सोमवार, 30 सितंबर 2019

25 साल बाद देश में इतनी बारिश, 102 सालों में तीसरी बार सितंबर में हुई 240 MM से अधिक वर्षा, सबसे ज्यादा मौत यूपी में

देश के 15 राज्यों में पिछले चार दिनों से जारी बारिश का सिलसिला  जारी रहा। पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के बीच देश में पिछले तीन दिनों में 139 लोगों की मौत हो चुकी है, सितंबर की बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। 25 साल पहले 1994 में 255.8 मिमी बारिश हुई थी, जबकि इस बार अब तक 244 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है। सोमवार के आंकड़े आने बाकी हैं। मालूम हो ​िक 1917 में सबसे अधिक 285 मिमी बारिश हुई थी।

खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से पिछले 24 घंटे में 71 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा यूपी में 35 और बिहार में 21 लोगों की जान गयी है. अन्य चार राज्यों में कुल 15 लोगों की मौत हुई है। 

बिहार के 22 और यूपी के 15 जिलों में बाढ़ से स्थिति खराब है। यूपी के 28 जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। हालांकि, मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, एक जून से लेकर 29 सितंबर तक बिहार में हुई कुल बारिश सामान्य से दो फीसदी कम है। प्रदेश में अब तक सामान्य बारिश का आंकड़ा 1013.3 मिमी है जबकि वास्तव में 989.4 मिमी बारिश हुई है। 

मौसम विभाग के मुताबिक, एक जून से लेकर 29 सितंबर तक बिहार में हुई कुल बारिश सामान्य से दो फीसदी कम 

सबसे ज्यादा मौत यूपी में

93 मौत गुरुवार से अब तक उत्तर प्रदेश में 
29 लोगों की मौत अबतक बिहार में बारिश और बाढ़ से हुई है
13 मौत उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई दर्ज
03 महिलाओं की मौत गुजरात में बाढ़ में कार बहने से हुई
01 सब इंस्पेक्टर (बीएसएफ) जम्मू में सीमा पर नदी में बहा

दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग प्रभावित

बलिया से छपरा के बीच रेल ट्रैक पानी में डूबा
सात ट्रेनें रद्द करनी पड़ी इस सेक्शन पर
छह ट्रेनों को दूसरे मार्गों से किया गया रवाना
उत्तर-पूर्व रेलवे में कुल 30 ट्रेनें की गयी हैं रद्द

भारी बारिश की तीन प्रमुख वजहें

अगस्त महीने से भूमध्य सागर पर सक्रिय अल नीनो जिसने जुलाई से मॉनसून को दी रफ्तार 
इसी दौरान हिंद महासागर में भी मॉनसून को गति देने वाला एक सिस्टम हुआ सक्रिय
बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक बनने वाले लो प्रेशर सिस्टम ।

शासन सचिवालय में औचक निरीक्षण, 70 फीसदी सरकारी कर्मचारी लेटलतीफ

जयपुर। जब शासन सचिवालय में ही 70 फीसदी से अधिक सरकारी कर्मचारी वक्त पर नहीं आते है, तो सचिवालय के बाहर अन्य विभागों के कर्मचारियों का क्या हाल होगा। जी हां सोमवार को सरकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी देखने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग की टीम ने शासन सचिवालय के विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया।

इस दौरान अधिकत्तर कर्मचारी अपनी सीट पर मौजूद नहीं मिले। प्रशासिक सुधार विभाग की टीम ने सचिवालय में औचक निरीक्षण करके 301 रजिस्टर जब्त किए गए। टीम के औचक निरीक्षण से सचिवालय के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में हाजिरी करने लगे लेकिन लेट आने वाले कर्मचारियों को टीम ने उपस्थिति रजिस्टर पर हाजिरी नहीं लगाने दी और रजिस्टर को जब्त कर लिए।

प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री आर वेंकटेश्वरन ने बताया कि सचिवालय कार्मिक समय पर नहीं आते हैं इसके चलते कामकाज प्रभावित हो रहा है । औचक निरीक्षण का उद्देश्य कर्मचारियों को समय पर आने के लिए पाबंद करना है। उन्होंने बताया कि लेट आने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। शासन सचिवालय में करीब 5 वर्ष बाद यह कार्रवाई हुई है। पहले भी ऐसा निरीक्षण होता रहा है लेकिन माना जा रहा है कि तब इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई हैं। वहीं इस निरीक्षण में मंत्रियों,सचिवों,प्रमुख सचिवों व सचिवो के निजी स्टाफ को अछूता रखने की शिकायतें भी मिली हैं ।

निरीक्षण के दौरान शासन सचिवालय के विभिन्न विभागों के 728 राजपत्रित अधिकारियों में से 520 एवं 2059 अराजपत्रित कर्मचारियों में से 1480 को अनुपस्थित पाये गये। इस प्रकार 71 प्रतिशत राजपत्रित अधिकारी एवं 72 प्रतिशत अराजपत्रित कर्मचारी अनुपस्थित रहे। समग्र रूप में अनुपस्थिति 71.50 प्रतिशत अंकित की गई। अनुपस्थित कर्मचारियों व अधिकारियों के विरूद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के 18 अधिकारियों का स्थानान्तरण



जयपुर । राज्य सरकार ने आदेश जारी कर सूचना एवं जनसम्पर्क सेवा के 18 अधिकारियों का स्थानान्तरण किया है। जिनमे  4 उप निदेशक, 6 सहायक निदेशक, 6 जनसम्पर्क,  अधिकारी एवं 2 सहायक जनसम्पर्क अधिकारियों का विभिन्न स्थानों पर पदस्थापन किया गया है।

आदेश के अनुसार  राजेश कुमार व्यास को उप निदेशक, साहित्य शाखा, मुख्यालय जयपुर,  सीताराम मीणा, को उप निदेशक आयोजना शाखा, मुख्यालय जयपुर,  राजेन्द्र सिंह मीणा को उप निदेशक, सूजसका, भरतपुर,  दीपक दत्त आचार्य, को उप निदेशक सूजसका, जैसलमेर में पदस्थापित किया गया है। 

इसी प्रकार  गणपत सिंह नारोलिया को सहायक निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग   ब्रजेश कुमार सामरिया को सहायक निदेशक सूजसका, सवाई माधोपुर,  आलोक आनंद को सहायक निदेशक मुख्यमंत्री कार्यालय,  विवेक जादौन, को सहायक निदेशक सूजसका , नागौर,  विजय खण्डेलवाल को सहायक निदेशक सार्वजनिक निर्माण विभाग, जयपुर, सुश्री क्षिप्रा भटनागर को सहायक निदेशक, पंजीयन शाखा, मुख्यालय जयपुर में लगाया गया है।

आदेश के अनुसार  आशीष कुमार जैन, को जनसम्पर्क अधिकारी, क्षेत्र प्रचार शाखा, मुख्यालय जयपुर, श्रीमति कविता जोशी को जनसम्पर्क अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, जयपुर,  पवन कुमार शर्मा को जनसम्पर्क अधिकारी, सूजसका, पाली, भानु प्रताप सिहं गुर्जर को जनसम्पर्क अधिकारी अजमेर डिस्कॉम,  धमेन्द्र कुमार मीणा को जनसम्पर्क अधिकारी करौली,  प्रमोद कुमार वैष्णव को जनसम्पर्क  अधिकारी, राजस्थान आवास मण्डल, जयपुर में पदस्थापित किया गया है। 

इसी प्रकार  राजेश यादव, को सहायक जनसम्पर्क अधिकारी सूजसका, जालौर एवं  मनोज कुमार को सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, सूजसका, झुंन्झुनू में पदस्थापित किया गया है।

आवारा कुत्तों के काटने की समस्या के सम्बंध में बनेगी टास्क फोर्स

जयपुर। जयपुर शहर में आवारा कुत्तों के काटने की समस्या के निदान के सम्बंध में अधिकारियों की एक टास्क फोर्स का गठन होगा। यह टास्क फोर्स न्यायालयों के निर्णयों और अन्य प्रावधानों की परिधि में कुत्तों द्वारा लोगों को काटने की घटनाओं में कमी और इससे होने वाले रैबीज रोग की रोकथाम के लिए अपने सुझाव देगी। जयपुर के जिला प्रभारी सचिव एवं उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुबोध अग्रवाल ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस बारे में निर्देश प्रदान किए।

डा. अग्रवाल ने कहा कि जिले के विभिन्न विभागों प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ प्रत्येक बैठक में कुछ विशेष बिन्दुओं को चिन्हित किया जाएगा। इस विशेष एजेंडे पर फोकस करते आमजन के हितों में त्वरित प्रयास किए जाएंगे ताकि उनकों इसका फायदा मिल सके। प्रभारी सचिव ने आगामी बैठक से पहले कुत्तों के काटने की समस्या के अलावा, अवैध बूस्टरों का प्रयोग करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने, सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों को बेहतर बनाने तथा अंतर विभागीय मुद्दों का आपसी समन्वय से जिला स्तर पर प्राथमिकता के साथ समाधान निकाल कर जनता को राहत देने के मुद्दे भी विशेष रूप से तय किए गए।

प्रभारी सचिव ने अधिकारियों को अपने विभाग के स्तर पर जनससमयाओं का प्राथमिकता से निकराकरण करने और आपस में समन्वय से कार्य करते हुए योजनाओं और कार्यक्रमों से लोगों को लाभान्वित करने के लिए सतत एवं ठोस कार्यवाही करने के भी निर्देश प्रदान किए। प्रभारी सचिव ने कहा कि राज्य सरकार के स्तर के जिले से सम्बंधित बिन्दुओं को भी वे ध्यान में लाए ताकि उनका उच्च स्तर से निर्णय कराने के प्रयास किए जा सके।

बैठक में जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रति सप्ताह सेवा प्रदाता विभागों की बैठक लेकर जनता से जुड़े मुद्दों का निस्तारण करने की प्रगति पर नजर रखीं जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को बेहतर परिणाम के लिए जनता से जुड़े मूल विषयों पर केन्दि्रत होकर कार्य करने को कहा।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रथम) इकबाल खान, अतिरिक्त जिला कलक्टर (पूर्व) राजीव पाण्डेय, अतिरिक्त जिला कलक्टर (चतुर्थ) अशोक कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर (उत्तर) कनिष्क सैनी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर (तृतीय) राजेन्द्र कविया के अलावा सम्बंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

