सचिन की गैरमौजूदगी
इस मौके पर अशोक गहलोत ने प्रतिभा पाटिल को अपने परिवार से भी मिलवाया। गहलोत के सिविल लाईन स्थित घर में गुरूवार को आयोजित इस चाय पार्टी में यूं तो राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस से जुड़े तमाम चेहरे मौजूद थे लेकिन प्रदेश कांग्रेस के मुखिया सचिन पायलट की गैर-मौजूदगी सबको खटक रही थी। कांग्रेस अध्यक्ष की गैरमौजूदगी साफ बता रही थी कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा।
तुम मेरे आगे, मैं तुम्हारे पीछे
सवाल इस लिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि जब उपचुनाव में जीत की खुशियां मनाई जी रही थीं तब अशोक गहलोत दिल्ली में थे और जब सचिन पायलट जीते प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलाने दिल्ली लेकर गए तब गहलोत जोधपुर आ गए। इसके बाद गहलोत की चाय पार्टी ने सचिन पायलट का नदारद रहना साफ संकेत है कि पार्टी में बाहर से चाहे सब कुछ ठीक दिख रहा हो लेकिन अदंर काफी कुछ पक रहा है।
जब गहलोत से पूछा गया सीएम पद के बारे में
गहलोत से जब पुछा गया कि कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का दावेदार कौन होगा, तो उन्होंने कहा कि आज तक उन्होंने पार्टी से कोई पद नहीं मांगा हैं, केवल 1977 में विधानसभा के लिए एक बार टिकट मांगा था। इसके बाद कई बार वे विधायक, सांसद, पीसीसी चीफ, केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री जैसे पदों पर रहे लेकिन कभी पद के लिए लॉबिंग नहीं की और पीछे मुड़कर नहीं देखा। गहलोत ने कहा वो न सीएम पद मांगेंगे और न ही इसके लिए लॉबिंग करेंगे।

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