
मैं आपका आभारी हूं कि आपने हमारी भावनाओं को समझा और 2 दिन का अवसर दिया सबको। भारत के संविधान दिवस के उपलक्ष्य में संविधान के बारे में, संविधान की उपलब्धियों के बारे में, संविधान की यात्रा हुई 70 साल की उसके बारे में हम सबको सोचने का, आत्म चिंतन करने का, मन में संकल्प करने का और देश को आगे बढ़ाने का, क्या संभावनाएं हो सकती है, कितनी उपलब्धियां हुई है उसके बारे में हम लोग चर्चा कर सकें। आपकी अध्यक्षता में जब मीटिंग हुई तब भी तय हुआ था कि हम लोग कुछ सीमाओं में रहकर के चर्चा करेंगे और मैं समझता हूं कि बाय इन लार्ज 2 दिन से इसका पालन भी किया गया, आज भी कोई कारण नहीं था थोड़ी गरम बहस हो गई और मैं मानता हूं कि नेता प्रतिपक्ष महोदय इनका कोई कसूर नहीं है क्योंकि यह संविधान उपज जो है त्याग की, कुर्बानी की, बलिदान की वह किसने किया आपको मालूम है, तो आप क्या बोलते हैं आपको पता है आप बोल क्या सकते थे इसलिए आपकी जो उपलब्धियां है एनडीए गवर्नमेंट की वह बताना आपके लिए लाजमी था, वह आपने बताई और हमारे मित्रों ने कुछ अति उत्साह में आपको डिस्टर्ब किया उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं। पर आपके बारे में जानता हूं कि, मैं समझ रहा था आप जब बोल रहे थे कि लंबा संघर्ष चला आजादी के लिए कितने बड़े त्याग और कुर्बानियां करी गई कांग्रेस के नेतृत्व में की गई, महात्मा गांधी के सानिध्य में की गई, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, विपिन चंद्र पाल, लोकमान्य गंगाधर तिलक से लगा कर के पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डॉक्टर अंबेडकर की भूमिका लंबा इतिहास देश का है। पूरा देश इतिहास पढ़ता भी है समझता भी है और उसी रूप में देश चल रहा है लंबी यात्रा में संविधान के बारे में मेरे मित्रों ने करीब 31 लोगों ने पार्टिसिपेट किया उनको मैं धन्यवाद देना चाहता हूं और अच्छे ढंग से उन्होंने अपनी बात रखी।
मूल भावना क्या है माननीय अध्यक्ष महोदय आपने कल जब सबको बताया वह मूल भावना जो है वह उस वक्त में भी मौजूद थे उस समय समस्याएं थी देश के सामने पर क्योकि लंबा संघर्ष हुआ था, संघर्ष के जो अनुभव थे खट्टे मीठे, करो और मरो का नारा दिया गया गांधी जी के द्वारा, लोग जेलों में बंद किए गए बार-बार क्या-क्या नहीं किया गया पंडित नेहरू जैसी महान हस्ती जिसके बारे में आज सोशल मीडिया पर क्या-क्या नहीं लिखते हैं, जैसी सोच वही सोशल मीडिया में आ रही है, दुख होता है कि एक महान विभूति महापुरुष 10 साल से अधिक जेल में रहे हो, करीब 3650 दिवस जेल में बिताए हो वह जेल में होते थे उनकी धर्मपत्नी सड़कों पर आंदोलन करती थी, वह जेल में होते थे तो इंदिरा गांधी जब बच्ची थी उनको पत्र लिखा करते थे, भारत एक खोज पुस्तिका बन गई, पूरी दुनिया पढ़ती है तो लगता है कि एक ऐसा नौजवान जो मोतीलाल नेहरू जैसे अमीर व्यक्ति का बेटा था सब कुछ छोड़ दिया और जेल में रह करके ऐसी किताबें लिख रहा है, देश की यात्राएं कर रहा है उस सोच का परिणाम था कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी हिंदू महासभा के थे उनको साथ लिया, आजादी के बाद में, अंबेडकर साहब एक्सपर्ट थे विचार नहीं मिलते थे कांग्रेस से उनको मालूम है आपको, गांधी और अंबेडकर के विचार भी नहीं मिलते थे कई मायनों में उस वक्त आपने जो अभी कहा क्या माहौल था, क्या बड़े दिल रखा करते थे, विचार नहीं मिलते थे तब भी मिलकर चलते थे। देश हित में क्या हो वहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी के अनुभव भी काम आ सकते हैं उनको भी साथ लो, उद्योग मंत्री बनाओ, डॉ आंबेडकर की एक्सपर्टाइज्ड है लीगल के अंदर उनको साथ लेओ कोई कांग्रेस में नहीं थे दो बार चुनाव हार गए थे लोक सभा के, किसी ने कहा टिकट नहीं दिया उनको ना उन्होंने मांगा और ना वह कांग्रेस में थे, दो बार लोकसभा के चुनाव हार गए और दो बार पंडित नेहरू उनको राज्यसभा में लेकर आए लॉ मिनिस्टर बनाया यह हम भूल जाते है। पूरा इतिहास भरा पड़ा है इस देश का महान इतिहास है वह स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है और जब संविधान सभा बनी आप सब लोगों ने विस्तार से बताया किस प्रकार से कितने पेज की बनी है, हस्तलिखित लिखी हुई है, हिंदी और इंग्लिश दोनों में, लाइब्रेरी के अंदर संजोई हुई है और राजसमंद से आने वाली विधायिका नीचे देख रही हैं मेरी बात नहीं सुन रही हैं, कल जब आप बोल रही थी तब आपने अच्छा चित्रण किया उसका मैं तारीफ कर रहा हूं आप घबराओ मत, कि आपने बताया किस-किस रूप में राम, कृष्ण, गुरु नानक देव, अकबर किस प्रकार चित्रण किया गया हर पेज के ऊपर। इस प्रकार इस रूप में कितने प्रयास किए गए होंगे दो ढाई साल लगे होंगे, शानदार संविधान हमारे सामने है।
हिंदुस्तान-पाकिस्तान साथ में आजाद हुए थे यह हमें भूलना नहीं चाहिए और हमें गर्व होना चाहिए नेता प्रतिपक्ष महोदय 70 साल के बावजूद भी इंदिरा गांधी चुनाव हार गई एक सेकेंड नहीं लगाया मोरारजी भाई को सत्ता सौंप दी है यह है मूल भावना संविधान की, कितने बदले प्रधानमंत्री 1 वोट से हार गए वाजपेई जी, चेहरे पर शिकन नहीं दोबारा मैदान में उतर गए और चुनाव जीतकर आ गए। 70 साल का सफर किसे कहते हैं पाकिस्तान में बार-बार सैनिकों का शासन, प्रधानमंत्रियों को जेल, फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया भुट्टो साहब को, कहां हिंदुस्तान और कहां पाकिस्तान फिर भी पाकिस्तान का भय दिखा कर के, राष्ट्रवाद ओ हो हो हिंदुस्तान के सामने पाकिस्तान चीज क्या है? वहां का प्रधानमंत्री खुद कहता है हम हिंदुस्तान का मुकाबला नहीं कर सकते युद्ध के माध्यम से, कहां हम और कहां वो? पर जिस रूप में माहौल बनाया गया है देश के अंदर यह संविधान की भावना के अनुकूल है? बजाय इसके कि हम आज भी जो मूलभूत भावनाएं संविधान की है उसको लेकर के जो कमियां रहीं 70 साल के अंदर उसको दूर करने का प्रयास करें, गरीबी और अमीरी की खाई बढ़ती जा रही है, छुआछूत आज भी है जो मानवता पर कलंक है आप समझ सकते हो, कलंक है मानवता पर आज भी हम सब पर कलंक है देशवासियों पर भी हम आज कोई चर्चा नहीं करते हैं उस पर, आजादी के पहले माननीय अध्यक्ष महोदय हमारे फ्रीडम फाइटर चाहे जय नारायण व्यास हो, माणिक्य लाल वर्मा हो, राम नारायण चौधरी हो किस-किस के नाम लेवे, उस वक्त में संघर्ष करते थे सड़कों पर आकर मंदिर में प्रवेश कराने का प्रयास करते थे, वह जमाना था जब छुआछूत का बहुत ज्यादा प्रचलन था, उस वक्त में मंदिरों में प्रवेश करवाना हरिजनों को यह आगे बढ़ते थे और पीछे कार्यकर्ता जाते थे वह कांग्रेस का नेतृत्व था उस जमाने के अंदर। इस रूप में देश आगे बढ़ा है, आजाद हुआ है, आजादी कोई ऐसे ही नहीं मिली है चंद्रशेखर, भगत सिंह आज नाम लेते हैं, सुभाष चंद्र बोस आपने हमेशा कोशिश करी की कांग्रेस के लोग तो इनके खिलाफ थे, आप नौजवान पीढ़ी को गुमराह करते हो कांग्रेस के लोग तो सुभाष चंद्र बोस के खिलाफ थे, गांधीजी उनके खिलाफ थे, भगत सिंह से मिलने पंडित नेहरू जी गए नहीं हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी बोलते हैं और जब रिकॉर्ड आता है कब गए किस तारीख को गए थे तब चुप हो जाते हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी की लंदन में डेथ हुई और पंडित नेहरू ने लाश लाने नहीं दी हिंदुस्तान के अंदर जबकि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की डेथ जम्मू-कश्मीर में हुई थी, बताइए आप क्या हो रहा है देश के अंदर? किस दिशा में हम जा रहे हैं, प्रधानमंत्री देश के कई बार ऐसी बातें बोल चुके है लंबी लिस्ट है वक्त जाया नहीं करूंगा आपका। आप सब जानते हैं दिल के अंदर आपके भी है कि सब क्या हो रहा है पर मजबूरी आपकी भी है, पर आज पूरा हिंदुस्तान जानता है कि प्रधानमंत्री जी ने कहां-कहां गलत वाक्य बोले हैं, चल रहा है। अमेरिका में इंग्लैंड में जहां जाएंगे दुनिया के इतिहास में हमारा गर्व होना चाहिए प्रधानमंत्री जा करके बोल रहे हैं, मान-सम्मान बढ़ रहा है देश का, प्रधानमंत्री का मान-सम्मान बढ़ रहा है तो क्यों बढ़ रहा है? 70 साल की तपस्या है कांग्रेस की सरकारों की तब बढ़ रहा है। जहां सुई नहीं बनती थी माननीय नेता प्रतिपक्ष जी सुई नहीं बनती थी देश के अंदर बाहर से आती थी, 33 करोड़ देवी देवता थे देश के अंदर आज 130 करोड़ देवी देवता है। भीख मांगते थे अमेरिका से वह दिन आपको भी याद है और मुझे भी याद है हालांकि हम लोग आजादी के बाद में पैदा हुए हैं, बिजली क्या होती है लोग नहीं समझते थे आजादी के वक्त में गांव और ढाणियों तक नहीं समझते थे, सावन भादो की बिजली कड़कती थी उसको ही मानते थे यह बिजली कड़क रही है, क्या 4 साल के अंदर बिजली आ गई देश भर के अंदर? सड़के पहुंच गई गांव के अंदर, बिजली पहुंच गई, पानी पहुंच गया, स्कूल खुल गई, अस्पताल खुल गए सब 6 साल में हो गया? मोदी जी प्रधानमंत्री बने और इसरो में गए और 4 महीने बाद मंगल ग्रह पर उपग्रह छोड़े गए, वाह वाह क्या ठाठ है मोदी जी के।
लंबा इतिहास है अगर आप दिनभर चर्चा करवाएंगे तो आप सब की बोलती बंद हो जाएगी यह इतिहास है कांग्रेस का। आप लोगों ने उंगली नहीं कटाई अपनी और लंबी चौड़ी बातें कर रहे हो आप लोग, कुछ तो स्वीकार करो कि भाई उस वक्त में हम लोग समझ नहीं पाए थे, RSS समझ नहीं पाई थी इसलिये हमने 7 दिन दिया आंदोलन का कहने में क्या हर्ज पड़ता है, सबको मालूम है कि RSS ने साथ नहीं दिया, वह खुद जानते हैं इस बात को तब ही कल किसी ने कहा जब संविधान बन गया तब भी उस पर टिप्पणी की गई, मनुस्मृति के बात की गई तब आप मुझे बताइए मालूम है कि RSS ने साथ नहीं दिया, बीजेपी थी ही नहीं उस वक्त जनसंघ बाद में बना फिर उसके बाद में स्वीकार करने में हर्ज क्या है?
महात्मा गांधी को कभी माना नहीं, अंबेडकर को कभी माना नहीं, आरक्षण को कभी स्वीकार नहीं किया मुझे मालूम है बचपन के अंदर देखो ईमानदारी की बात सोचो आपका दिल कह रहा होगा वह झूठ नहीं बोल सकता आप झूठ बोल सकते हो, मैं जानता हूं बचपन के अंदर क्या जनसंघ था पैदा ही हुआ था आज भैरों सिंह जी शेखावत साहब मौजूद नहीं है, शुरुआत करी 2,4,6,8 तक आते थे विधानसभा के अंदर मेंबर पर हां यहां तक पहुंचे, 2 मेंबर आए थे आपके पार्लिमेंट के अंदर मैं नेता था पार्लियामेंट के अंदर दो से आज आप दूसरी बार सत्ता में आ गए हो कितने बड़े गर्व की बात है यह, यह संविधान की उपलब्धि है कि आप यहां तक पहुंचे हो और कांग्रेस नेताओं ने संविधान बनाया था आपने संविधान नहीं बनाया। संविधान बनाने में आप की कोई भूमिका नहीं है स्वीकार करो इस बात को, क्यों नहीं स्वीकार करते हो? आपका कोई योगदान नहीं, आपका कोई संबंध नहीं संविधान से, हां संविधान बनने के बाद में सत्ता में आपको आना है लोकतंत्र कायम है तो आपको उस रूप में चलना है इसलिए आप संविधान को स्वीकार कर रहे हो।
जिस रूप में देश चल रहा है मोदी है तो मुमकिन है, मोदी है तो मुमकिन है, कब तो राज्यपाल महोदय ने रात को भेजा संदेश मोदी जी को राष्ट्रपति शासन समाप्त करो पता नहीं कब भेजा किसी को, कब मोदी जी ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई किसी को पता नहीं है, कब उन्होंने रिकमेंड किया राष्ट्रपति महोदय को राष्ट्रपति महोदय बहुत भले आदमी है, बहुत सज्जन व्यक्तित्व के धनी है पता नहीं वह सोए हुए होंगे, कब उठाया होगा, नींद में थे या नहीं थे पता नहीं सुबह 5:47 पर आदेश निकलता है गृह मंत्रालय से राष्ट्रपति शासन समाप्त, 8 बजे शपथ हो जाती है मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, क्या ठाठ है... बाद में 8:00 बजे शपथ और 8:15 बजे ट्वीट प्रधानमंत्री जी का फडणवीस जी को बधाई हो, बधाई हो, बधाई हो और फडणवीस जी का वापस मोदी है तो मुमकिन है, वाह क्या ठाठ है बताइए आप। पहले सुनते थे राजा महाराजाओं के महलों के अंदर षडयंत्र होते थे और सुबह तख्ते पलट जाते थे, कमाल कर दिया आप लोगों ने कमाल कर दिया मानना पड़ेगा आपको, हम लोगो में इतना साहस नहीं, दुस्साहस है तो आपमें है साहस है तो आप में है, मोदी है तो मुमकिन है मैं चिंता ग्रस्त हो गया हूं कि मोदी है तो मुमकिन है पता नहीं लोकतंत्र कब तक चलेगा मोदी है तो मुमकिन है।
मोदी है तो मुमकिन सब कुछ है। जो चिंताएं थी देश भर के अंदर, ये साहब सरकार बनते ही बोले थे कि इमरजेंसी का माहौल बनने लग गया है आरएसएस का डंडा पड़ा तो हमारे बुजुर्ग नेता ने कहा मेरा मतलब यह था, मेरा मतलब यह था पर आप देख रहे हो जो माहौल भय का, हिंसा का, मोब लिंचिंग का जो चल रहा है देश के अंदर यह आज तक पहले कभी नहीं था। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि यह एंटी सोशल एलिमेंट है मुझे बहुत खुशी हुई थी अगर प्रधानमंत्री जी उस बात पर कायम रहते तो मैं समझता हूं मोब लिंचिंग वह चाहे हिंदू, चाहे वह मुस्लिम, कोई व्यक्ति हो, महिला हो, पुरुष हो, बच्चा हो मॉब लिंचिंग किसे कहते हैं सड़क पर आप किसी को मार दो, कानून बनाना पड़ा इस विधानसभा के अंदर आप सभी को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं कानून बना कृपा करके मैं आपकी मदद चाहूंगा आप कृपा करके उस कानून को वहां अटका पड़ा है दिल्ली के अंदर राष्ट्रपति महोदय के साइन नहीं हुए अभी तक, आप कृपा करके मॉब लिंचिंग को भी, ऑनर किलिंग को भी, बच्चे बच्ची इंटर कास्ट मैरिज कर लेते हैं मां-बाप मार देते हैं, मैं समझता हूं कि हम लोगों को और आप को विशेष रूप से बात करनी चाहिए गृह मंत्रालय में, समझा करके वह साइन करवा कर लाए। मोदी है तो मुमकिन है हम तो यह मानते हैं उससे मैं चिंतित हूं, मोदी है तो मुमकिन है आप खुश हो पर मैं चिंतित हूं यह मुमकिन पता नहीं किन किन बातों को लेकर होगा, चार सुप्रीम कोर्ट के जज को कहना पड़ा कि लोकतंत्र खतरे में है, संविधान की चूले हिला दी उसने, 4 जजेस ने इतना बड़ा सविधान हमारा और सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीश चार सुप्रीम कोर्ट के जज बोल रहे हैं देश के अंदर और पूरा देश सन्न रह गया, दुनिया में क्या मैसेज गया और कह रहे हैं लोकतंत्र को खतरा है देश के अंदर, कटारिया साहब कल्पना करें थी एक उनमें से सीजेआई बन गए तो मिस्टर गोगोई को कोई पूछे कि आप पहले चार बैठे थे वह सही था आप का आरोप या आपने बनने के बाद में वही काम किया जो पहले चल रहे थे तो वह सही है या कौन सा सही है वह बताओ, अब तो वह है नहीं सीजेआई देश को बताना चाहिए देश जानना चाहता है उनसे कि आप जब 4 जजेस बैठ गए, इतना बड़ा आरोप लगा दिया आपने और बाद में क्या हो गया आपको? आप बाद में अचानक ही बदल गए और जो पहले प्रक्रियाएं थी सुप्रीम कोर्ट में वह प्रक्रियाएं चलती रही आप के जमाने में भी, यह रहस्य बना हुआ है रहस्य खुलना चाहिए और जनता के बीच में आना चाहिए यह मेरा मानना है।
आप बताइए मुझे यह जो हालात देश में हो इसका मतलब जुडिशरी कितनी दबाव के अंदर है, इनकम टैक्स, ईडी, सीबीआई क्या छापे डलवा रही है वाह वाह, एक के बाद एक। कोई इंटेलेक्चुअल सरकार का विरोध कर दे, कोई व्यक्तिगत कर दे तो राष्ट्रद्रोही है , मुकदमा दर्ज हो गया 80 लोगों पर राजद्रोह का, कमाल है यह संविधान में है यह बातें? लिखा हुआ है संविधान में, कितना पवित्र संविधान है यह, क्या-क्या नहीं लिखा गया है इसके अंदर एक-एक शब्द पढेंगे हमें गर्व होगा जिन लोगों ने मिलकर के संविधान बनाया है, सविधान के एक-एक शब्द पर हमें गर्व है और गर्व होना चाहिए हम सबको और संकल्प मन में लेना चाहिए हम आए हैं 7 करोड़ जनसंख्या में से आप 200 लोग क्यों बैठे हैं यहां पर? कुछ तो जनता ने हम पर विश्वास किया है, 7 करोड़ में से 200 लोग हम बैठे हुए हैं तो हमारी जिम्मेवारी कितने हजार गुना बढ़ जाती है यह हम सोच सकते हैं, आत्मा और परमात्मा को सामने रखकर के हमको सोचना चाहिए कैसे देश को आगे बढ़ाने के लिए जहां गलती हो रही है वहां मतलब अपनी बात बोले। मुझे किसी ने कहा टाइम क्या आ गया...
राजा बोले रात है रानी बोली रात है, मंत्री बोला रात है, संत्री बोला रात है और यह सुबह-सुबह की बात है।
बताइए आप यह हालात है, सुबह है तब भी रात है तो हां रात है, यह हिम्मत नहीं है बोलने की किसी की भी वह आपकी पूर्व मुख्यमंत्री महोदया बोलने लगी उनको घर बिठा दिया आप लोगों ने बताइए आप, और कटारिया साहब आप 75 प्लस हो गए हो ध्यान रखो मोदी जी का फार्मूला याद कर लो आप, पता नहीं आपको कब गवर्नर बनाकर भेज दें यहां से पता नहीं चलेगा हमें, दो बाई इलेक्शन हो सकते हैं राजस्थान के अंदर पता नहीं पड़ेगा हमें। पता नहीं कब तक आप रहोगे और आपके साथ में पहले भी चोट हो चुकी है जब आप यात्रा ही तो निकाल रहे थे खाली, यात्रा निकाल रहे थे वसुंधरा जी ने कहा मिस्टर कटारिया यात्रा बंद करो या मैं फिर भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देती हूं, क्या ठाठ है आपकी पार्टी के अंदर वाह वाह।
सारी संस्थाएं बर्बाद हो रही है चिंता करो पूरे मुल्क के लोगों सारी संस्थाएं बर्बाद हो रही है इलेक्शन ऑफ इंडिया दबाव में है, जुडिशरी दबाव में है, डीआरडीओ, इसरो, ऐम्स, यूजीसी, यह किसने बनाई है? यह पंडित नेहरू की दूर दृष्टि थी मुल्क आजाद हुआ और उन्होंने सब संस्थाओं को बनाया, बताइए उन संस्थाओं को कमजोर करना अच्छी बात होती है क्या? दबाव में काम करें जुडिशरी अच्छी बात होती है क्या? आज देश खड़ा है और संविधान की रक्षा कर रहा है तो यह संस्थाएं कर रही है यह प्रतिष्ठित संस्थाएं है और मैं समझता हूं कि जिस रूप में एक के बाद एक 73 और 74 अमेंडमेंट हुए यह राजीव गांधी का सपना था, अभी आप गर्व से कह रहे थे मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था आप कह रहे थे आधार कार्ड कितना शानदार कार्ड है सीधा ही बैंक के अंदर घुस जाता है, अच्छी बात है, आप कह रहे थे प्लेन और ट्रेन में कितनी तकलीफ होती थी उस वक्त में अब घर बैठे टिकट आप ले रहे हो, मोबाइल फोन दुनिया मुट्ठी में है, गूगल पर पूरी जानकारी है, गुलाबचंद कटारिया लिखो गूगल में आप की पूरी हिस्ट्री आ जाएगी बताइए आप कहां पहुंच गए हम, ऐसे ही पहुंच गए हैं क्या? अरे जब राजीव गांधी ने कहा 21वीं शताब्दी में जाना है आईटी टेक्नोलॉजी बनाई तो आपके माननीय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी बेल गाड़ी लेकर आए थे पार्लियामेंट के अंदर यह राजीव गांधी का दिमाग खराब हुआ है यह कंप्यूटर लाएगा तो सब बेरोजगार हो जाएंगे, उस इंटरनेट का कमाल है जिसकी तारीफ आप अभी कर रहे थे यह कहना चाहता हूं मैं आपको। आधार कार्ड कौन लेकर आया आप लेकर आए? आधार कार्ड कौन लेकर आया था, डॉ मनमोहन सिंह जी लेकर आए थे, दूदू के अंदर उसका लॉन्चिंग हुआ था आप बताइए आधार कार्ड का विरोध किया गया, एफडीआई आ रही है विरोध कर रही है बीजेपी आना नहीं चाहिए देश बर्बाद हो जाएगा अब आप एफडीआई ला रहे हो, आप ने विरोध किया आप ला रहे हो, आधार का विरोध आपने किया अब आपने स्वीकार भी किया और उपयोग कर रहे हो अच्छी बात है।
मैं तारीफ करता हूं गैस कनेक्शन मिला है या आपने कहा बैंकों से पैसा गया है ₹1 भेज देते राजीव गांधी 15 पैसे पहुंचते थे उन्होंने खुद ने कहा यह बात तो इसीलिए सब कुछ लाए वह, उनका जो सपना था दुनिया देख कर आए थे दुनिया कहां पहुंच गई है और हम कहां पर हैं, उस वक्त लोग समझ नहीं पाए थे विशेष रूप से आप नहीं समझ पा रहे थे कि है क्या कह रहा है 15 साल बाद में तो जाएगा मुल्क 21 वी शताब्दी में नई बात क्या कह रहा है, उनका मतलब यही था दुनिया कहां विकसित हो चुकी है कम से कम नई शताब्दी में हम जाए हम कम से कम ऐसी स्थिति में जाए जिससे कि विकसित राष्ट्रों के मुकाबले हम भी कभी खड़े हो सके इसलिए उन्होंने यह बात कही थी पर आप लोगों ने उनकी मजाक उड़ाई थी, आप मजाक उड़ाने में माहिर हो, आप क्या नहीं कर सकते हो क्योंकि जब तर्क नहीं होते हैं तो यही स्थिति बनती है, सोशल मीडिया को आपने कैप्चर कर लिया, बॉन्ड लेकर आ गए आप लोग, बॉन्ड सबसे बड़ा स्कैंडल होगा देश का यह मैं आपको दावे के साथ में कह सकता हूं आज अरुण जेटली नहीं रहे दुनिया के अंदर मैं उनके बारे में क्या बात करूं पर बॉन्ड जो है इतना बड़ा स्कैंडल है, 90% पैसा आपको मिल रहा है बॉन्ड से, किससे सौदा कर रहा है कौन किसी को पता नहीं है, करप्शन करने के लिए कौन सा काम कर रहे हो किसको बॉन्ड दे रहे हो पता ही नहीं चल रहा है क्योंकि वह तो गुप्त है और आप लोग लिए जा रहे हो 5000 करोड़ में से 90% पैसा बीजेपी को मिला है, कोई बोल नहीं रहा है देश के अंदर।
लोगों को सड़कों पर आना चाहिए, बॉन्ड बर्बाद करेगा देश को, सब बड़ी पार्टीयो को फंडिंग बंद सिर्फ बीजेपी का फंड है देश के अंदर, यह लोकतंत्र है? यह काम संविधान की मूल भावनाओं के अनुरूप है? क्या होगा देश का मुझे चिंता लगी हुई है, क्या होगा एक पार्टी का राज चाहते हो आप लोग? 50 साल तक शासन करेंगे आप के गृहमंत्री बोलते हैं, देखो वह हमारे गर्ग साहब हाथ हिला रहे हैं, उस वक्त तो हम भी नहीं रहेंगे अभी चुप रहे तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेगी, 50 साल तक राज करेंगे करो राज डेमोक्रेसी है, कौन मना कर रहा है पर वोट के माध्यम से करो लोकतंत्र की हत्या करके मत करो, तानाशाही का शासन लाकर मत करो, फंडिंग बंद, कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे अरे कांग्रेस की तो नीतियां कार्यक्रम सिद्धांत ऐसे शानदार है जो आजादी के पहले से ही बने हुए हैं भावना वही थी आप उसका मुकाबला कभी कर नहीं सकते, जुमलेबाजी कर सकते हो, अच्छे दिन आएंगे कर सकते हो, 100 दिन के अंदर दुनिया के मुल्कों से ब्लैक मनी ले करके आएंगे सुप्रीम कोर्ट के जज को बना दिया आपने एसआईटी का चेयरमैन पता ही नहीं चला क्या हुआ। कितनी बड़ी मजाक है, 2G स्पेक्ट्रम, कोलगेट, अन्ना हजारे, केजरीवाल सबको बैठा दिया सब कुछ कर लिया जीत कर भी आ गए बहुत अच्छी बात है, बाद में क्या हुआ? कोलगेट का क्या हुआ, वह 2जी स्पेक्ट्रम वाले सब छूट गए कोई बात नहीं पर आप व्यक्तिगत आरोप लगाते थे लोगों पर अब तो बॉन्ड लाकर सरकार खुद आरोपित हो गई है, एनडीए गवर्नमेंट खुद आरोपित है इतना बड़ा करप्शन चल रहा है देश के अंदर संस्थागत किसी को मालूम ही नहीं पड़ रहा है और एक पार्टी के पास में पैसा आ रहा है बाकी पार्टीया इलेक्शन भी नहीं लाडवा पा रही है यह स्थिति है लोकतंत्र है यह? कहां ले जाओगे देश को, एक पार्टी का राज चाहते हो आप चाइना की तरह कि सामने वाली पार्टी भी हमारी हो उनको फंडिंग हम ही करें, दिखावटी के अंदर लोकतंत्र है देश के अंदर दो पार्टियां है वह चाहते हो? कांग्रेस की नीतियां महात्मा गांधी के दिए हुए सिद्धांत, नीति कार्यक्रम, कांग्रेस अगले 100 साल तक खत्म नहीं हो सकती यह मैं आपको दावे के साथ में कह सकता हूं। कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाले खुद मुक्त हो जाएंगे कांग्रेस कभी मुक्त नहीं हो सकती है मैं कह सकता हूं। यह कांग्रेस है महात्मा गांधी की पार्टी जिसका नाम, अध्यक्ष महोदय 25 साल पहले महात्मा गांधी की फोटो लगी इनके स्टेज पर पहले कभी नहीं लगती थी फोटो, तिरंगा कभी नहीं फहराते थे आपके आरएसएस के हेड क्वार्टर पर यह तो आप सबको मालूम है कोई नई बात नहीं कह रहा हूं मैं। तिरंगे को मानते ही नहीं थे मोरारजी भाई बने थे जब प्राइम मिनिस्टर एक प्रयास हुआ उस वक्त में कि तिरंगे झंडे को खत्म कर दो एक नया झंडा बनना चाहिए देश का मैं गया मिलने के लिए मोरारजी भाई देसाई से बचपन के अंदर की मैंने कहा यह आप क्या कर रहे हो, उन्होंने कहा चिंता मत करो वह पहले खुद ही कांग्रेसी थे बन तो गए प्राइम मिनिस्टर आपके जनसंघ पार्टी मिलकर के जनता पार्टी बन गई हो गई फिर आप अलग हो गए। तो आप मुझे बताओ एक पार्टी का राज यह संविधान में लिखा हुआ है? संविधान में क्या-क्या शब्द लिखे हुए हैं, हम शपथ लेते हैं एमएलए एमपी मंत्री की क्या बोलते हैं हम, क्या हमें उस पर नहीं चलना चाहिए। आप मुझे बताओ हावडी मोदी, पर आप बताओ कि जो संविधान में लिखा है गुटनिरपेक्ष रहेंगे, हमारी विदेश नीति जब वाजपेई जी बन गए थे प्राइम मिनिस्टर, विदेश मंत्री बन गए थे मोरारजी भाई के साथ में बनते ही कहा कि मेरी विदेश नीति वही रहेगी जो पहले से चलती आ रही है पंडित नेहरू की, प्रधानमंत्री जी आपने क्या किया हाथ पकड़कर के बेचारे ट्रंप को घुमा दिया चारों ओर, अगली सरकार ट्रंप सरकार अरे कमाल कल सरकार दूसरी पार्टी की आ गई तो क्या करोगे, यह हमारी विदेश नीति कब रही है बोलने की? प्रधानमंत्री बोल करके आ गए और ट्रंप साहब ने कह दिया यह हिंदुस्तान के राष्ट्रपिता है, तो मोदी जी गांधी जी को मानते हैं या खुद को मानते हैं पहले यह तय करें। महात्मा गांधी का नाम लेने लग गए आप लोग, सरदार पटेल का नाम लेने लगे अरे मैं कहना नहीं चाहता इस हाउस के अंदर सरदार पटेल के बारे में क्या-क्या कहा गया है मेरे पास में लिखित में किताब छपी हुई है तो आप मुझे बताइए, कोई बात नहीं आप मानने लग गए मैं नहीं कहता कि आप मत मानो गांधी को पूरा विश्व मान रहा है, सोनिया गांधी जी ने डॉ मनमोहन सिंह जी ने प्रस्ताव पास करवा दिया 2 अक्टूबर को पूरा विश्व मनाएगा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मुझे गर्व है आप सब को गर्व होना चाहिए पर मुझे इस बात की शिकायत है गांधी को मानो दिल और दिमाग से मानो, खाली आप दिमाग से मत मानो। आज वह प्रज्ञा ठाकुर क्या बोल रही है हाउस के अंदर बताओ आप गोडसे को देशभक्त बता रही है, मोदी जी ने खुद ने कहा चुनाव प्रचार के अंदर मैं कभी इसको दिल से माफ नहीं कर पाऊंगा, कहा था या नहीं कहा था बता दीजिए आप मुझे चुनाव चलते हुए क्योंकि चुनाव में नुकसान नहीं हो जाए हमें इसलिए कहा ये बात, चुनाव में फायदा उठाने के लिए डैमेज कंट्रोल करने के लिए यह बात कह दिया तो मोदी जी क्यों भूल जाते हैं वह पार्लियामेंट के अंदर क्या बोल रही है, बताइए आप जब हम उपासना की बात कर रहे हैं धर्म की बात कर रहे हैं, सर्वधर्म समभाव की बात करी है इस संविधान के अंदर तो आज भी सोशल जस्टिस की जरूरत है देश को गरीब अमीर की बहुत खाई बढ़ रही है उस पर हम चर्चा करें।
आरबीई संस्थाएं संवैधानिक संस्थाओं के रूप में आती है, आरबीआई और सरकार के बीच में पहली बार टशन हो रही है, उर्जित पटेल, रघुराम राजन इस्तीफा देकर के जा रहे हैं, अरविंद सुब्रमण्यम उनके खुद के सलाहकार है उन्होंने इस्तीफा दे दिया, पनगढ़िया राजस्थान के ही है नीति आयोग के उपाध्यक्ष बनाया वह चले गए आप सोचिएगा अर्थव्यवस्था की स्थिति बर्बाद हो रही है, रुपए का अवमूल्यन होता जा रहा है, पेट्रोल डीजल के दाम जो हमारे वक्त में बढ़े थे पूरे देश के अंदर उसका माहौल आपने खूब अच्छा बनाया और कामयाब भी हुए, दिल्ली के अंदर हम लोग इधर में बैठे हुए हैं वह हुआ ने किया, प्रति बैरल $70 पर आ गया तभी आप जनता से वही पैसा वसूल कर रहे हो, यह आप की नीति है। इस रूप में आज जो देश चल रहा है वह चिंता का विषय सबके लिए होना चाहिए। इस रूप में जो हमारा देश चल रहा है वो चिंता का विषय सबके लिए होना चाहिए..कहां तो राजीव गांधी का सपना था।
ये जो महिला हमारी बहन बैठी है। जीजी बैठी हैं। जीजी जीजी बताईए, आप किस रूप में गांवों की महिलाएं सरपंच नहीं बन सकती थी कटारिया साहब आप तो जानते हो, आप घूमते हो एससी-एसटी, ओबीसी, महिलाएं, गांव की सरपंच बन जाएं गांव वाले सहन ही नहीं करते थे इसको और 73 -74 अमेंडमेंट। मेयर, प्रधान, प्रमुख, सरपंच, महिला आरक्षण ये सोच थी संविधान में अमेंडमेंट करने की। इंदिरा गांधी ने इमर्जेंसी के वक्त में जो संशोधन किए 76 के अंदर आज मोदीजी उनकी तारीफ करते फिर रहे है। मोदी जी नाम नहीं लेते है इंदिरा गांधी का। इंदिरा गांधी ने जो एटॉमिक परिक्षण किया पोकरण के अंदर कोई मोदी जी को कोई गर्व नहीं है। इंदिरा गांधी जी ने बांग्लादेश आजाद करा दिया पाकिस्तान के दो टुकडे कर दिए। 93 हजार कर्नल, जनरल, मेजर, सैनिकों के हथियार सरैंडर करा दिए कोई गर्व नहीं है मोदी जी को। इंदिरा गांधी ने खालिस्तान नहीं बनने दिया। जान दे दी। जान देने से पहले कहा-मेरी जान भी जा सकती है और मेरी जान जाएगी तो मेरे खून का एक- एक कतरा मेरे देश को मजबूती प्रदान करेगा, ये कहा था उन्होंने। क्या मोदीजी ने छह साल के अंदर एक बार भी इंदिरा गांधी का नाम लिया? किसी भी रूप में ले लेते, इमर्जेंसी लगाई आप आलोचना कर देते कोई दिक्कत नहीं थी। उपलब्धि बता देते आपकी हाइट बढ़ जाती खुद की।
हां ये बात ठीक कह रहे है इमर्जेंसी लगाकर गलती की उनकी दृष्टि के अंदर पर और उन्होंने काम क्या किया कड़ी मेहनत, दूरदृष्टि, पक्का इरादा अनुशासन चार स्लोगन दिए उन्होंने ..विनोबा भावे थे जो जय जगत की बात करते थे। गांधीवादी उन्होंने कहा ये अनुशासन पर्व है देश के अंदर। आप आलोचना कर सकते हो किसी की, उस रूप में कहां हुआ, ये आपकी ड्यूटी है बताइए यह जो मोदीजी ने चुनाव जीतते ही जिक्र किया सेंट्रल हॉल के अंदर और बड़ी शिक्षा दी सबको बड़ा इंप्रेस किया सबको किस प्रकार ड्यूटी समझे आप लोग. किस प्रकार अमेरिका में कहा था- आप मांगो वो सरकार दें, आप सरकार को क्या दे सकते हों बताओ..वो ही बात मोदी जी ने कही। कर्तव्य भी कोई चीज होती है। अच्छी बात कही पर कांस्टिट्यून के फंडामेंटल राइट्स में आ चुका है। कौन लाया था। वो इंदिरा गांधी जी लाई थी, आरटीआई लाए, फंडामेंटल राइट्स में रखा उसको एक्ट भी बनाया और वाजपेयी जी ने उसका जिक्र किया था संसदीय क्षेत्र के अंदर। तो में कहना चाहूंगा आपको संविधान की धज्जियां उड़ाने का अधिकार किसी को नहीं है। ये मैं आपसे कहना चाहूंगा। आज तो हमें तकलीफ भी हो रही है।
मैं आप सबका सहयोग चाहूंगा। मोदी जी, मोदी, मोदी-मोदी ठीक है माननीय नेता प्रतिपक्ष में आपका विशेष ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। आज माहौल ऐसा क्यों है कि मोदी मोदी हो रहा है। तो पता नहीं इसके बाद में मोदी है तो मुमकिन है, चिंता ही वो है, मोदी है तो मुमकिन है वो चिंता है। क्योंकि सारे काम बिना पूछे करते है ना पार्टी में, ना नेताओं को ना मार्गदर्शक मंडल। सवाल ही नहीं है उनको पूछने का तो। मार्गदर्शक मंडल तो घर बैठा है। नोटबंदी रात को, भाईयो और बहनों कल सुबह से आपको हजार रुपए का, 500 रुपए का क्या कहा वो मुझे तो याद ही नहीं है। नोट बंद कर दिए गए है, कोई मजाक है, लाइनें लग गई देशभर में, 150 लोग मर गए हैं उसके अंदर। कोई संभालने वाला है उनके घरवालों को, और अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई देश की। सब व्यापार ठप्प पड़े हैं। यह स्थिति बन गई राज्यों और केन्द्र में जो संबध है, कांस्ट्यिूशन के अंदर है। आप तो जानते है फाइनेंस कमीशन बनता है वो तय करता है कि क्या हिस्सा मिलेगा राज्यों को। आपको मालूम है क्या हुआ, एक तो उन्होंने कह दिया कि रक्षा मंत्रालय इंटर्नल सिक्युरिटी के लिए अलग से व्यवस्था कर दो, उसी में से व्यवस्था कर दो। पहले क्या होता था टैक्स होता था माननीय कटारिया साहब आप तो विद्वान हैं कि 42 प्रतिशत टैक्स जो है उसका हिस्सा राज्यों में बंटता था, और बाकी जो हिस्सा है वो सीएसएस स्कीम है, और ग्रांट मिलती थी राज्यों को उनको कम कर दिया गया है।