राज्य सरकार का आम जन को तोहफा

1 गांधी जयंती 2 अक्टूबर से 28 फरवरी तक खादी के उत्पाद मिलेंगे आधी कीमत पर

2 राज्य सरकार ने 35 प्रतिशत छूट की घोषणा की

3 राज्य के इतिहास में पहली बार खादी पर इतनी बड़ी छूट

जयपुर । राज्य सरकार ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती के अवसर पर 2 अक्टूबर से 28 फरवरी 2020 तक खादी के उत्पादों पर 35 प्रतिशत की छूट की घोषणा की है। राज्य के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब इतनी बड़ी छूट खादी के उत्पादों पर दी गई है। इससे पहले अधिकतम 10 प्रतिशत तक की छूट सरकार की ओर दी गई थी। राज्य सरकार की इस घोषणा से एवं खादी आयोग की तरफ से कुल 50 प्रतिशत की छूट का लाभ ग्राहकों को मिल सकेगा।
          
राज्य में खादी वस्त्रों की फुटकर बिक्री पर यह विशेष छूट सूती, ऊनी खादी, रेशमी खादी, पॉली वस्त्र एवं पॉली वूल पर उपलब्ध होगी। यह छूट खादी ग्रामोद्योग द्वारा पंजीकृत खादी संस्था, समिति द्वारा संचालित बिक्री भंडार, उत्पादन केंद्र एवं प्रदर्शनियों पर देय होगी।
        

इस घोषणा से राज्य में खादी उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी होगी। साथ ही कतिन बुनकरों को भी रोजगार में लाभ होगा। खादी बिक्री में वृद्धि से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी तथा ग्रामीण लोगों के पलायन पर रोक लग सकेगी।

उपभोक्ता संघ की साधारण सभा ने पारित किया 17.58 करोड़ का बजट

जयपुर। उपभोक्ता संघ के प्रशासक एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि दैनिक जीवन में सूचना प्रौद्योगिकी एवं तकनीक के बढ़ते उपयोग से दिन प्रतिदिन बाजार में तेजी से प्रतिस्पद्र्धा बढ़ रही है साथ ही बाजार में उपभोक्ताओं की नई जरूरतें सामने आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि हमें बाजार में हो रहे बदलावों को समझते हुये उपभोक्ताओं की जरूरतों को पहचानते हुये सहकारी क्षेत्र में सेवाओं कीगुणवत्तापूर्णतरीके से उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिये। उपभोक्ता संघ (राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लि., जयपुर) की 34वीं वार्षिक साधारण सभा द्वारा वर्ष 2019-20 की अवधि के लिये कार्य योजना एवं 17 करोड़ 58 लाख रुपये का बजट सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

डॉ. पवन सोमवार को सहकार भवन के सभागार में उपभोक्ता संघ की आयोजित 34वीं वार्षिक साधारण सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता हमें विपरीत परिस्थितियों में एक सबके लिये, सब एक के लिये की मूल भावना के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उपभोक्ता संघ विपरीत वित्तीय परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिये उपभोक्ता संघ एवं सदस्य संस्थाओं को एक परिवार के रूप में एकजुट रहकर कार्य करना होगा।

उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता सहकारिता की पहचान है और इसके साथ किसी प्रकार का समझौता संभव नहीं है। इसलिये सभी सेवायें एवं उत्पाद उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारीे पूरी तरह से निभानी होगी। उन्होंने कहा कि समाज के प्रति सरोकार सहकारिता के मूल सिद्धान्तों में से एक है। इसलिये यह हमारा दायित्व है कि हमें पटाखों के संबंध में दिये गये माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तथा नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक की मुहिम को ध्यान में रखते हुये अपने व्यवसाय करें।

उपभोक्ता संघ के प्रबंध संचालक संजय गर्ग नेप्रशासक की अनुमति से साधारण सभा के समक्ष बिन्दुवार एजेण्डा रखा औरविचारणीय विषयों के साथ भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की।उन्होंने साधारण सभा के समक्ष वर्ष 2017-18 की साधारण सभा की कार्यवाही विवरण, वर्ष 2018-19 के अन्तिम लेखे एवं ऑडिट रिपोर्ट के भाग ‘अ’ की अनुपालना रिपोर्ट तथा वर्ष 2019-20 अवधि के लिये प्रस्तावित बजट का विवरण प्रस्तुत किया, जिनका साधारण सभा में उपस्थित सभी सदस्याें ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया।

बैठक में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) विजय कुमार शर्मा, संयुक्त शासन सचिव (वित्त) मेवा राम जाट, सदस्य जिला उपभोक्ता होलसेल भण्डारों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों के अध्यक्ष तथा उपभोक्ता संघ के संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

मणिपाल हॉस्पिटल्स जयपुर ने विश्व हृदय दिवस को यादगार बनाने के लिए गार्डियंस ऑफ द हार्ट अभियान लांच किया हार्ट हीरो बनें – हार्ट स्मार्ट नेशन बनाने का प्रयास

जयपुर। (निक मेडिकल)हार्ट हीरोज बनाने के उद्देश्य से, मणिपाल हॉस्पिटल्स, भारत के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ने आज विश्व हृदय दिवस अभियान – गार्डियंस ऑफ द हार्ट अभियान का शुभारंभ किया। मणिपाल के विभिन्न अस्पतालों जयपुर, द्वारका, नई दिल्ली, विजयवाड़ा, मैंगलोर, गोवा, में और कॉर्पोरेट अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के शुभारंभ के साथ, मणिपाल का उद्देश्य आम आदमी को हर क्षेत्र में हार्ट स्मार्ट बनने के लिए प्रेरित करना, शिक्षित करना जिससे स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण हो सके।

कार्डियक टीम जो इस कार्यक्रम में उपस्थित थी डॉ विक्रम गोयल, कार्डियक सर्जरी, मणिपाल अस्पताल जयपुर, डॉ राजीव गहलोत, कार्डियक सर्जरी, मणिपाल अस्पताल जयपुर, डॉ. रशीद अहमद, कार्डियोलॉजी विभाग, मणिपाल अस्पताल जयपुर, डॉ. अंशुल के. गुप्ता, कार्डियोलॉजी विभाग, मणिपाल अस्पताल जयपुर और डॉ. राम शरण चतुर्वेदी, कार्डियक एनेस्थिसियोलॉजी, मणिपाल अस्पताल जयपुर

गार्डियंस ऑफ द हार्ट अभियान के तहत, अस्पताल ने विश्व हृदय दिवस को यादगार बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया। 26 और 27 सितंबर को, मणिपाल हॉस्पिटल्स जयपुर की कार्डियोलॉजी टीम ने एक्सक्लूसिव वर्कशॉप का आयोजन किया और लोगों के लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन ट्रेनिंग दी और उन्हें दिल की बिमारीयों की आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया।

24 सितंबर 2019 को वर्धमान स्कूल में सीपीआर कार्यशाला का आयोजन किया गया जहाँ शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। 28 सितंबर को लॉयन्स क्लब, अग्रवाल समाज समिति, रेलवे विहार, केंद्र विहार और डब्लू़एचओ के सहयोग से घर के अंदर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) हृदय और मस्तिष्क मे महत्वपूर्ण रक्त प्रवाह बनाए रखने में मदद करता है। यह मस्तिष्क के कार्यों को मैन्युअल रूप से संरक्षित करने का एक प्रयास है जब तक कि आगे का उपचार नहीं किया जाता हैं तब तक के लिए यह एक बहुत प्रभावी तकनीक है जो मरीज के जीवित रहने की संभावना को दोगुना करती है।

प्रशिक्षण में सभी क्षेत्रों के लोगों ने बड़े उत्साह और प्रेरणा के साथ हार्ट हीरोज बनने के लिए भाग लिया। प्रशिक्षण में भाग लेने वाले लगभग 500 लोगों को हार्ट स्मार्ट प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया था और शहर में लगभग 10 स्थानों पर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) लगाने के लिए प्रेरित किया गया था। कार्डियोलॉजी टीम ने प्रशिक्षण के अलावा, जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्वस्थ हृदय बनाए रखने और स्वस्थ जीवन शैली जीने और तनाव को दूर करने के उपायों के बारे में लोागों को बताया।

अध्ययन यह बताते है की लगभग 80 प्रतिशत दिल के दौरे तब होते हैं जब आप घर पर होते हैं और इसलिए जीवन बचाने के लिए सीपीआर एक महत्वपूर्ण व उपयोगी साधन है। पिछले साल, मणिपाल हॉस्पिटल्स ने शिक्षकों को दिल को स्मार्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया और 25000 हार्ट स्मार्ट शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर प्रमाण पत्र दिया गया।

मणिपाल हॉस्पिटल्स जयपुर के हाॅस्पिटल डायरेक्टर श्री जी कार्ति हैवलान ने इस अवसर पर कहा,मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर हमेशा से ही स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है जिससे आम आदमी को फायदा होता है। स्वास्थ्य सेवाओं और विषेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ उच्च गुणवत्ता मानको के साथ, अत्याधुनिक उपकरणों के द्वारा हमने मणिपाल अस्पताल जयपुर की स्थापना के बाद से कई दुर्लभ रोगों ऑपरेशन करके हमने कई लोगों का जीवन बचाया है। हम अपने संरक्षकों को विश्व स्तर के चिकित्सा उपचार प्रदान करने का निरंतर प्रयास करते हैं। ”

विश्व हृदय दिवस पर जानकारी साझा करते हुए, डॉ. विक्रम गोयल, कार्डियक सर्जरी, मणिपाल हॉस्पिटल्स जयपुर ने कहा, “आज दिल की विफलताएं सभी आयु समूहों के बीच काफी व्याप्त हो रही हैं। लोगों को अपनी जीवन शैली से सावधान रहना चाहिए और तनाव लेने, अस्वास्थ्यकर भोजन खाने, तंबाकू और शराब के सेवन के अलावा गतिहीन जीवन जीने से बचना चाहिए। आँकड़े चिंताजनक हैं और कुछ चैकाने वाले अनुमानों की और सकेंत करते है। भारत मे इस समय लगभग 2 मिलियन दिल के दौरे पडते है। और अधिकांश पीड़ित युवा हैं।

”स्वस्थ हृदय बनाये रखने के टिप्स के बारे में बात करते हुये डॉ. राजीव गहलोत, कार्डियक सर्जरी, मणिपाल हॉस्पिटल्स जयपुर ने कहा, “प्रारंभिक अवस्था में स्वस्थ जीवनशैली अपनाना दिल की बीमारियों को दूर रखने में फायदेमंद हो सकता है। भारतीयों को कोरोनरी धमनी की बीमारी वंषानुगत मिली है। इसलिए,नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना उचित है। सांस की तकलीफ, थकान, शरीर में तरल पदार्थ का निर्माण, लगातार खांसी या घरघराहट, भूख न लगना, मितली, भ्रम और हृदय गति में वृद्धि आदि हृदय रोगों के कुछ सामान्य लक्षण हैं। ”
मणिपाल हॉस्पिटल्स जयपुर के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. रशीद अहमद ने कहा, “हर साल 17.9 मिलियन लोग हृदय रोग और स्ट्रोक सहित कार्डियो वेस्कुलर बीमारियों से मर जाते हैं। भारत में होने वाली मौतों में से हर पांचवीं मौत कोरोनरी हृदय रोग से होती है। वर्ष 2020 तक, हृदय रोग सभी मौतों में से एक तिहाई के लिए जिम्मेदार होगा। अफसोस की बात है कि मरने वालों मे कई भारतीय युवा भी होगेे। भारत में हृदय रोग पश्चिमी देषों की तुलना में 10 से 15 साल पहले होता है। ”

मणिपाल हॉस्पिटल्स जयपुर के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. अंशुल के गुप्ता ने कहा, “अध्ययन बताता है कि लगभग 80 प्रतिषत दिल के दौरे तब होते हैं जब आप घर पर होते हैं और इसलिए पहली प्रतिक्रिया के रूप में, सीपीआर जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पिछले साल, मणिपाल हॉस्पिटल्स ने शिक्षकों को हार्ट स्मार्ट बनाने के लिए समान प्रशिक्षण दिया और 25000 हार्ट स्मार्ट शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र प्रदान किया

राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए आरबीआई से 30000 करोड़ का अंतरिम लाभांश ले सकती है सरकार

केंद्र सरकार पहले भी राजकोषीय घाटा कम करने के लिए आरबीआई से अंतरिम लाभांश ले चुकी है। पिछले साल सरकार ने आरबीआई से 28 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश लिया था।इससे पहले 2017-18 में इस तरह से 10 हजार करोड़ रुपये लिए गए थे।
केंद्र सरकार राजकोषीय घाटा के लक्ष्य को पाने के लिये इस वित्त वर्ष के अंत तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से करीब 30 हजार करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश की मांग कर सकती है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।

राजस्व संग्रह में कमी तथा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में छह साल के निचले स्तर पर पहुंची वृद्धि दर को 5 प्रतिशत से ऊपर उठाने के लिए किए गए उपायों के कारण सरकार के वित्त संसाधनों पर दबाव है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘यदि आवश्यकता हुई तो केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक से 25-30 हजार करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश की मांग कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि इस बारे में जनवरी की शुरुआत में आकलन किया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि रिजर्व बैंक के लाभांश के अतिरिक्त विनिवेश को बढ़ाने और राष्ट्रीय लघु बचत कोष का अधिक इस्तेमाल करने समेत कुछ अन्य साधन भी हैं।

सरकार पहले भी राजकोषीय घाटा कम करने के लिये रिजर्व बैंक से अंतरिम लाभांश ले चुकी है। पिछले साल सरकार ने रिजर्व बैंक से 28 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश लिया था। इससे पहले 2017-18 में इस तरह से 10 हजार करोड़ रुपये लिये गये थे।

पिछले महीने गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व वाले आरबीआई केंद्रीय बोर्ड ने सरकार को 1,76,051 करोड़ की राशि हस्तांतरित करने के लिए अपनी मंजूरी दी थी, जिसमें वर्ष 2018-19 के लिए 1,23,414 करोड़ रुपये का अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान शामिल थे. अतिरिक्त प्रावधान की यह राशि आरबीआई की आर्थिक पूंजी से संबंधी संशोधित नियमों (ईसीएफ) के आधार पर निकाला गया है।

कुल राशि में से 28 हजार करोड़ रुपये सरकार को अंतरिम लाभांश के रूप में पहले ही ट्रांसफर किया जा चुका है।

बता दें कि, बजट 2019-20 में चालू वित्त वर्ष के लिए सकल ऋण को 7.10 लाख करोड़ रुपये आंका गया है. यह राशि 2018-19 के वित्तीय वर्ष के लिए सकल ऋण से ज्यादा है, जो कि 5.35 लाख करोड़ था।

वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही के दौरान सरकार की सकल उधारी 4.42 लाख करोड़ होगी, जो पूरे वर्ष के कुल लक्ष्य का 62.3 प्रतिशत है।

अर्थव्यवस्था को छह साल में सबसे कम वृद्धि दर और 45 साल की सबसे अधिक बेरोजगारी से निकालने के लिए सरकार निजी निवेश बढ़ाने पर जोर दे रही है और इसके लिए कॉरपोरेट टैक्स दर में लगभग 10 प्रतिशत की कटौती करने जैसे उपायों को अपना रही है।

कॉर्पोरेट टैक्स घटाने और अन्य रियायतों से सरकार के खजाने पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

इसके साथ ही सरकार ने घरेलू पोर्टफोलियो इनवेस्‍‍‍‍‍‍‍‍टर्स के साथ विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्‍‍‍‍‍‍‍‍टर्स के के लिए दीर्घावधि और अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर बढ़ा सरचार्ज भी वापस ले लिया है, जिससे सरकार के खजाने पर 1400 करोड़ का बोझ बढ़ेगा।

रविवार, 29 सितंबर 2019

विदेशी मिसेस सुपर मॉडल्स ने रचा ग्लैमर का सुहाना मंज़र

हेल्थी लाइफ स्टाइल, नैतिक और पारिवारिक मूल्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश दुनिया के विभिन देशो की सांस्कृतिक विरासत को एक दूसरे से रूबरू कराने के मकसद से इस प्रत्योगिता की शुरुआत हुई है।


जयपुर । अपनी ब्यूटी, कॉन्फिडेंस,जोश और इंटेलिजेंसी का परिचय दिया  दुनिया भर से आई मिसेज सुपरमॉडल ने। अवसर रहा  सोमवार को "रूबरू" ग्रुप की ओर से अजमेर रोड स्थित सम्सकारा  रिसॉर्ट्स एण्ड स्पा में आयोजित इंटरनेशनल मेगा इवेंट मिसेज सुपरमॉडल वर्ल्ड वाइल्ड-2019 का। प्रियंका इवेंट्स की प्रियंका नितिन दुबे ने बताया कि कॉन्टेस्ट में 18 देशों की मॉडल्स ने पार्टिसिपेट किया। इसमें फिलिपींस, क्रीमिया, इस्टोनिया,।

तुर्की, ततारीस्थान ,रसिया, कजाकिस्तान, म्यांमार, ब्राज़ील, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, यूरल श्रीलंका और घाना की मॉडल्स ने प्रतियोगिता में विभिन्न कॉन्टेस्ट के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। गौरतलब है कि कॉन्टेस्ट इवनिंग गाउन राउंड दिल्ली के रेडिसन ब्लू मैं 24 सितंबर को हुआ था। इसका ग्रांड फिनाले जयपुर में रविवार को आयोजित किया गया जिसमें तीन राउंड हुए। पहला नेशनल कॉस्टयूम राउंड, दूसरा मनाकनी राउंड, तीसरा इवनिंग गाउन राउंड हुआ।

कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए प्रियंका ने बताया कि हेल्थी लाइफ स्टाइल, नैतिक और पारिवारिक मूल्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश दुनिया के विभिन देशो की सांस्कृतिक विरासत को एक दूसरे से रूबरू कराने के मकसद से इस प्रत्योगिता की शुरुआत हुई है। वूमेन इंपावरमेंट और भ्रूण हत्या के मैसेज को इस इवेंट के जरिये प्रसारित किया गया साथ ही इस प्रतियोगिता द्वारा शादी शुदा महिलाओ को आगे बढ़ने का अवसर मिला। कार्यक्रम में समस्कारा रिसोर्ट के डायरेक्टर गिरधर साबू, समाजसेवी पवन गोयल, बिजनेसमैन जे.डी. माहेश्वरी, आश्रय केयर होम की सुशीला और नन्हे कदम के पुनीत शर्मा उपस्थित रहे।

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सैकड़ों कैदियों को रिहा किया जाएगा

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार हत्या, बलात्कार और भ्रष्टाचार के अपराधों को छोड़कर छिटपुट मामलों के सैकड़ों दोषियों को रिहा किया जाएगा।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर हत्या, बलात्कार और भ्रष्टाचार के अपराधों को छोड़कर छिटपुट मामलों के सैकड़ों दोषियों को रिहा किया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि दो अक्टूबर को करीब 600 कैदियों को रिहा किया जा सकता है।राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों के सहयोग से गृह मंत्रालय अंतिम सूची तैयार कर रहा है।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए कैदियों को विशेष छूट देने की योजना के तहत अभी तक 1,424 कैदियों को राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने रिहा किया है। इन्हें दो अक्टूबर 2018 और छह अप्रैल 2019 को दो चरणों में रिहा किया गया।

अधिकारी ने बताया कि तीसरे चरण के तहत इस साल दो अक्टूबर को कैदियों को रिहा किया जाएगा।

पिछले साल सरकार द्वारा घोषित की गई अपराध-क्षमा योजना के तहत हत्या, बलात्कार या भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए गए कैदियों को रिहा नहीं किया जाएगा।

जिन 55 साल या इससे ज्यादा की उम्र वाली महिलाओं और 60 साल या इससे ज्यादा की उम्र वाले पुरुषों ने अपनी आधी सजा पूरी कर ली है, उन्हें इस योजना के तहत रिहा किया जाएगा।

