राजधानी जयपुर कूच कर रहे किसानों की गिरफ्तारी का मामला प्रदेशभर के साथ विधानसभा में भी गूंजा। विपक्ष ने शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर दमनात्मक कार्रवाई का आरोप लगाया।
विपक्ष ने पर्ची के माध्यम से सरकार पर किसानों के साथ नाइंसाफी करने का आरोप लगाया। आंदोलन कर रहे किसानों को जेल में बंद करने और जयपुर में प्रदर्शन से रोकने के भी आरोप लगाए। जिसके बाद गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने इन सब के बारे में सदन में जानकारी दी।
इन वजहों से नहीं हो सकता किसानों का महापड़ाव
राजधानी जयपुर में हाईकोर्ट के आदेशों के तहत किसानों को जयपुर महानगर क्षेत्र में महापड़ाव के लिए अनुमति नहीं है।
4 जुलाई के अंतरिम आदेश में प्रशासन को जयपुर महानगर क्षेत्र में कार्य दिवस के दौरान घनी आबादी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है।
8 दिसम्बर के संशोधित आदेश में अपवाद स्वरूप राजनैतिक और अन्य रैलियों के लिए दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक छूट प्रदान की गई।
अखिल भारतीय किसान महासभा ने 17 फरवरी को महापड़ाव के लिए अनुमति मांगी। इसमें समय-सीमा और स्थान का उल्लेख नहीं था।
महापड़ाव इस सीमित घण्टों की अवधि में संभव नहीं हो सकता,इसके लिए अनुमति प्रदान नहीं की गई।
वहीं गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने यह भी जानकारी दी कि 20 फरवरी को महापड़ाव के लिए आने वाले लोगों की समझाइश भी की गई थी। उन्होंने बताया कि अब तक 179 लोगों को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है, जिनमें से 17 ने जमानत ले ली है। इसके अतिरिक्त लगभग 2000 लोगों और 50 गाड़ियों को रास्ते में रोका गया है।
विपक्ष ने पर्ची के माध्यम से सरकार पर किसानों के साथ नाइंसाफी करने का आरोप लगाया। आंदोलन कर रहे किसानों को जेल में बंद करने और जयपुर में प्रदर्शन से रोकने के भी आरोप लगाए। जिसके बाद गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने इन सब के बारे में सदन में जानकारी दी।
इन वजहों से नहीं हो सकता किसानों का महापड़ाव
राजधानी जयपुर में हाईकोर्ट के आदेशों के तहत किसानों को जयपुर महानगर क्षेत्र में महापड़ाव के लिए अनुमति नहीं है।
4 जुलाई के अंतरिम आदेश में प्रशासन को जयपुर महानगर क्षेत्र में कार्य दिवस के दौरान घनी आबादी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है।
8 दिसम्बर के संशोधित आदेश में अपवाद स्वरूप राजनैतिक और अन्य रैलियों के लिए दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक छूट प्रदान की गई।
अखिल भारतीय किसान महासभा ने 17 फरवरी को महापड़ाव के लिए अनुमति मांगी। इसमें समय-सीमा और स्थान का उल्लेख नहीं था।
महापड़ाव इस सीमित घण्टों की अवधि में संभव नहीं हो सकता,इसके लिए अनुमति प्रदान नहीं की गई।
वहीं गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने यह भी जानकारी दी कि 20 फरवरी को महापड़ाव के लिए आने वाले लोगों की समझाइश भी की गई थी। उन्होंने बताया कि अब तक 179 लोगों को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है, जिनमें से 17 ने जमानत ले ली है। इसके अतिरिक्त लगभग 2000 लोगों और 50 गाड़ियों को रास्ते में रोका गया है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें