शनिवार, 5 सितंबर 2020

प्रदेश कांग्रेस के नए प्रभारी अजय माकन ने संगठन की नब्ज़ टटोलना शुरू कर दिया


 जयपुर। प्रदेश कांग्रेस के नए प्रभारी अजय माकन ने संगठन की नब्ज़ टटोलना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की तरफ से जनता के सामने रखे गए जन घोषणा पत्र की परख भी शुरू कर दी है। माकन कहते हैं कि 20 महीने के कार्यकाल में सरकार ने घोषणा पत्र के 60 से 70 पीसी वादों को पूरा कर दिया है। माकन ने तो सरकार के काम पर मुहर लगाते हुए यह बात कही, लेकिन उनके इस सर्टिफिकेट ने सरकार पर निशाना साधने के लिए बीजेपी को एक और मौका दीजिए दे दिया है।


राजस्थान में इस चुनावी घोषणा पत्र की अहमियत ज्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकारें इसको अपनी 'गीता' मानकर काम करती हैं। प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई तो कैबिनेट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र को रखा और कैबिनेट की मंजूरी दिलाकर इसे तत्कालीन मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को सौंप दिया।सरकार ने ब्यूरोक्रेसी को इस बात के लिए ताकीद भी किया कि सभी अफसर जन घोषणा पत्र को ध्यान में रखकर ही काम करें। 


मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में भी घोषणा पत्र के मुद्दों को शामिल किया। अब पिछले दिनों कांग्रेस संगठन और सरकार के कामकाज की समीक्षा के दौरान नए प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन ने सरकार के मंत्रियों से घोषणा पत्र पर भी फीडबैक लिया। माकन कहते हैं कि 20 महीने के कार्यकाल में सरकार ने घोषणा-पत्र के तकरीबन 60 से 70 फ़ीसदी बिंदुओं पर काम किया है और यह किसी भी राज्य सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है। 


कांग्रेस के जन घोषणा पत्र को लेकर अजय माकन का दावा अपनी जगह है, लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इस दावे पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस के घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा बताते हुए पूनिया कहते हैं कि घोषणापत्र की अधिकांश वादों को पूरा करने का दावा करके कांग्रेस इस झूठ को और ज्यादा स्थापित करने की कोशिश कर रही है। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफी की बात भी कही गई थी और ऐसे में चाहे सरकार... जन घोषणा पत्र के कितने ही बिंदुओं को पूरा करने का दावा कर ले, लेकिन जब तक किसानों की कर्ज माफी पूरी तरह नहीं होती तब तक घोषणा पत्र का क्रियान्वयन भी पूरा नहीं माना जा सकता।


बीजेपी भले ही घोषणा पत्र को लेकर अजय माकन के दावों पर सवाल उठा रही हो, लेकिन अजय माकन कहते हैं कि अपनी बात को साबित करने के लिए सरकार खुद ही 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन जनता के सामने घोषणा पत्र की क्रियान्वित रिपोर्ट रखेगी। वे यह भी कहते हैं कि कितनी घोषणाएं हासिल की? कैसे काम किया? यह सब भी सब जनता को जानने का अधिकार है और इसी नाते जनता के सामने रिपोर्ट कार्ड रखा जाएगा।


इस सब के बीच विपक्ष अपना मोर्चा पकड़ कर बैठा है।  बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि सरकार के दावे भले कुछ भी हों, लेकिन रेटिंग के नजरिए से बात की जाए तो सरकार के काम को पासिंग मार्क्स भी नहीं मिलेंगे। पूनिया की नज़र में तो सरकार का स्कोर 36 फ़ीसदी से भी कम ही है।


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