सुधांशु त्रिवेदी होगें राज्यसभा सदस्य

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन से उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट खाली हुई है। जेटली पहले गुजरात से राज्यसभा सदस्य होते थे। पर 2017 के अंत में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनका कार्यकाल पूरा हुआ था और तब नरेंद्र मोदी व अमित शाह ने वहां की दोनों सीटों स्थानीय नेताओं को दी थी। उसी समय अरुण जेटली को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में भेजा गया था। उनकी इस सीट का कार्यकाल नवंबर 2024 तक है यानी अभी पूरे चार साल बचे हुए हैं इसलिए कई नेताओं की नजर इस सीट पर है। 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राजनाथ सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे सुधांशु त्रिवेदी को इस सीट के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है। पार्टी के आला नेता उनकी विद्वता और वक्तृता दोनों के कायल हैं। पर उनके रास्ते में एक बाधा पार्टी के महासचिव अरुण सिंह की है। वे भी राजनाथ सिंह के करीबी हैं और अमित शाह ने उनको ओडिशा के प्रभारी के साथ साथ पार्टी कार्यालय का प्रभारी भी बना रखा है। राज्यसभा के दावेदारों में तीसरा नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का है। वे लोकसभा का चुनाव हार गए थे। उनको नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों का करीबी माना जाता है। माना जा रहा है कि उनको अगर राज्यसभा में भेजा गया तो अगले विस्तार में वे मंत्री भी बन सकते हैं। 

ध्यान रहे उत्तर प्रदेश में भाजपा में ठाकुर बनाम ब्राह्मण की राजनीति का बारीक संतुलन भी बनाए रखना है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य के ब्राह्मण अलग थलग महसूस करते हैं। प्रदेश अध्यक्ष का पद भी महेंद्र नाथ पांडेय से लेकर स्वतंत्र देव सिंह को दे दिया गया है। वे पिछड़ी जाति से आते हैं। बहरहाल, उत्तर प्रदेश में मंदिर आंदोलन के समय सक्रिय रहे विनय कटियार को भी दावेदार माना जा रहा है। उनको पिछली बार लोकसभा चुनाव की टिकट नहीं मिली थी। 





सुधांशु त्रिवेदी कौन है !!


सुधांशु त्रिवेदी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के के आधिकारिक राष्ट्रीय प्रवक्ताओं में से एक हैं।  ये अपने तेज दिमाग और मेहनत से भाजपा को कई उपलब्धियों को पाने में मदद कर चुके हैं। 

 ये एक राजनीतिज्ञ तो हैं ही साथ ही ये पेशे से एक इंजीनियर भी हैं, जो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में भूमिका निभा चुके हैं। 

 वर्तमान में ये एक प्रमुख राजनीतिक नेता, विचारक और विश्लेषक कई पदों पर नियुक्त हैं। 

 सुधांशु वर्तमान में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह के राजनीतिक सलाहकार के रूप में जाने जाते हैं।

 ये भारत की राष्ट्रीय नीति, राजनीति, समाज और विशेष रूप से भाजपा के वैचारिक पहलुओं के मुद्दों पर उत्साही वक्ता भी हैं। 

 इन्होने अपनी पीएचडी मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पूर्ण की और एक प्रोफेसर के रूप में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्व विद्यालय सहित कई भारतीय विश्वविद्यालयों के एक जोड़े में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत रहे। 

शनिवार, 28 सितंबर 2019

त्रिपुरा हाईकोर्ट ने राज्य के सभी मंदिरों में पशु बलि पर रोक लगाई

हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि मंदिरों में बलि त्रिपुरा के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के सार को नहीं दर्शाता इसलिए बलिदान के लिए ऐसे जानवर की पेशकश करने में राज्य की कार्रवाई न तो भारतीय संविधान के तहत स्वीकार्य है और न ही किसी अन्य क़ानून के तहत मान्य है।
त्रिपुरा हाईकोर्ट ने राज्य के सभी मंदिरों में पशुओं या पक्षियों की बलि पर  रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जानवरों को भी जीवन का मौलिक अधिकार है।

मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और जस्टिस अरिंदम लोध की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। आदेश में कहा गया है, ‘राज्य समेत किसी को भी राज्य के अंदर किसी भी मंदिर के प्रांगण में पशु/पक्षी की बलि देने की इजाजत नहीं होगी।’

पीठ ने सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश दिया।

पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को दो प्रमुख मंदिरों- देवी त्रिपुरेश्वरी मंदिर एवं चतुरदास देवता मंदिर में तत्काल सीसीटीवी कैमरे लगवाने का आदेश दिया। इन दोनों मंदिरों में बड़ी संख्या में पशुओं की बलि दी जाती है।

लाइव लॉ के मुताबिक अदालत ने कहा कि मंदिर में किसी जानवर का बलिदान, धर्म का एक अनिवार्य हिस्सा नहीं रहा है और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का भी उल्लंघन है।

पीठ ने एक सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी सुभाष भट्टाचार्जी द्वारा एक अंधविश्वास के आधार पर दो मुख्य मंदिर- माता त्रिपुरेश्वरी देवी मंदिर और चतुर दास देवता मंदिर में देवी और अन्य देवी-देवताओं के समक्ष दी जाने वाली निर्दोष जानवरों की बलि के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये निर्देश जारी किए।

याचिका में कहा गया था कि माता त्रिपुरेश्वरी देवी मंदिर में जिला प्रशासन, त्रिपुरा सरकार के संरक्षण में हर दिन एक बकरे की बलि दी जा रही है और विशेष अवसरों पर बलि के रूप में पर्याप्त संख्या में आम जनता द्वारा जानवरों की बलि (देवी को भेंट) दी जा रही है।

याचिका में ये भी बताया गया कि पशु बलि की प्रथा दश महाविद्या की पूजा की तांत्रिक विधि के हिंदू अनुष्ठानों की लंबी स्वीकृत प्रक्रिया के अनुसार है।

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा यह तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता ने केवल हिंदू धर्म के संबंध में पशु बलि के मुद्दे को याचिका में शामिल किया था और बकरीद के त्योहार के दौरान मुस्लिम समुदाय द्वारा किए जाने वाले पशु बलिदान को कोई चुनौती नहीं दी थी। याचिका सार्वजनिक शांति को विचलित करने के लिए हिंदू भावना को आहत करने के लिए दायर की गई है और यह राजनीति से प्रेरित है।

इस पर पीठ ने कहा कि माता त्रिपुरेश्वरी मंदिर और कुछ अवसरों पर अन्य मंदिरों में बलि के लिए प्रतिदिन एक बकरी देना राज्य के आर्थिक, वाणिज्यिक, राजनीतिक या धर्मनिरपेक्ष चरित्र के सार को नहीं दर्शाता इसलिए बलिदान के लिए ऐसे जानवर की पेशकश करने में राज्य की कार्रवाई न तो भारतीय संविधान के तहत स्वीकार्य है और न ही किसी अन्य क़ानून के तहत मान्य है। 

प्रो कबड्डी सीज़न-7, मैच 111:यूपी योद्धा ने हरियाणा स्टीलर्स को 37-30 से दी मात, होम लेग में हरियाणा का हार से आग़ाज़



पंचकूला :शनिवार को पंचकूलाके ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में हरियाणा लेग का आग़ाज़ हुआ जहां प्रो कबड्डी सीज़न के मैच नंबर 111 में मेज़बान टीम हरियाणा स्टीलर्स को यूपी योद्धा से 30-37 से हार झेलनी पड़ी। यूपी की इस जीत में एक बार फिर हीरो रहे श्रीकांत जाधव जिन्होंने सुपर-10 के साथ 11 रेड प्वाइंट्ल लिया तो डिफ़ेंस में कप्तान नितेश कुमार ने एक और हाई फ़ाइव के साथ 7 टैकल प्वाइंट्स लिए। हरियाणा की ओर से विनय ने सबसे ज़्यादा 8 रेड प्वाइंट्स लिए जबकि हरियाणा के स्टार विकास कंडोला को5 रेड प्वाइंट्स ही मिला। डिफ़ेंस में हरियाणा की ओर से रवि कुमार ने भी हाई फ़ाइव किया।


पहले हाफ़मेंयूपी योद्धा ने हरियाणा के घर में उन्हीं पर पूरी तरह से हावी दिखाई दे रहे थे, शुरुआत में ही सुरेन्दर गिल ने सुपर रेड में तीन शिकार करते हुए यूपी को 4-0 से आगे कर दिया था। हालांकि इसका जवाब देते हुए विनय ने भी अगली ही रेड में सुपर रेड करते हुए तीन प्वाइंट्स हरियाणा को दिला दिया था। यूपी इसके बाद भी लगातार बढ़त बनाई हुई थी इसकी वजह थी हरियाणा का डिफ़ेंस न चल पाना। हरियाणा को पहला टैकल प्वाइंट 15वें मिनट में मिला था, जो धर्मराज चेरालाथन ने अपनी टीम को दिलाया था। यही वजह थी कि हाफ़ टाइम तक मेज़बान टीम 11-15 से पीछे थी।


दूसरे हाफ़ मेंहरियाणा का डिफ़ेंस पहले हाफ़ की तुलना में थोड़ा बेहतर दिख रहा था औक 27वें मिनट में यूपी को पहली बार ऑलआउट करते हुए 21-25 यानी अंतर को 4 तक ले आए थे। इस दौरान श्रीकांत जाधव ने इस सीज़न में अपना एक और सुपर-10 पूरा कर लिया था और यूपी योद्धा के कप्तान नितेश कुमार भी हाई फ़ाइव के क़रीब थे। हरियाणा के लिए समस्या ये थी कि डिफ़ेंस रंग में नहीं था और न ही विकास कंडोला की आज वह रफ़्तार दिख रही थी जिसके लिए वह जाने जाते हैं। आख़िरी 10 मिनटों का खेल शुरू हो चुका था और यूपी अभी भी 7 अंकों से आगे थी।हालांकि हरियाणा ने दो सुपर टैकल करते हुए मुक़ाबले में वापसी की कोशिश ज़रूर की पर यूपी ने लगातार अपनी बढ़त बनाए रखी थी और फिर जैसे ही मैच ख़त्म होने का व्हिसल बजा यूपी ने मुक़ाबला 7 अंक से जीत लिया था।


 प्रो कबड्डी इतिहास में यूपी योद्धा की हरियाणा स्टीलर्स पर ये 4 मैचों में सिर्फ़ दूसरी जीत है, जबकि इस सीज़न में उनपर पहली जीत। इस जीत के साथ ही यूपी योद्धा अब अंक तालिका में 18 मैचों में 58 अंकों के साथ नंबर-5 पर आ गए हैं, जबकि हरियाणा स्टीलर्स हार के बावजूद तीसरे पायदान पर बने हुए हैं लेकिन प्ले ऑफ़्स की टिकेट के लिए उनका इंतज़ार बढ़ गया है।
रविवार यानी 29 सिंतबर को पंचकूला के ताऊदेवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में दो मुक़ाबला खेले जाएंगे पहले मैच में पुनेरी पलटन के सामने दबंग दिल्ली की चुनौती होगी तो दूसरे मैच में गुजरात फ़ॉर्च्यून जाएंट्स की टक्कर मेज़बान हरियाणा स्टीलर्स के साथ होगी।

प्रो कबड्डी सीज़न-7, मैच 112:गुजरात फ़ॉर्च्यून जाएंट्स ने तमिल थलाइवाज़ को 50-21 से दी मात, 6 मैचों बाद गुजरात को मिली जीत


पंचकूला :शनिवार को पंचकूलाके ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में खेले गए प्रो कबड्डी सीज़न के मैच नंबर 112 में गुजरात फ़ॉर्च्यून जाएंट्स ने तमिल थलाइवाज़ को 50-21 से हराते हुए जीत का सूखा ख़त्म किया। गुजरात को ये जीत 6 मैचों बाद मिली है, साथ ही साथ प्रो कबड्डी इतिहास में गुजरात की ये सबसे बड़ी जीत है इससे पहले उनकी सबसे बड़ी जीत 25 अंकों की थी जो अब 29 हो गई। जबकि तमिल की जीत का इंतज़ार अभी भी जारी है जो अब बढ़ता हुआ 13 तक पहुंच गया है। गुजरात की इस जीत के हीरो रहेसोनू जगलान जिन्होंने अपने करियर का पहला सुपर-10 लगाते हुए कुल 15 रेड प्वाइंट्स हासिल किए, जबकि रोहित गुलिया ने भी सुपर-10 के साथ 11 रेड प्वाइंट्स लिए, गुजरात की ओर से परवेश भैंसवाल को डिफ़ेंस में सबसे ज़्यादा 5 टैकल प्वाइंट्स (हाई फ़ाइव) प्राप्त हुए। तमिल की ओर से राहुल चौधरी का फ़्लॉप शो शनिवार को भी जारी रहा और उन्होंने 4 रेड प्वाइंट्स लिए।


पहले हाफ़में ही ये क़रीब क़रीब तय लगने लगा था कि तमिल थलाइवाज़ को 13 मैचों बाद भी जीत का स्वाद शायद चखने को नहीं मिलेगा। इसकी वजह थी गुजरात फ़ॉर्च्यून जाएंट्स का तमिल पर शुरुआत से ही हमला बोल देना। 8वें मिनट में ही गुजरात ने तमिल को पहली बार मैच में ऑलआउट करते हुए 11-4 की बढ़त ले ली थी, लेकिन ये तो बस शुरुआत थी। रोहित गुलिया और सोनू ने हाफ़ टाइम तक आपस में 11 रेड प्वाइंट्स बटोरते हुए गुजरात को बड़ी बढ़त दिला चुके थे, तमिल के स्टार रेडर राहुल चौधरी अब तक सिर्फ़ 3 रेड प्वाइंट्स ही ले पाए थे। हाफ़ टाइम तक स्कोर 20-9 के साथ गुजरात के पक्ष में था।


दूसरे हाफ़ मेंभी कोई तस्वीर नहीं बदली और गुजरात अपने दबदबे को और भी आगे ले जाती रही, डिफेंस में जहां रितुराज कोरावी और पंकज कमाल का प्रदर्शन करते हुए तमिल को दूसरी बार ऑलआउट कर दिया था। अब गुजरात 28-11 से आगे हो चुकी थी और इस दौरान रोहित गुलिया ने अपने करियर का 200वां रेड प्वाइंट्स भी हासिल कर लिया था। रोहित गुलिया और सोनू दोनों ने ही अपने अपने सुपर-10 हासिल कर लिए थे, सोनू जगलान के करियर का ये पहला सुपर-10 था। 34वें मिनट तक गुजरात 40-15 के विशाल अंतर से आगे थे, गुजरात ने प्रो कबड्डी इतिहास में अब तक 25 अंकों से ज़्यादा के अंतर से कभी जीत नहीं दर्ज की थी और लग रहा था कि शायद आज गुजरात अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ देगी। और वही हुआ गुजरात ने मुक़ाबला 29 अंकों से जीत लिया।

वीवो प्रो कबड्डी इतिहास में गुजरात फ़ॉर्च्यून जाएंट्स की तमिल थलाइवाज़ पर ये 4 मैचों मं  सिर्फ़ दूसरी जीत है, और इस सीज़न की तमिल पर पहली जीत। तमिल थलाइवाज़ को इस सीज़न में आख़िरी जीत भी गुजरात के ही ख़िलाफ़ मिली थी, लेकिन शनिवार को ऐसा न हो सका। इस जीत के साथ ही गुजरात अब 19 मैचों में 44 अंकों के साथ 8वें पायदान पर आ गए हैं, यानी प्ले-ऑफ़्स में जाने की उम्मीदें उनकी अभी भी बरक़रार हैं। जबकि प्ले-ऑफ़्स की रेस से पहले ही बाहर हो चुकी गुजरात के लिए कोई तस्वीर नहीं बदली और वह अभी भी आख़िरी पायदान पर ही क़ाबिज़ हैं।



रोहन गुप्ता बने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष

रोहन गुप्ता को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।

रोहन गुप्ता कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं। वह 2016 से कांग्रेस के नेशनल मीडिया पैनलिस्ट रहे हैं। वह गुजरात राज्य के कांग्रेस आईटी सेल के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर रहे हैं। गुप्ता का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। रोहन गुप्ता को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।

उन्होंने वर्ष 1998 में के.एस. स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से स्नातक की डिग्री ली है। वहीं, उन्होंने पुणे के सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से वर्ष 2000 में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री हासिल की। 

'भारत पर 88 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया, पीएम मोदी कहते हैं 'सब अच्छा है' : कांग्रेस

कांग्रेस ने शनिवार को मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए दावा किया कि देश का कुल कर्ज बढ़कर 88.18 लाख करोड़ रुपये हो गया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि 'भारत में सब अच्छा है।' पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार आम जनता को राहत देने की बजाय कॉरपोरेट जगत को राहत दे रही है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'सिर्फ यह बोल देने से सब अच्छा नहीं हो जाता कि भारत में सब अच्छा है।' सुप्रिया ने कहा, 'इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत का कर्ज 88.18 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह इससे पहली की तिमाही के मुकाबले करीब चार फीसदी अधिक है। यह चिंता का विषय है।' 

उन्होंने कहा, 'फ्रांस की एक महारानी ने कहा था कि रोटी के बदले केक खाओ। ऐसा लगता है कि यह सरकार भी इसी रास्ते को अपना रही है। उसे जमीनी हकीकत का अंदाजा नहीं है। आम लोगों के पास पैसे नहीं हैं और कॉरपोरेट के कर में कमी कर रही है।' 

कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, 'कॉरपोरेट इससे अपना बही-खाता ठीक करेंगे और निवेश नहीं करेंगे। सरकार जो कदम उठा रही है उससे कर्ज की दर बढ़ेगी। यह सरकार बहुत लघुकालिक सोच के साथ काम कर रही है।

शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

'हम उस देश के वासी हैं, जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिये हैं

मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर किसी का नाम लिए बिना पाकिस्तान समेत उन सभी देशों को घेरने का प्रयास किया जो इसमें भी फर्क करते हैं। पीएम मोदी ने कहा, 'हम उस देश के वासी हैं, जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिये हैं। इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी। हम मानते हैं कि ये किसी एक देश की नहीं बल्कि परी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ है। मानवता के खातिर आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मंच से भारत के विकास की कहानी बयां की। उन्होंने भारत के विकास व इसकी उपलब्धियों को दुनिया के लिए प्रेरणा के रूप में पेश किया।

इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत की विकास गाथा पूरी दुनिया के गरीबों में विश्वास पैदा करने और दुनिया को एक नई आशा देने का काम करती है।

उन्होंने कहा, "विकास के प्रयास हमारे हैं, लेकिन इसका फल सभी के लिए है, संपूर्ण विश्व के लिए है।"

मोदी ने कहा, "हमारा प्रयास सारे संसार के लिए है। जब मैं उन देशों के बारे में सोचता हूं कि जो भारत की तरह ही प्रयास कर रहे हैं, तो हमारा विश्वास और दृढ़ हो जाता है"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसने दुनिया को 'बुद्ध' दिया है न कि 'युद्ध'। मोदी ने कहा कि हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दुनिया से आतंक के खिलाफ एकजुट होने का भी आग्रह किया।


मोदी ने कहा, "हम मानते हैं कि आतंकवाद किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि सभी देशों और मानव जाति के लिए एक चुनौती है। इसलिए मानव हित के लिए दुनिया को आतंक के खिलाफ एकजुट होना होगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को अलग-अलग दृष्टि से आतंक को नहीं देखना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वर्ष पूरा विश्व महत्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है, सत्य और अहिंसा का उनका संदेश आज भी विश्व के लिए प्रासंगिक है।

उन्होंने कहा, "इस वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव हुआ, दुनिया के सबसे लोकतंत्र के लोगों ने सबसे ज्यादा वोट देकर मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा बड़ा जनादेश दिया।"

उन्होंने कहा, "दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान भारत में संपन्न हुआ। एक विकासशील देश ने सिर्फ 5 वर्ष में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय तैयार कर अपने लोगों को दिया। अगले 5 साल में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं। भारत के दूर-दराज के इलाकों में सवा लाख किलोमीटर सड़कें हम बनाने जा रहे हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र महासभा के 14वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना, मेरे लिए गौरव का अवसर है। आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं तो इस वक्त हम अपने देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कराने का बड़ा अभियान चला रहे हैं। साल 2020 तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का इंतजाम कर लेंगे। हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "भारत हजारों वर्ष पुरानी महान संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है। जनभागीदारी से जनकल्याण हमारा प्राण तत्व है। हमने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं। इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है, साथ-साथ आक्रोश की भी है। आतंकवाद किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ।"

