गुरुवार, 10 सितंबर 2020

कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवारों का दर्द, कहा-निर्दलीयों को सरकार में मिल रही है तवज्जो

 जयपुर। कांग्रेस प्रभारी अजय माकन  के फीडबैक कार्यक्रम में कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवारों ने अपना दर्द बयां किया है। कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवारों   ने अजय माकन के सामने सरकार में निर्दलीय विधायकों को ज्यादा तरजीह मिलने और पार्टी के उम्मीदवारों को कम महत्व मिलने का मुद्दा उठाते हुए एतराज जताया।


जयपुर के शाहपुरा से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे मनीष यादव और दूदू के रितेश बैरवा ने माकन से कहा हमें हराने वाले विधायकों को सरकार में हमसे ज्यादा तवज्जो मिल रही है।ऐसे में शाहपुरा और दूदू में फिर कांग्रेस कैसे मजबूत होगी। सीकर के खंडेला से कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष मील ने भी निर्दलीयों को तवज्जो मिलने पर बैठक में नाराजगी जताई। सुभाष मील ने कहा कि मुझे कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर 45 हजार वोट मिले थे, लेकिन मुझे हराने वाले को महत्व दिया जा रहा है। उन 45 हजार मतदाताओं ने क्या गुनाह किया था ? सरकार और संगठन में हमें भी तवज्जो दी जाए।



कांग्रेस के बागियों ने ही हराया है पार्टी प्रत्याशियों को


माकन की बैठक में जिन तीन नेताओं ने निर्दलीयों को ज्यादा तवज्जो मिलने का सवाल उठाया था उनके इलाकों में निर्दलीय कांग्रेस को हराकर जीते हैं। दूदू में बाबूलाल नागर ने कांग्रेस उम्मीदवार रितेश बैरवा को हराया। शाहपुरा में निर्दलीय आलोक बेनीवाल ने मनीष यादव को हराया तो खंडेला में निर्दलीय महादेव सिंह खंडेला ने कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष मील को हराया था। 


अब सभी निर्दलीय सरकार को समर्थन दे रहे हैं


कांग्रेस प्रत्याशियों को हराने वाले सभी निर्दलीय अब सरकार को समर्थन दे रहे हैं। समर्थन के एवज में सभी निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस के विधायकों के बराबर ही तवज्जो मिल रही है। सरकार में उनके काम प्राथमिकता से हो रहे हैं। इस वजह से निर्दलीय विधायकों वाली सीटों पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं के सामने भारी समस्या पैदा हो गई है।

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