शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

हमारे नेताओं ने लोकतंत्र की सारी सीमाएं लांघ दी है

जयपुर। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के जवाब के दौरान वो ही सियासी ड्रामा हुआ जिसका अंदाजा सबको पहले से ही था। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के बाद जैसे ही सीएम वसुंधरा राजे का जवाब के लिए पुकारा गया तो सत्ता पक्ष के विधायक घनश्याम तिवाड़ी भी खड़े हो गए और सदन में अपना विरोध जाहिर करने लगे।

उनका आरोप था कि अभिभाषण पर उन्हें जानबूझकर नहीं बोलने दिया गया। उन्होंने कहा कि सीएम नहीं चाहती कि वे बोले लेकिन उनके पास कुछ दस्तावेज है बोलने को। ऐसे में स्पीकर कैलाश मेघवाल ने उन्हें यह कहकर शांत करना चाह कि गुरूवार को जब उनके बोलने का समय था तो वो ही सदन से वॉक ऑउट कर चले गए। ऐसे में अब उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इस पर तिवाड़ी नहीं माने और कहा कि मैं नहीं बोलता लेकिन बैठूंगा भी नहीं। ऐसे में संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने तिवाड़ी के इस व्यवहार की निंदा की और उन्हें वरिष्ठ बताते हुए ऐसा आचरण नहीं करने की सलाह दी। इस पर तिवाड़ी ने कहा कि मैं वरिष्ठ नहीं गरिष्ठ हो गया हूं। इस पर राठौड़ ने यह कहा कि मीडिया में छपने के लिए आप ऐसा कर रहे है।

इस बीच जब तिवाड़ी खड़े रहते हुए अपने विरोध जता रहे थे कि निर्दलीय हनुमान बेनीवाल ने कमेंट किया कि सीएम का अपने विधायकों पर ही नियंत्रण नहीं रहा तो वहीं ​कांग्रेस के विधायक भी इस पर सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने लगे। ऐसे में तिवाड़ी ने कहा कि मै चुप रहूंगा पर खड़ा रहकर विरोध करूंगा और यदि आप बोले तो सदन के बाहर चले जाउंगा। ऐसे में स्पीकर ने उन्हें सदन से बाहर जाने को कह दिया।
सदन हो गया आज लाचार- कटारिया
जब घनश्याम तिवाड़ी का विरोध चल रहा था तब सदन में मौजूद गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने भी कहा कि आज सदन लाचार नजर आ रहा है। कटारिया ने कहा कि 40 साल में पहली बार ऐसा दृश्य सामने आया है और यह लोकतंत्र के लिए दाग बनेगा। कटारिया ने कहा कि हमारे नेताओं ने आज लोकतंत्र की सारी सीमाएं लांघ दी है और यह लोकतंत्र पर भार बनेगा।

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