले इसके लिये प्रचार प्रसार करना आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पात्र किसानों को ऋण वितरण नहीं होने पर जवाबदेही तय होगी, साथ ही यह भी ध्यान रखा जाना चाहिये कि अपात्र किसान को ऋण वितरण नहीं हो।
रजिस्ट्रार ने बताया कि प्राथमिक भूमि विकास बैंकों की कार्य निष्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिये स्टॉफ की कमी नहीं आने दी जाएगी। प्राथमिक भूमि विकास बैंकों में शीघ्र ही नई भर्तियां निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक भूमि विकास सहकारी बैंकों को गत तीन वर्षों में कुल ऋण वितरण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सेक्टरवार ऋण वितरण के नवीन लक्ष्य निर्धारित किये जावें। बैठक में अतिरिक्त रजिस्ट्रार मोनेटरिंग श्री एम एल गुर्जर, एसएलडीबी के प्रबंध निदेशक श्री जितेन्द्र शर्मा, महा प्रबंधक श्री नवीन शर्मा, राजफैड के महाप्रबंधक श्री संजय पाठक सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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