शनिवार, 1 दिसंबर 2018

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जी सिर्फ जुमलों के प्रचार से काम नहीं चलेगा - एआईसीसी प्रवक्ता, पवन खेड़ा

क्या पवन खेड़ा के आरोपों का जवाब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह या भाजपा के पास है !
              
जयपुर । एआईसीसी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राजस्थान के चुनावी दौरे पर है,लेकिन सिर्फ़ जुमलों के प्रचार से काम नहीं चलेगा। अमित शाह को राजस्थान को की जनता को अपने बेटे के जादुई फॉर्मूले के बारे में बतलाना पढ़ेगा।

खेड़ा ने आरोप लगाया कि‘टेंपल इंटरप्राईज प्रा. लि, जो कि अमित शाह की धर्मपत्नी, पुत्रवधू व पुत्र- जय शाह की कंपनी है, ऐसा क्या व्यापार करती थी जो साल के भीतर 16000 गुना कारोबार बढ़ा रही थी? इसमें क्या संपत्तियां थीं, कितने कर्मचारी थे, क्या देनदारी थी व इन सबका पैसा कहां से आ जा रहा था? और जादू की वो कौन सी छड़ी थी, जिससे साल 2012-13 व 2013-14 में नुकसान कमाने वाली कंपनी ने भाजपा सरकार बनने के एक साल के भीतर 16000 गुना (यानि 16 लाख प्रतिशत) कारोबार बढ़ा लिया?

खेड़ा ने सवाल किया कि ऐसा क्या कारण था कि 16000 गुना बढ़े कारोबार वाली इस कंपनी, यानि टेंपल इंटरप्राईज प्रा. लि., को अक्टूबर, 2016 में नुकसान दिखा बंद करने की नौबत आ गई? क्या आयकर विभाग की जिम्मेदारी नहीं बनती थी कि वो ऐसी संदिग्ध स्थिति में बंद होने वाली कंपनी को नोटिस दे जांच करते? गुजरात व देश का व्यापारी तो अपने सही व्यवसाय व बैंक में पैसा जमा कराने पर भी इंकम टैक्स विभाग द्वारा उत्पीड़ित किया जाता है, तो अमित शाह के पुत्र की कंपनी के अचानक फायदे व अचानक नुकसान के बारे में आंख पर पट्टी क्यों बांध ली जाती है? जनता यह भी जानना चाहती है कि इस उक्त कंपनी के एक कमरे के कार्यालय में ऐसी क्या विलासितापूर्ण वस्तुऐं व सुविधाएं थीं कि उसका किराया 80 लाख रु. दिखाया गया? यह ऐसा फायदे का मॉडल, साझे का आदर्श मॉडल, राज्य के विकास के लिए बन जाना चाहिए। और यह साझा होना चाहिए इस जादुई तरक़्क़ी के लिए प्रदेश के बेबस किसान के साथ, हताश व्यापारी के साथ, निराश नागरिक के साथ – ऐसा सच्चा राष्ट्रवाद मोदी-शाह-रमन सिंह कब दिखाएँगे ?


उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह के पुत्र जय शाह की कंपनी, टेंपल इंटरप्राईज़ प्रा. लि. के खातों में यह भी दर्शाया गया है, कि 51 करोड़ रु. की राशि विदेशों से आई है। जनता जानना चाहती है कि ऐसी कौन सी खरीद फरोख्त या व्यवसाय किन-किन देशों में किया गया, जिससे करोड़ों रुपया विदेश से कंपनी के खाते में आया? क्या अमित शाह व जय शाह इस पर प्रकाश डालेंगे? क्या करोड़ों की राशि विदेश से कंपनी के खाते में आने पर किसी सरकारी एजेंसी के कान नहीं खड़े हुए व कभी कोई पूछताछ क्यों नहीं की गई? यदि यही राशि, किसी साधारण व्यक्ति की कंपनी (जिसका कारोबार 1 साल पहले तक मात्र 50,000 रु. हो) में आ जाता तो फिर क्या ई.डी./सी.बी.आई/इंकम टैक्स आदि विभाग उसका जीना दूभर नहीं कर देते?


खेड़ा ने आरोप लगाया कि अब दूसरी कंपनी - कुसुम फिनसर्व प्रा. लि. - की बात करें, जिसे बाद में एलएलपी में बदला गया। यह भी अमित शाह के पुत्र जय शाह की कंपनी है। उक्त कंपनी को कालूपुर कमर्शियल कोआपरेटिव बैंक द्वारा 25 करोड़ का ऋण महज 6.20 करोड़ की दो संपत्तियों को गिरवी रख दिया गया। एक संपत्ति अमित शाह की मल्कियत है और दूसरी यशपाल चुदासमा की। यह वही यशपाल चुदासमा हैं जिन्हें सीबीआई द्वारा सोहराबुद्दीन व कौसर बी. फर्जी एनकाउंटर केस में आरोपित किया गया था, व साल 2015 में सीबीआई कोर्ट ने इन्हें व अमित शाह को बरी कर दिया। देश की जनता रिज़र्व आर.बी.आई. से पूछना चाहती है कि क्या आरबीआई व बैंक के नियम इस बात की अनुमति देते हैं कि मात्र 6.20 करोड़ की संपत्ति पर 25 करोड़ का ऋण दिया जा सके? क्या इन्हीं उदार शर्तों पर कालूपुर बैंक द्वारा ऐसा ऋण अन्य किसानों व छोटे व्यवसायियों को भी दिया गया है या फिर मापदंड अलग-अलग हैं? 

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