सोमवार, 26 फ़रवरी 2018

राजस्थान में भैंसों और पाड़ों का परिवहन गैरकानूनी नहीं

वसुन्धरा कैबिनेट की आज विधानसभा में बैठक हुई इसमें राजस्थान गोवंशीय पशुधन वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रवर्जन या निर्यात का विनियम अधिनियम 1995 के अधिनियम के ​संशोधित बिल में गोवंश के सा​थ जूडे शब्द भैंस और भैंसवंश शब्द को हटा दिया गया है।

संशोधन को लेकर राष्ट्रपति की ओर से मांगे गये स्पष्टीकरण को साथ जोडा गया है। दरअसल सरकार ने इस बिल को 13 दिसम्बर को हुई कैबिनेट की बैठक में पास कर दिया था। लेकिन इस अधिनियम को पास करवाने के लिए राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा गया था। राष्ट्रपति की ओर से इस बिल में राज्य सरकार से ये स्पष्टीकरण मांगा था कि गोवंश में क्या भैसं या भैंसवंश भी शामिल होगा।



 कैबिनेट की बैठक में ये इस अधिनियम से भैंस या भैसवंश को हटा दिया गया है ताकि जब ये अधिनियम अस्तित्व में आ जाये तो भैंसों का परिवहन कर रहे वाहनों पर कोई कार्रवाई ना हो। इस अधिनियम के तहत पहले ही ये तय कर दिया गया था कि कोई भी गोवंश की तस्करी करेगा उस व्यक्ती की तुरंत गिरफतारी तो होगी ही इसके साथ ही परिवहन में प्रयुक्त वाहन भी जब्त किया जाएगा।

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