उनके संबोधन से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर साझा की और लिखा, 'वल्र्ड स्टेज के बैकस्टेज पर।'

मोदी का भाषण सुनने के लिए काफी संख्या में भारतीय भी संयुक्त राष्ट्र महासभा पहुंचे। संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाहर भारतीय काफी संख्या में मौजूद रहे और 'भारत माता की जय' के नारे लगा रहे थे।






अपने घर में मेज़बान पिंक पैंथर्स एक ही मुक़ाबला जीत पाए

 प्रो कबड्डी सीज़न-7, मैच 110:तेलुगू टाइटन्स ने जयपुर पिंक पैंथर्स को 51-31 से दी मात, सिद्धार्थ देसाई ने अकेले दम पर तेलुगू को दिलाई जीत
जयपुर। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में प्रो कबड्डी सीज़न के मैच नंबर 110 मेंतेलुगू टाइटन्स ने जयपुर पिंक पैंथर्स को 51-31 से शिकस्त दे दी। इसी के साथ जयपुर लेग ख़त्म हो गया जहां अपने घर में मेज़बान पिंक पैंथर्स एक ही मुक़ाबला जीत पाए। तेलुगू के लिए इस जीत के हीरो रहे सिद्धार्थ बाहूबली देसाई, जिन्होंने सुपर-10 करते हुए कुल 22 रेड प्वाइंट्स हासिल किए। साथ ही साथ रजनीश (11 रेड प्वाइंट्स) ने भी अपना सुपर-10 पूरा कर लिया था।जबकि मेज़बान टीम की ओर से कप्तान दीपक हुडा (12 रेड प्वाइंट्स) ने भी सुपर-10 किया लेकिन अपनी टीम के लिए ये नाकाफ़ी था। तेलुगू की इस जीत ने उनके साथ साथ पटना पायरेट्स की प्ले-ऑफ़्स की उम्मीदों को भी फ़िलहाल ज़िंदा रखा है।

पहले हाफ़में ऐसा लगा कि मुक़ाबला सिद्धार्थ बाहुबली देसाई और जयपुर पिंक पैंथर्स के ख़िलाफ़ था। सिद्धार्थ ने तेलुगू की प्ले ऑफ़्स में जाने की उम्मीदों को ज़िंदा रखने की ज़िम्मेदारी अपने मज़बूत कंधों पर ले रखी थी और उन्होंने इस दौरान 6 बार संदीप ढुल का शिकार किया साथ ही साथ पहले ही हाफ़ में अपना सुपर-10 भी पूरा कर लिया था। इतना ही नहीं सिद्धार्थ ने पहले हाफ़ में 13 रेड प्वाइंट्स लिए थे, जो इस सीज़न में पहले हाफ़ में किसी भी रेडर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। हाफ़ टाइम तक तेलुगू को 17-15 की बढ़त हासिल थी, तेलुगू के 17 अंकों में 13 अकेले सिद्धार्थ का होना इस बात की गवाही दे रहे थे कि पहला हाफ़ इस बाहुबली के नाम था।


दूसरे हाफ़ मेंभी सिद्धार्थ की सुनामी जारी थी और उन्होंने मैच की तीसरी सुपर रेड करते हुए जयपुर को तीसरी बार ऑलआउट किया और 26वें मिनट में तेलुगू को 31-18 से आगे कर दिया था। सिद्धार्थ अब तक 18 रेड प्वाइंट्स ले चुके थे, और अकेले दम पर तेलुगू को जीत की तरफ़ ले जा रहे थे। हालांकि जयपुर की तरफ़ से संदीप ढुल ने इस दौरान प्रो कबड्डी इतिहास में अपना 200वां टैकल प्वाइंट्स हासिल कर लिया था। साथ ही साथ जयपुर की उम्मीदों को कप्तान दीपक हुडा ने अपने सुपर-10 के साथ मेज़बान टीम को मैच में बनाए रखा था। हालांकि जब 6 मिनट से भी कम का समय बचा था तो जयपुर 25-37 से पीछे थी यानी यहां से जीतना बेहद मुश्किल थी। और वही हुआ मैच ख़त्म होने के व्हिसल बजने के साथ ही तेलुगू टाइटन्स ने जयपुर को 20 अंकों के बड़े अंतर से मात दी थी।

वीवो प्रो कबड्डी इतिहास में जयपुर पिंक पैंथर्स परतेलुगू टाइटन्स की 13 मैचों में ये 7वीं जीत है जबकि इस सीज़न में लगातार दूसरी, और प्रो कबड्डी में जयपुर पर लगातार चौथी है। इस जीत के बावजूदतेलुगू टाइटन्स 18 मैचों में 39 अंकों के साथ 11वें स्थान पर ही बनी हुई है जबकि जयपुर पिंक पैंथर्स भी 7वें पायदान पर हैं।


शनिवार यानी 28 सिंतबर कोहरियाणा लेग की शुरुआत होगी जहां पहले दिन पंचकूला के ताऊदेवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में दो मुक़ाबला खेले जाएंगे पहले मैच में मेज़बान हरियाणा स्टीलर्स के सामने यूपी योद्धा की चुनौती होगी तो दूसरे मैच में गुजरात फ़ॉर्च्यून जाएंट्स की टक्कर तमिल थलाइवाज़ के साथ होगी।

गुरुवार, 26 सितंबर 2019

केंद्र सरकार ने सरदार पटेल के नाम से राष्ट्रीय एकता पुरस्कार की शुरुआत की

देश की एकता-अखंडता में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को मिलेगा सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार। सम्मान की घोषणा सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को की जाएगी।

सरकार ने भारत की एकता और अखंडता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर एक नागरिक सम्मान शुरू किया है।

गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पुरस्कार में एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र होगा। यह सम्मान विशेष स्थिति और अत्यधिक सुयोग्य मामलों को छोड़कर मरणोपरांत प्रदान नहीं किया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि इस पुरस्कार के साथ कोई भी मौद्रिक राशि या नकद पुरस्कार संबद्ध नहीं होगा। एक साल में तीन से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे।

इस पुरस्कार की घोषणा राष्ट्रीय एकता दिवस यानी सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को की जाएगी।

गृह मंत्रालय द्वारा सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार शुरू करने के संबंध में अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि इस पुरस्कार का मकसद राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने और मजबूत तथा अखंड भारत के मूल्य को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान के लिए सम्मानित करना है।

बयान में कहा गया है कि यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा. राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार समारोह के साथ एक समारोह में यह सम्मान दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री द्वारा एक पुरस्कार समिति का गठन किया जाएगा जिसमें मंत्रिमंडल सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रपति के सचिव, गृह सचिव, सदस्य होंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए तीन-चार गणमान्य लोग भी समिति में शामिल होंगे।

बयान के अनुसार, भारत में स्थित संस्था या संगठन या कोई भी भारतीय नागरिक इस पुरस्कार के लिए विचारार्थ किसी व्यक्ति को नामित कर सकता है। व्यक्ति स्वयं को भी नामांकित कर सकते हैं। राज्य सरकारें, संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन और मंत्रालय भी नामांकन भेज सकते हैं।

नामांकन प्रति वर्ष आमंत्रित किए जाएंगे। आवेदनों को गृह मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से डिज़ाइन की गई वेबसाइट पर ऑनलाइन जमा करना जरूरी होगा।




प्रो कबड्डी सीज़न-7, मैच 108:दबंग दिल्ली ने पटना पायरेट्स को 43-39 से हराकर नंबर-1 पर हुए क़ाबिज़

जयपुर : गुरुवार को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में प्रो कबड्डी सीज़न के मैच नंबर 108 मेंदबंग दिल्ली ने पटना पायरेट्स को 43-39 से शिकस्त दे दी। दिल्ली के लिए इस मैच में नवीन एक्सप्रेस ने एक बार फिर सुपर-10 करते हुए अपना लगातार 16वां और सीज़न का 17वां सुपर-10 हासिल कर लिया था। 


लेकिन सही मायनो में विजय इस मैच के हीरो रहे जिन्होंने 37वें मिनट में पांच अंकों की सुपर रेड करते हुए मैच को पलट दिया और यही निर्णायक मोड़ बन गया। विजय ने इस मैच में अपने करियर का पहला सुपर-10 भी हासिल किया। जबकि परदीप ने इस मैच में कुल 18 रेड प्वाइंट्स हासिल किया और प्रो कबड्डी इतिहास में 1100 रेड प्वाइंट्स लेकर इतिहाच रच दिया। प्रो कबड्डी इतिहास में परदीप के अलावा और किसी भी रेडर के नाम 1000 या उससे ज़्यादा रेड प्वाइंट्स नहीं हैं। परदीप ने इस सीज़न का 13वां और लगातार 9वां सुपर-10 हासिल करते हुए सीज़न-4 में अपने लगातार 8 सुपर-10 के रिकॉर्ड को तोड़ दिया लेकिन इसके बावजूद वह पटना को जीत नहीं दिला पाए।


पहले हाफ़शानदार रहा, दिल्ली और पटना दोनों ही टीमें बेहद संभल कर खेल रहीं थी और रणनीति साफ़ थी कि ग़लतियां कम से कम करनी है। यही वजह रही कि दोनों ही टीमों की तरफ़ से असफल टैकल इस हाफ़ में कम देखने को मिले। पटना को प्वाइंट्स दिलाने का ज़िम्मा जहां हमेशा की तरह परदीप पर था तो दबंग दिल्ली भी नवीन एक्सप्रेस पर ही सवार थी। पहले हाफ़ में परदीप ने जहां 6 रेड प्वाइंट्स लिए थे तो नवीन के नाम 4 रेड प्वाइंट्स थे। हाफ़ टाइम तक का स्कोर 13-13 से बराबर था और मुक़ाबला बेहद रोमांचक चल रहा था।


