जयपुर। राजस्थान में केंद्रीय वित्त आयोग का चार दिवसीय दौरा पूरा हो गया। वहीं दौरे के अंतिम दिन आयोग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके कैबिनेट मंत्रियों के साथ भी बैठक की।
इस दौरान आयोग ने प्रदेश के बढ़ते राजकोषीय घाटे को लेकर भी चिंता जताई। आयोग ने कहा कि प्रदेश में वेतन और पेंशन की जिम्मेदारी लगातार बढ़ती जाएगी तो विकास के काम प्रभावित होंगे।आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह ने कहा कि राजस्थान में पर्यटन की संभावना का एक अंश भी प्राप्त नहीं हुआ है। यह विडंबना है।
उन्होंने कहा कि इतना बड़ा राज्य होने के बाद भी यहां ज्यादातर शहरों में एयर कनेक्टिविटी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पर्यटन और सौर ऊर्जा को लेकर आयोग के सामने प्रस्ताव रखे हैं।
प्रदेश में पेयजल समस्या दूर करने के लिए स्पेशल पैकेज की मांग पर आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह कहा कि अब तक अयोग 26 राज्यों का दौरा कर चुका है और लगभग हर राज्य अपने लिए स्पेशल पैकेज मांग रहा है।
आयोग ने राज्य सरकार के साथ हुई बैठक में सौर ऊर्जा से जुड़ी संभावनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की। आयोग के सदस्य अरविंद मेहता ने बताया कि राजस्थान में सालाना 1 लाख 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है। यह पूरे देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरी कर सकता है।
आयोग ने प्रदेश में पेयजल समस्या दूर करने के लिए यहां के परंपरागत जल संरक्षण के उपायों को अधिक कारगर बताया। आयोग ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की कि प्रदेश में सिर्फ 13 ब्लॉक ही ऐसे बचे हैं जहां पर्याप्त जल बचा है।

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