ये सिक्युरिटी वीवीआईपीज को दी जाती है। जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में 36 कमांडोज तैनात होते हैं। इनमें 10 एनएसजी और एसपीजी कमांडो होते हैं। वहीं बाकी 10 पुलिस टीम के लोग होते हैं। पहले घरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है। वहीं दूसरी लेयर में एसपीजी के कमांडो होते हैं। इन सबके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीफ के जवान भी सिक्युरिटी में तैनात होते हैं। जेड प्लस कैटेगरी के सिक्युरिटी के तहत देश के पीएम और पूर्व प्रधानमंत्रियों को एसपीजी कमांडो सिक्युरिटी कवर देते हैं।
किसे दी जाती है ये सिक्युरिटी ?
देश के सम्मानित लोगों और पॉलिटिशियंस को जान का खतरा होने तो उसे सिक्युरिटी दी जाती है। ये सुरक्षा मिनिस्टर्स को मिलने वाली सिक्युरिटी से अलग होती है। इसमें पहले सरकार को इसके लिए एप्लीकेशन देना होता है, जिसके बाद सरकार खुफिया एजेंसीज जरिए होने वाले खतरे का अंदाजा लगाती हैं। खतरे की बात कंफर्म होने पर सुरक्षा दी जाती है। होम सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी ये तय करती है कि संबंधित लोगों को किस कैटेगरी में सिक्युरिटी दी जाए।
कौन देता है सिक्युरिटी ?
पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज वीआईपी और वीवीआईपी को सिक्युरिटी कवर दे रही हैं। इनमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी, एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ शामिल हैं। हालांकि, खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा एनएसजी के कंधों पर ही होता है, लेकिन जिस तरह से जेड प्लस सिक्युरिटी लेने वालों की संख्या बढ़ी हैं, उसे देखते हुए सीआईएसएफ को भी यह काम सौंपा जा रहा है।

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