गुरुवार, 8 फ़रवरी 2018

नीतीश को नेता मानने से 'डॉन' ने किया था इनकार, अब लालू ने किया बाहर

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जेल से ही अपनी नई टीम तैयार कर ली है। इस टीम में लालू परिवार के जो भी सदस्य राजनीति में सक्रिय हैं उन सब की एंट्री हो गई है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा शहाबुद्दीन की है।
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद लालू यादव ने जेल में बंद शहाबुद्दीन को उस वक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया था। उस वक्त लालू प्रसाद पर कई आरोप लगे थे। लालू तमाम आरोपों पर चुप था। क्योंकि उन्हें पता था कि शहाबुद्दीन कुछ दिन बाद ही जेल से बाहर आने वाले हैं। लालू का अनुमान भी सही था। शहाबुद्दीन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने के कुछ महीने बाद ही शहाबुद्दीन को पटना हाइकोर्ट से जमानत मिल गई।
भागलपुर सेंट्रल जेल में बंद शहाबुद्दीन 11 सितंबर 2016 को जेल से बाहर आ गए। शहाबुद्दीन को रिसीव करने के लिए भागलपुर सैकड़ों गाड़ियों का काफिला पहुंचा था। उनके स्वागत के लिए जगह-जगह पर हजारों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद था।
जेल से बाहर निकलते ही शहाबुद्दीन ने अपने तेवर दिखा दिया। उनसे जब पूछा गया कि नीतीश कुमार को अपना नेता मानते हैं की नहीं। शहाबुद्दीन ने जवाब दिया कि हमारे नेता लालू यादव हैं और नीतीश कुमार तो एक्सिडेंटल नेता बन गए हैं। शहाबुद्दीन के इस बयान के बाद बिहार में जेडीयू के तेवर शख्त हो गए।
नीतीश सरकार ने फैसला किया कि शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करवाने के लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। सरकार के साथ-साथ तेजाबकांड के पीड़ित चंदा बाबू भी सुप्रीम कोर्ट गए। इसके साथ ही पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में भी शहाबुद्दीन का नाम आया था। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करवाने के लिए चंदा बाबू का केस लड़ने का फैसला किया।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमनात रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि शहाबुद्दीन के बाहर रहते हुए उन पर चल रहे मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। शहाबुद्दीन को फिर सरेंडर करना पड़ा। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही वहां से उन्हें तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया। बाद में शहाबुद्दीन का एक ऑडियो टेप भी वायरल हुआ जिसमें वे जेल से ही लालू प्रसाद को निर्देश दे रहे थे।
वहीं, अब लालू प्रसाद यादव ने राजद की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया है। इस कार्यकारिणी  से शहाबुद्दीन को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हालांकि शहाबुद्दीन नाराज न हो इसके लिए लालू यादव ने उनकी पत्नी हिना शहाब को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी है। 

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