जयपुर । स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से मुखातिब होते हुए जगजाहिर एक सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना कराना हर सरकार का काम है, फिर चाहे राजस्थान सरकार हो या गुजरात की सरकार। वहीं, कटारिया से जब पूछा गया कि क्या पूर्व मुख्यमंत्रियों को नैतिकता के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानकर अपना बंगला खाली नहीं कर देना चाहिए तो कटारिया ने कहा यह सवाल तो आप उनसे ही पूछिए।
पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले सहित कैबिनेट मंत्री के स्तर पर दी जाने वाली तमाम सुविधाओं को बरकरार रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी खारिज हो गई है। वहीं, उसके बाद अब सबकी निगाहें प्रदेश सरकार के अगले कदम पर टिकी है। हालांकि, इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का बयान सामने आया है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकार की एसएलपी खारिज होने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सिविल लाइंस स्थित 13 नंबर बंगला और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया को भी सरकारी आवास खाली करना होगा। इसके साथ ही इन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में मिल रही सुविधाएं भी वापस ली जाएगी।
राजस्थान में वर्ष 2019 में बढ़े आईपीसी अपराधों के आंकड़ों को लेकर पूर्व गृहमंत्री और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल पूछा है। कटारिया ने कहा कि जब मैं गृहमंत्री था, तब मुझ पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरोप लगाते थे कि मैं एक चपरासी का भी ट्रांसफर नहीं करवा सकता हूं। लेकिन अब मैं यह सवाल सीएम गहलोत से पूछ रहा हूं कि अब तक वह सर्व अधिकार संपन्न है, तो क्यों प्रदेश में 31 फीसदी आईपीसी अपराधों में वृद्धि वर्ष 2019 में हो गई।
कटारिया ने मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि कानून व्यवस्था को लेकर रोजाना मॉनिटरिंग की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें एक गृह राज्यमंत्री अलग से किसी को बनाना चाहिये। जिससे कि रोजाना कानून व्यवस्था की मॉनिटरिंग हो सके। उन्होंने कहा कि जयपुर जिला अपराधों के मामलों में टॉप पर आ गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार इतिहास में हुआ कि किसी सरकार के आते ही एक वर्ष में इतने अपराधों में वृद्धि हो जाये। कटारिया ने कहा कि जब वह पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में गृहमंत्री थे, तब वह रोजाना कानून व्यवस्था की मॉनटरिंग करते थे, साथ ही थानों का ग्रेडिंग सिस्टम था। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गृह विभाग को छोड़कर अन्य कार्यों में लग रहते है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार तो राजस्थान डकैती और रेप के मामले में रिकॉर्ड बना रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान अब अपराधों के मामलों में पूरे देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है।
राजस्थान में वर्ष 2019 में बढ़े आईपीसी अपराधों के आंकड़ों को लेकर पूर्व गृहमंत्री और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल पूछा है। कटारिया ने कहा कि जब मैं गृहमंत्री था, तब मुझ पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरोप लगाते थे कि मैं एक चपरासी का भी ट्रांसफर नहीं करवा सकता हूं। लेकिन अब मैं यह सवाल सीएम गहलोत से पूछ रहा हूं कि अब तक वह सर्व अधिकार संपन्न है, तो क्यों प्रदेश में 31 फीसदी आईपीसी अपराधों में वृद्धि वर्ष 2019 में हो गई।
कटारिया ने मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि कानून व्यवस्था को लेकर रोजाना मॉनिटरिंग की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें एक गृह राज्यमंत्री अलग से किसी को बनाना चाहिये। जिससे कि रोजाना कानून व्यवस्था की मॉनिटरिंग हो सके। उन्होंने कहा कि जयपुर जिला अपराधों के मामलों में टॉप पर आ गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार इतिहास में हुआ कि किसी सरकार के आते ही एक वर्ष में इतने अपराधों में वृद्धि हो जाये। कटारिया ने कहा कि जब वह पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में गृहमंत्री थे, तब वह रोजाना कानून व्यवस्था की मॉनटरिंग करते थे, साथ ही थानों का ग्रेडिंग सिस्टम था। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गृह विभाग को छोड़कर अन्य कार्यों में लग रहते है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार तो राजस्थान डकैती और रेप के मामले में रिकॉर्ड बना रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान अब अपराधों के मामलों में पूरे देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है।

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