रविवार, 27 सितंबर 2020

मेक इन इंडिया का क्या होगा?



 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया का ऐलान किया था, जिसे पिछले कुछ समय से आत्मनिर्भर भारत का नाम दिया गया है। कोरोना वायरस का संकट शुरू होने और चीन से अनेक देशों का मोहभंग होने के बाद भारत में इस बात का जोर-शोर से प्रचार हुआ था और सरकार ने भी बड़े राहत पैकेज का ऐलान कर, कानूनों में बदलाव कर दावा किया था कि दुनिया की बड़ी कंपनियां अब चीन से अपना काम समेटेंगी और भारत में फैक्टरी लगाएंगी। अभी तक कोई नई कंपनी फैक्टरी लगाने नहीं आई है पर कम से कम चार बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने काम समेटने का ऐलान कर दिया है।


मोटर साइकिल बनाने वाली दुनिया की मशहूर कंपनी हार्ले डेविडसन ने भारत से कारोबार समेटने का ऐलान किया है। कंपनी ने कहा है कि दस साल तक संघर्ष करने के बाद अब नहीं लग रहा है कि वह यहां काम कर पाएगी। कर के भारी बोझ की वजह से कंपनी यहां से काम समेट रही है। सोचें, इस कंपनी के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था और टैक्स घटाने की बात की थी। इसके बावजूद कंपनी भारत में निर्माण का काम बंद करेगी। खबर है कि वह हीरो मोटर्स के साथ बिक्री का करार कर रही है।


हार्ले डेविडसन से ठीक पहले जापान की मशहूर कार कंपनी टोयोटा ने ऐलान किया था कि वह भारत में अपना कारोबार नहीं बढ़ाएगी। कंपनी ने कहा था कि काम बंद भी नहीं करेगी पर विस्तार भी नहीं होगा। हालांकि बाद में सरकार ने डैमेज कंट्रोल के तहत कंपनी के भारतीय पार्टनर किर्लोस्कर से बयान दिलवाया कि इलेक्ट्रोनिक कंपोनेंट के कारोबार में कंपनी दो हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी। एक तरफ कंपनियां सरकार से कर की व्यवस्था की शिकायत कर रही है तो दूसरी ओर सरकार का रवैया कंपनियों को धमकाने वाला है। सरकार उनसे कह रही है कि वे पैरेंट कंपनी को हिस्सा भेजना कम करें। टोयोटा और हार्ले डेविडसन से पहले पिछले साल यानी 2019 में अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर्स ने अपना काम समेटने का ऐलान किया था और कहा था कि भारत की पार्टनर कंपनी महिंद्रा के साथ ज्वाइंट वेंचर में उसका जो भी एसेट है उसे वह यहां से ट्रांसफर करेगी। उससे दो साल पहले एक और अमेरिकी मोटर कंपनी जेनरल मोटर्स ने 2017 में भारत से अपना काम समेट लिया। एक तरफ तो अमेरिकी और जापानी कंपनियां भारत से अपना काम समेट रही हैं और दूसरी ओर चीन की कंपनी भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में घुस गई है। जल्दी ही यह सेक्टर उसके नियंत्रण में जा सकता है। 

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