बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल के अंत में होने वाले हैं पर ऐसा लग रहा है कि जनता दल यू को समय से पहले चुनाव होना का खटका है। बिहार में ऐसी आम धारणा है कि झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा का चुनाव होने के बाद भाजपा बिहार का चुनाव समय से पहले कराने पर विचार कर सकती है। यह भी आम धारणा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा और जनता दल यू अलग हो सकते हैं। इन चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने नया नारा देकर अपना चुनाव अभियान शुरू कर दिया है। जनता दल यू का नारा है- क्यों करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार। ध्यान रहे पिछली बार उनकी नारा था- बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है। इसी तर्ज पर इस बार ठीके तो है नीतीश कुमार का नारा दिया गया है।
ठीके तो है नीतीश कुमार के नारे पर मुख्य विपक्षी राजद की अलग व्याख्या है। उसका कहना है कि ठीके तो है का मतलब होता है ठीकठाक यानी कामचलाऊ होना। यानी ऐसा लग रहा है कि नीतीश अपने ही नारे में कामचलाऊ हो गए हैं। पर असल में बिहार में आम बोलचाल में इस जुमले का इस्तेमाल विरोधी आवाजों को समझाने के लिए किया जाता है। कोई किसी चीज पर सवाल उठाता है तो उसके जवाब में कहा जाता है- ठीके तो है, जिसे खड़ी बोली हिंदी में ठीक ही तो है कहा जाएगा।
बहरहाल, नीतीश कुमार की पार्टी ने अपना इरादा जाहिर कर दिया है। अगर केंद्र में मिली भारी भरकम जीत और राज्यों में अच्छे प्रदर्शन, कश्मीर और मंदिर मामले के बाद भी भाजपा बिहार में नंबर दो पार्टी बने रहने को तैयार होती है तब तो कोई बात नहीं है अन्यथा नीतीश कुमार इस बार अलग चुनाव लड़ेंगे।

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