दूसरे हाफ़ मेंपरदीप नरवाल का धमाकेदार अंदाज़ देखने को मिला और देखते ही देखते उन्होंने सीज़न-7 में लगातार 9वां सुपर-10 लगाते हुए सीज़न-4 में लगातार 8 सुपर-10 के अपने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। परदीप के इस प्रदर्शन की बदौलत पटना ने दिल्ली को दूसरे हाफ़ में दो बार ऑलआउट करते हुए बढ़त बना ली थी। आख़िरी 6 मिनटों का जब खेल बचा था तो पटना 6 अंकों से आगे थी और ये बहुत अहम थी। लेकिन तभी 38वें मिनट में विजय ने सुपर रेड लगाते हुए 5 शिकार किया और अब पटना की बढ़त सिर्फ़ एक अंक की रह गई थी। ये और मज़ेदार तब हो गया जब पटना को ऑलआउट करते हुए दिल्ली ने अब मैच में 40-37 से बढ़त बना ली थी। और फिर जैसे ही व्हिसल बजी दिल्ली ने मुक़ाबला 43-39 से जीत लिया।


वीवो प्रो कबड्डी इतिहास में पटना पायरेट्स परदबंग दिल्ली की 12 मैचों में ये चौथी जीत है जबकि इस सीज़न में लगातार दूसरी। इस जीत के साथ ही दबंग दिल्ली एक बार फिर टॉप पर पहुंच गई है जबकि एक अंक लेने के बाद भी पटना 9वें स्थान पर ही है।


शुक्रवार यानी 27 सिंतबर कोजयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में दो मुक़ाबला खेला जाएगा जहां पहले मैच में बेंगलुरु बुल्स के सामने यू मुम्बा की चुनौती होगी तो जयपुर लेग के आख़िरी मैच में मेज़बान जयपुर पिंक पैंथर्स की टक्कर तेलुगू टाइटन्स के साथ होगी।

कांग्रेस मुक्त राजस्थान चाहते हैं -हनुमान बेनीवाल

खींवसर से आरएलपी और मण्डावा से भाजपा उतारेगी प्रत्याशी
जयपुर। प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनावों में खींवसर विधानसभा के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन का ऐलान किया है।

प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर आयोजित एक संयुक्त प्रेस वार्ता में सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का सफाया हुआ है उसी प्रकार विधानसभा उपचुनावों में भी कांग्रेस मुक्त राजस्थान चाहते है और मण्डावा विधानसभा क्षेत्र में भी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी साथ में चुनाव लड़ेगी एवं प्रचण्ड बहुमत के साथ सीट जीतेगी।

उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत अपने बेटे की बेरोजगारी को मिटाने के लिए आरसीए का अध्यक्ष बनाने में लगे हुए है। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में अधिकारी सरकार चला रहे है। प्रदेश में अपहरण, हत्याओं की घटनाऐं लगातार बढ़ रही है। अभी हाल ही में किस प्रकार एक बदमाश को थाने से छुड़ाकर ले गये है, यह सरकार के लिए एक शर्म का विषय है।

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दोनों सीटों पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ मिलकर प्रचण्ड बहुमत के साथ विजयी होगी।
प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मंत्री अरूण चतुर्वेदी समेत अन्य नेता मौजूद रहे।


राज्य सरकार ने 600 करोड़ जारी करने का लिया निर्णय नाबार्ड से भी पुनर्वित्त मिलना हुआ प्रारम्भ

जयपुर । सहकारिता मंत्री  उदय लाल आंजना ने गुरूवार को बताया कि ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया के तहत पंजीकरण कराने वाले किसानों के बचत खातों में 30 सितम्बर तक खरीफ का फसली ऋण जमा हो जायेगा। उन्होंने बताया कि किसानों को फसली ऋण वितरण के लिये पैसे की कोई कमी नहीं है और राज्य सरकार ने आज ही 600 करोड़ रुपये जारी करने का निर्णय लिया है।



    आंजना ने बताया कि नाबार्ड से भी पुनर्वित्त मिलना प्रारम्भ हो गया है। उन्होंने बताया कि सहकारी ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना के तहत प्रदेश के लगभग 20 लाख किसानों ने खरीफ फसली ऋण के लिये पंजीयन कराया है, जिसमें से लगभग 15 लाख किसानों को खरीफ फसली ऋण जारी किया जा चुका है तथा शेष 5 लाख किसानों के खातों में 30 सितम्बर तक खरीफ सीजन का फसली ऋण जमा हो जायेगा।



      उन्होंने बताया कि पहली बार अपनाई गई पारदर्शी प्रक्रिया से पात्र किसानों को फसली ऋण मिल रहा है। इस वर्ष 5 लाख 62 हजार 221 ऐसे किसान हैं, जिनको पहली बार फसली ऋण मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नाबार्ड से पुनर्वित्त मिलने से ऋण वितरण की प्रक्रिया में तेजी आई है और रबी सीजन में किसानों को फसली ऋण वितरण में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आयेगी।



   आंजना ने बताया कि किसान राज्य सरकार की प्राथमिकता में है तथा उन्हें किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जायेगी।

मंगलवार, 24 सितंबर 2019

16 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता ने कहा, जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक नेताओं ने विश्वासघात किया

पूरी दुनिया ने 16 वर्षीय ग्रेटा को सराहा तो ट्रंप ने कसा तंज, विश्व बिरादरी में हुई बेइज्जती
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक 16 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग पर तंज भरा ट्वीट करके विश्व बिरादरी के सामने घिर गए हैं। जलवायु परिवर्तन पर ग्रेटा के भाषण के बाद ट्रंप ने तंज भरा ट्वीट किया कि वह ‘हैप्पी यंग गर्ल’ सी दिखने वाली लड़की अपने उज्जवल व अद्भुत भविष्य की तरफ देख रही है। उसे देखना काफी सुखद है। वैश्विक संस्थाओं ने कहा कि पूरी दुनिया ने ग्रेटा को सराहा जबकि ट्रंप ने तंज किया।

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में ग्रेटा ने विश्व नेताओं से कहा कि ‘आपने हमारे बचपन, हमारे सपनों को छीन लिया। आपकी हिम्मत कैसे हुई?’ तो सभी निरुत्तर थे। दरअसल, ट्रंप इस जलवायु सम्मेलन में थोड़ी देर के लिए ही आए थे और उन्होंने इस सम्मेलन के बजाय एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने को प्राथमिकता दी थी। इस कारण अपने ट्वीट को को लेकर ट्रंप और भी घिर गए। 

हालांकि आंखों में आंसू और गुस्से से भरी ग्रेटा के भाषण को संयुक्त राष्ट्र महासचिव समेत दुनिया के हर नेता ने सराहा। अमेरिकन एंवायरनमेंट फॉर चेंजिंग ग्लोब ने कहा कि इतने गंभीर मुद्दे पर ट्रंप का तंज पूरी दुनिया को गलत संदेश दे रहा था। ट्विटर पर यूजरों ने कहा, जिस तरह ग्रेटा ने अपनी भावनाएं साझा कीं वह किसी भी तरह से हैप्पी यंग गर्ल नजर नहीं आई। उसने बेहद निराशा के साथ दुनिया के बड़े नेताओं को लताड़ा है।

पूरी दुनिया में फैली घर से शुरू हुई जंग

ग्रेटा ने जलवायु परिवर्तन से जंग की शुरुआत सबसे पहले अपने घर से की। उनके माता-पिता ने मांस का सेवन छोड़ा और जानवरों के अंगों के इस्तेमाल से बनी चीजों का भी त्याग कर दिया। विमान यात्राएं भी बंद कीं क्योंकि इनसे कार्बन उत्सर्जन ज्यादा होता है। यहां तक कि कार्बन उत्सर्जन बचाने के लिए वह खुद विमान के बजाय दो माह की कठिन यात्रा नाव से करते हुए अटलांटिक सागर को पार कर न्यूयॉर्क पहुंची। उसने अपने देश स्वीडन में प्रदूषण के खिलाफ जंग शुरू की जो अब पूरी दुनिया में फैल चुकी है।

ट्रंप ने धार्मिक आजादी पर ध्यान लगाया

अमेरिकी राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के बजाय धार्मिक उत्पीड़न पर अपना ध्यान ज्यादा केंद्रित किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर भाषण सिर्फ 15 मिनट तक सुना। धार्मिक आजादी पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, ‘दुनिया की लगभग 80 फीसदी आबादी ऐसे देशों में रहती है, जहां धार्मिक स्वतंत्रता को खतरा है, उस पर रोक है या पूरी तरह प्रतिबंधित है।’ ट्रंप ने कहा कि जब उन्हें पहली बार ये आंकड़े पता चले, तो उन्हें बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ और इसलिए उन्होंने दोबारा जांच करने का निर्देश दिया था।

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने लोकसभा चुनाव के दौरान पांच मौकों पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह को चुनाव आयोग द्वारा दी गई क्लीन चिट का विरोध किया था।
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पूर्व बैंकर पत्नी नोवल सिंघल लवासा को आयकर विभाग ने एक महीने पहले नोटिस दिया है। वह कम से कम तीन कंपनियों में बोर्ड निदेशक के पद पर हैं।

 नोवल लवासा से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि यह नोटिस उनके आयकर रिटर्न्स से जुड़ा है।

सोमवार को एक बयान जारी करते हुए नोवल लवासा ने कहा, ‘यह बताया जाता है कि मैंने आयकर कानूनों के अनुसार सभी करों का भुगतान करने के अलावा पेंशन और अन्य स्रोतों से अर्जित पूरी आय का खुलासा किया है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं यह साफ करती हूं कि 28 सालों तक भारतीय स्टेट बैंक में क्लास-एक की अधिकारी होने और बैंकिंग के क्षेत्र में काफी अनुभव होने के कारण मैं कुछ कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक के साथ कई पेशेवर गतिविधियों में लगातार संलग्न रही हूं। मैंने पांच अगस्त 2019 के बाद आयकर विभाग की ओर से भेजे गए सभी नोटिसों का जवाब दिया है और विभाग की तरफ से की जा रही कार्यवाही में सहयोग भी कर रही हूं।’

एक आयकर अधिकारी ने नोवल लवासा को नोटिस भेजे जाने की पुष्टि की। हालांकि उनके विस्तृत जानकारी नहीं दी।

बता दें कि, अशोक लवासा ने लोकसभा चुनाव के दौरान पांच मौकों पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह को चुनाव आयोग द्वारा दी गई क्लीन चिट का विरोध किया था।

इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के निस्तारण में असहमति का फैसला देने वाले लवासा ने ‘असहमति के मत’ को भी आयोग के फैसले में शामिल करने की मांग करते हुए आयोग की बैठकों का बहिष्कार कर दिया था।

इसके बाद चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के निस्तारण में आयोग के सदस्यों के ‘असहमति के मत’ को फैसले का हिस्सा बनाने की चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मांग को 2-1 बहुमत के आधार पर अस्वीकार कर दिया था।

आयोग ने इस मामले में मौजूदा व्यवस्था को ही बरकरार रखते हुए कहा था कि असहमति और अल्पमत के फैसले को आयोग के फैसले में शामिल कर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

इसके साथ ही चुनाव आयोग ने आरटीआई अधिनियम के तहत चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की असहमति वाली टिप्पणियों का खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा था कि इस जानकारी को सार्वजनिक करने से किसी व्यक्ति का जीवन या शारीरिक सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

वहीं, अशोक लवासा की बेटी और लेह की जिला चुनाव अधिकारी और उपायुक्त अवनि लवासा ने लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के पक्ष में रिपोर्ट करने के लिए जम्मू कश्मीर भाजपा नेताओं द्वारा लेह में मीडियाकर्मियों को लिफाफे में पैसे दिए जाने की शिकायतों को प्रथम दृष्टया सही पाया था और जांच का आदेश दिया था।

इसके साथ ही लेह में ही सेना के अफसरों पर जवानों से उनकी वोटिंग को लेकर पसंद के बारे में पूछे जाने के मामले में संज्ञान लेते हुए अवनि लवासा ने लेह स्थित 14 कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग को एक पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई थी।

आरोप था कि 4-लद्दाख संसदीय क्षेत्र कमांडिंग अधिकारी वोटिंग करने के लिए जवानों को बैलट पेपर देने के बजाय टेलीफोन के माध्यम से उनकी पसंद पूछ रहे हैं।’

सोशल मीडिया के दुरुपयोग ने ख़तरनाक रूप ले लिया है, सरकार हस्तक्षेप करे: सुप्रीम कोर्ट

सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से लिंक करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार से कहा कि हम सिर्फ़ यह कहकर नहीं बच सकते हैं कि ऑनलाइन अपराध कहां से शुरू हुआ उसका पता लगाने की हमारे पास तकनीक नहीं है।
सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर सख्त रवैया अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग खतरनाक हो गया है। समय आ गया है कि केंद्र सरकार इसमें दखल दे। कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐसे मामलों से निपटने के लिए सख्त दिशानिर्देश बनाने की बात कही है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन हफ्ते के भीतर वह समयसीमा बताने के लिए कहा है जिसमें सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के दिशानिर्देश तैयार किए जा सकें।

 सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से लिंक करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति की निजता का संरक्षण करना सरकार की ही जिम्मेदारी है। कोई किसी को ट्रोल क्यों करे और झूठी जानकारी क्यों फैलाए। आखिर ऐसे लोगों की जानकारी जुटाने का हक क्यों नहीं है।

इस मामले पर जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच सुनवाई कर रही है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि इस मामले पर फैसला न तो सुप्रीम कोर्ट दे सकता है और न ही हाईकोर्ट। यह सरकार का काम है कि वह इस मुद्दे से निपटने के लिए उचित दिशानिर्देश के साथ आए।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह बताने के लिए कहा था कि क्या वह सोशल मीडिया को विनियमित करने के लिए कुछ नीति तैयार करने और आधार के साथ सोशल मीडिया खातों को जोड़ने के लिए कोई भी कदम उठाने पर विचार कर रही है।

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस गुप्ता ने कहा, ‘आखिर किसी उपयोगकर्ता को सेवा प्रदाता से ये पूछने का हक क्यों नहीं है कि मैसेज कहां से शुरू हुआ है। हमें इंटरनेट की चिंता आखिर क्यों नहीं करनी चाहिए। मुझे लगता है कि हमें देश की चिंता करनी चाहिए और अगर ऐसा है तो आज के दौर में हमारे पास सोशल मीडिया को लेकर सख्त दिशानिर्देश होने चाहिए। मुझे लगता है कि हर किसी की निजता का संरक्षण करना चाहिए।’

जस्टिस गुप्ता ने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि कोई मुझे ऑनलाइन ट्रोल करने और मेरे चरित्र के बारे में झूठ फैलाने में सक्षम क्यों हो?

पीठ ने कहा, ‘हम सिर्फ यह कहकर नहीं बच सकते हैं कि ऑनलाइन अपराध कहां से शुरू हुआ उसका पता लगाने की हमारे पास तकनीक नहीं है। अगर ऐसा करने की कोई तकनीक है तो उसे रोकने की भी कोई तकनीक होनी चाहिए।’

सोमवार, 23 सितंबर 2019

डॉ. नीरज के.पवन ने सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त का पदभार ग्रहण किया

जयपुर। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पवन ने आज सोमवार को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त का पदभार ग्रहण कर लिया है।

पदभार ग्रहण करने के पश्चात डॉ. नीरज कुमार पवन ने कहा कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्रिन्ट, इलेक्ट्रोनिक तथा सोशल मीडिया जैसे संचार के सभी साधनों द्वारा आमजन तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता रहेंगी। उन्होंने कहा कि सकारात्मक समाचारों, सफलता की कहानियों के माध्यम से भी आमजन तथा सरकार के बीच संवाद स्थापित करने पर जोर दिया जाएगा।

इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की वित्तीय सलाहकार अनुपमा शर्मा, अति. निदेशक प्रेमप्रकाश त्रिपाठी, अलका सक्सेना , संयुक्त निदेशक अरूण जोशी, गोविंद पारीक तथा शिवचंद मीणा सहित विभिन्न प्रकोष्ठों के अधिकारियों नेे विभाग की कार्य प्रणाली की जानकारी दी।  

राजकोष में लगी सेंध

राजकोष की हालत बिगड़ने के सबूत लगातार संगीन होते जा रहे हैं। इसका असर दीर्घकालिक होगा। एक ताजा विश्लेषण के मुताबिक राज्यों को कर राजस्व से होने वाली कमाई में बीते पांच वर्षों में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। 2019-20 वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में 21 राज्यों के कर राजस्व में बीते साल की तुलना में 2.3 फीसदी की गिरावट आई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की वेबसाइट से मिले आंकड़ों के आधार पर किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक बीते वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में कर राजस्व 5.04 लाख करोड़ रुपये था, जो इस साल घटकर 4.92 लाख करोड़ रुपये रह गया। आंकड़े उपलब्ध नहीं होने के चलते अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा और दिल्ली इस आकलन में शामिल नहीं हैं। यानी आकलन में 21 राज्यों के डेटा को ही शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल की तुलना में शुरुआती चार महीनों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पंजाब, गुजरात का कर राजस्व घटा है। आंध्र प्रदेश के कर राजस्व में सबसे अधिक कमी आई है। 2018-19 के शुरुआती चार महीनों में आंध्र प्रदेश को कर राजस्व से 26,114 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी, जो इस बार घटकर 15,017 करोड़ रह गई। बीते वर्ष की तुलना में राज्य के कर राजस्व में 42.7 फीसदी की कमी आई है। कर राजस्व से सबसे ज्यादा कमाई करने वाले गुजरात (8 फीसदी की गिरावट) और कर्नाटक (12 फीसदी की गिरावट) की कमाई में भी इस बार गिरावट देखी गई। बीते साल की तुलना में पंजाब के कर राजस्व में 1,636 करोड़ रुपये और केरल के कर राजस्व में 1,581 करोड़ रुपये की कमी आई है। हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तमिलनाडु के कर राजस्व में भी गिरावट दर्ज की गई है।


कुल 21 राज्यों में से 13 राज्यों के कर राजस्व में कमी आई है। वहीं जिन राज्यों के कर राजस्व में सकारात्मक वृद्धि हुई, उनके भी संचयी राजस्व में 2019-20 में गिरावट देखी जा सकती है। 2019-20 और 2018-19 में महीने दर महीने के आंकड़ों का विश्लेषण करें, तो कर राजस्व में और अधिक गिरावट देखने को मिलती है। आंकड़ों के मुताबिक 2019 में जून से जुलाई महीने के बीच कर राजस्व में अधिक गिरावट देखने को मिली। कर राजस्व में गिरावट का सीधा प्रभाव सरकार के खर्चों पर होगा जिसका प्रभाव अंततः अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। ऐसे में कर राजस्व में कमी अर्थव्यवस्था में मंदी का सीधा संकेत है। 

अमित शाह ने दिया 'वन नेशन, वन कार्ड' का प्रस्ताव, 2021 में डिजिटल जनगणना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह  ने वन नेशन, वन कार्ड का प्रस्ताव किया है। सोमवार को उन्होंने सभी नागरिकों के लिए एक बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र  का विचार रखा। इसमें आधार , पासपोर्ट , ड्राइविंग लाइसेंस  और बैंक खाते  जैसी सभी सुविधाएं जुड़ी होंगी। शाह ने यह भी कहा कि जनगणना 2021  के आंकड़े मोबाइल ऐप्प  के जरिये जुटाये जायेंगे। शाह ने 12000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।


गृह मंत्री ने कहा कि इस तरह की प्रणाली भी होनी चाहिए, जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होते ही यह जानकारी जनसंख्या आंकड़े में अद्यतन हो जाये। उन्होंने कहा, ‘आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है। इसकी संभावनाएं हैं। सोमवार को एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने ये बातें कहीं।

 शाह ने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना के लिए केंद्र सरकार की 12,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। गृह मंत्री ने कहा कि जनगणना के साथ-साथ राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) भी तैयार हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सितंबर, 2020 तक सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी  तैयार कर लेना चाहती है। एक बार एनपीआर तैयार हो जायेगा, तो फिर नागरिक पंजी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप) भी तैयार हो जायेगा। राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार करने में असम में जिस समस्या का समाधान करना पड़ा, उससे बचा जा सकेगा।

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए सरकार हर 10 साल में जगनणना करवाती है। गृह मंत्री का कहना है कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) कई गंभीर मुद्दों का समाधान करने में मदद करेगा। 2011 की जनगणना के आधार पर ही सरकार गरीब परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन दे पायी।