अब कहा आप अपने हिसाब से देखो और रेशो चेंज कर दिया। पूरा जो रेवन्यू होगा उसमें से फंड निकालना पड़ेगा। पहले निकालते थे इसमें से, टैक्स के अलावा निकालते थे ये कांस्टीट्यूशन की बात है। उनको आपने चेंज कर दिया। राज्य से सलाह भी नहीं करी। रेवन्यू कम हो रहा है जीएसटी से, जीएसटी की कहानी तो बडी अजीब है मैं तो सीएम था उस वक्त मोदी जी भी सीएम थे। कितना हल्ला किया इन्होंने कोई जीएसटी नहीं आनी चाहिए। देश को बर्बाद कर देगी, देश को बर्बाद कर रही थी तो आपने जीएसटी को क्यों अपनाया। हमने कहा वन नेशन, वन टैक्स होगा। आपने चाहे जो स्लैब बना दी। रात को 12 बजे सेंट्रल हॉल के अंदर जैसे पंडित नेहरू ने देश को संबोधित किया था जब देश आजाद हुआ था 15 अगस्त 1947 को उसी रूप में मोदी जी ने बुलाई रात को 12 बजे ज्वाइंट सैशन और उसी ढंग से वो शो किया गया। जीएसटी आ रही है जीएसटी आ रही है। रिफॉर्म था और वो चार टैक्स लगा दिए। ढंग से लागू नही करी। कुल 150-200 सरकुलर निकल चुके हैं। रोज निकलते हैं वहां पर और आज रेवन्यू कम हो गई चिंता मुझे इसलिए है आप सब की चिंता मुझे है। आप सबके माध्यम से पूरे प्रदेशवासियों की चिंता है कि रेवेन्यू इतनी कम हो गई है कि हमें पैसा कम मिलने लगा है। कुल मिलाकर 11 हजार करोड़ रुपए कम मिले हैं। बताइए आप मुझे मिलेंगे अन्य राज्यों को मिलेंगे सबको मिलेंगे।
मैं आरोप नहीं लगा रहा हूं मोदी जी पर कि आप केवल खाली राजस्थान को कम करोगे वो ऑपशन मैंने खुला रखा है। मालूम पड़ेगा कि अन्याय किया है तो वो आरोप भी मैं लगाऊंगा बाद में। आज मैं कह रहा हूं कि सब राज्यों को कम पैसा मिलेगा तो राज्यों का विकास कैसे होगा। यह संवैधानिक संस्था है फाइनेंस कमीशन उसको आप डिस्टर्ब कर रहे हों यह मेरा निवेदन है आपसे अब आपकी आर्थिक स्थिति खराब है। मान नहीं रहे हो आप। जीडीपी आपकी घटती जा रही है। आप फार्मूला बदल देते हो उसको लेकर के ठीक है देश जानता है। एनएसएसओ के आंकड़े इतना महत्वपूर्ण संगठन है उसके आंकड़ों के आधार पर आगे की योजना बनती है। विभागों के अंदर, देश के अंदर, राज्यों के अंदर चुनाव चल रहे थे आपने उनको छुपा दिया। उस चेयरमैन ने इस्तीफा दे दिया, मैम्बर ने इस्तीफा दे दिया। आज तक इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। आंकड़े छुपा दिए आपने, क्योंकि बेरोजगारी 7 प्रतिशत थी उसके अंदर। 40 साल की सबसे बड़ी बेरोजगारी थी।
40 साल के इतिहास में उस वक्त की सबसे बड़ी बेरोजगारी थी। चुनाव चल रहे थे और आश्चर्य देखो, आश्चर्य नहीं साहस देखो मोदी जी का साहस है ये। चुनाव खत्म हुए, चुनाव जीते और वही एनएसएसओ के आंकड़े देश को बता दिए। 40 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी हमारी है। यह साहस की बात होती है। हर एक में नहीं होता ये आपके नेता में है और अब यह मोदी जी इनकी सरकार जिस प्रकार से डिसइनवेस्टमेंट कर रही है शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन्स और एयर इंडिया किसी तरह पैसा आए और अर्थव्यवस्था में काम चलाएं। जो हमें तकलीफ हो रही है क्या ये बेचने से काम चलेगा। कान्टीट्यूशन में लिखा हुआ है ड्यूटी में लिखा हुआ है कि आप अपनी सम्पतियों को सुरक्षित रखें। स्पीकर महोदय, पुराने स्पीकर महोदय बैठे हुए हैं यहां पर सुरक्षित रखें। यह सुरक्षित रख रहे हैं। पहले सरकार थी। वाजपेयी जी की तब भी हिन्दुस्तान जिंक, अशोक होटल, उदयपुर की माननीय नेता प्रतिपक्ष महोदय, आपके विधानसभा क्षेत्र की बात कर रहा हूं मेरे ख्याल से वो आप ही के विधानसभा क्षेत्र में आती है। अशोक होटल उदयपुर वाली। हिन्दुस्तान जिंक बिक गए, कौडियों के भाव बिक गए। कहते हैं क्या कहते हैं जो कचरा पड़ा रहता है। स्क्रैप की जो कीमत थी हिन्दुस्तान जिंक में उस कीमत पर खरीद लिए। खरीदने वाले को स्क्रैप पड़ा था करोड़ों लाखों रुपए का। उसकी कीमत पर बेच दी पूरी हिन्दुस्तान जिंक। बताइए आप क्या ठाठ हैं क्या कर सकते हो आप। अब यह एयर इंडिया बिकेगी। पता नहीं किसको बिकेगी। किसके हाथों में जाएगी भगवान जानें।
वहीं तो मैंने कहा अशोक होटल लक्ष्मी विलास का नाम अशोक होटल था वो अशोका ग्रुप्स की थी वो। मैं तो मंत्री रहा हूं सिविल एविएशन का दिल्ली के अंदर। मुझे मालूम है बेच दिया उसको। इस प्रकार से माननीय अध्यक्ष महोदय, अभी हमारे मैनिफेस्टो में आया था राहुल गांधी लेकर आए थे। सोशल जस्टिस होना चाहिए बहुत बड़ा गेप बढ़ रहा हैं। न्याय योजना लाए थे उसकी मजाक उड़ाई आप लोगों ने, हम लोग कामयाब नहीं हो पाए। इसलिए आप लोग कुछ भी कह सकते हो पर 72 हजार कहां छह हजार दे रहे हैं प्राइम मिनिस्टर एक साल के, कहां योजना में 72 हजार रुपए देने का वायदा किया गया था कि कम-से-कम गरीबी की रेखा से ऊपर आने में सहायता मिल सके, आप थोड़ा मोदी जी से बात कर लीजिए कर लूंगा मैं तो बिना उनके संभव नहीं है। एनआरसी अध्यक्ष महोदय, यह देश के लिए बहुत बड़ा इश्यू है क्योंकि हम लोग संविधान की बात कर रहे हैं। और हर धर्म, हर वर्ग, हर जाति, समाज उसका सेंस हैं। तो आप मुझे बताइए एनआरसी लागू सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया, सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग की है साथ में और आपकी पार्टी की सरकार ने बहुत भयंकर काम किया वहां पर, तीन-चार-पांच साल लगा दिए वहां पर। करोड़ों रुपए लगा दिए, 19 लाख लोगों को बाहर कर दिया, कैम्प बना दिए रहने के लिए। एक भाई सेना के अंदर है आर्मी के अंदर है वो तो हैं हिन्दुस्तान में, एक भाई सीआईएसएफ में है वो कर दिया उसमें उसका नम्बर आ गया, पति-पत्नी का अलग-अलग नंबर आ गया। आपकी पार्टी के लोग हल्ला कर रहे हैं असम के अंदर। कांग्रेस वाले तो कर ही रहे हैं कि यह बकवास है, कुछ दम नहीं है इसके अंदर। अब इस एनआरसी को हमारे गृहमंत्री अमित शाह जी पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। अरे पिक एंड चूज करो आपको लगे कि यह आदमी बाहर से आया हुआ है हाथ पकड़ो और बाहर भेज दो उसको। अगर सर्वे कराओंगे तो करोड़ों-अरबों रुपए खर्च करोंगे। आसाम वाली दुर्गति पूरे देश के अंदर होगी आपकी। मैं आपको आज पहले आगाह करना चाहता हूं समझ जाइए इसको लेकर के। मोदी है तो मुमकिन है बार-बार आ जाता है मेरे सामने।
आरटीआई डॉ. मनमोहन सिंह जी ने, सोनिया जी ने शानदार एक्ट बनाया देश के अंदर। दुनिया में उसकी वाहवाही हुई। अब बताइए उस एक्ट को कमजोर करने का क्या तुक था और पीड़ा मुझे इसलिए है कि में 98 से 2003 तक मुख्यमंत्री था शायद आप को तो मालूम होगा आप उस समय सदन में थे। उस वक्त के अंदर वो एक्ट मैं लेकर आया था इस हाउस के अंदर पास किया था पहले हमने छोटे रूप में वो बाद में शानदार एक्ट बन गया। मुझे अफसोस होता है उस एक्ट को आपने कमजोर कर दिया। कुछ बोल नहीं रहे हो आप, क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है। चुनाव आयोग के थे तो क्या ठाठ हैं चुनाव आयोग जो है जब मर्जी आए चुनाव करा सकता हैं कोई पूछने वाला नहीं हद तो जब कर दी पहले चुनाव हिमाचल के कराए पहले वाले चुनाव आयोग ने। अमेरिका में थे चीफ मिनिस्टर कांग्रेस के चार महीने पहले बुलाया गया उनको चुनाव होने हैं गुजरात के साथ कराएंगे नए इलेक्शन कमीशनर आए हमारे माननीय इन्होंने अलग अलग कर दिए, झारखंड को झारखंड के चुनाव पांच फेज में होने हैं झारखंड छोटा स्टेट है पर हद तो तब हो गई है दो चुनाव राज्यसभा के बताइएगा कटारिया साहब आपने भी बहुत लंबा अरसा बिताया है राजनीति में दो चुनाव राज्यसभा के हो रहे हैं किसी राज्य में क्या यह संभव है दो अलग-अलग कराओ क्या बात कर रहे हों कुछ सोचा है आप लोगों ने। यह तो संविधान की धज्जियां नहीं उड़ रही है। दो चुनाव कोई बोला ही नहीं अलग-अलग दोनों जगह बीजेपी एक सीट पर तो आपने देखा अहमद पटेल वाला मामला। अमित शाह जी खुद आकर जम गए वहां पर। कितनी दुर्गति हुई उस वक्त में उनकी जीते हैं हम दुर्गति हुई उस वक्त में उनकी। उसके बाद में सबक ले लिया दो चुनाव एक साथ नहीं कराके। अलग-अलग करा रहे हैं। हिन्दुस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुआ ये तो मोदी है तो मुमकिन है इसलिए हो गया। ये संवैधानिक संस्था भी है आरबीआई आपने 1.76 लाख करोड़ रुपए आपने उनसे रिजर्व फंड में उठा लिया जो आज तक नहीं हुआ पहले। क्योंकि वही मोदी है तो मुमकिन है सब कुछ मुमकिन है आरएसएस विश्वविद्यालय में तो घुसा रहे हो सब जगह वो तो आपके आरएसएस के पक्के प्रचारक का हाथ है देश में राज आपका है राजेंद्र राठौड़ का नहीं हैं यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए आरएसएस के बैकग्राउंड वालों का हाथ है ये शायद उसमें नहीं आते हैं मेरे ख्याल से गलत तो नहीं कह रहा हूं मैं ऐसा तो नहीं है कि मैं गलत कह रहा हूं और आपके नंबर कट जाए पार्टी के अंदर। वो तो आपके भैरोंसिंह शेखावत जी भी रम गए थे उनको नेकर पहनकर शाखा में जाना पड़ा। दिखाने को देश को मैं भी आरएसएस का हूं मुझे याद है तो आप सारी जगह यूजीसी के माध्यम से यूजीसी को कमजोर करके विश्वविद्यालय के सारे वाइस चांसलर आपके लगे। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर आपके लगे हैं। आरएसएस का दबदबा सब जगह बढ़ रहा है और भविष्य की आपकी जो योजना हैं मोदी है मुमकिन है उसमें आप कामयाब हो सको यह आपकी चाल है। आप धज्जियां उठा रहे है हो प्रेस मीडिया की चौथा स्तंभ बताइए आप सारे डरे हुए हैं देश के एडिटर डरे हुए हैं मालिक डरे हुए हैं। कब सीबीआई आएगी, कब पीछे-पीछे ईडी आ जाएगी। कब आईटी का छापा पड़ जाएगा इतना दबाव में काम कर रहा है मीडिया चौथा स्तंभ उसके बिना लोकतंत्र कैसे जिंदा रह सकता है हम सब जानते हैं यह जो ऊपर बैठे हैं हमारे साथी इनकी कितनी चलती हैं पता नहीं इनको, मेहनत करते हैं खाली आगे जाते ही पूरा उलटा हो जाता है वहां पर, यह स्थिति है मोदी है तो मुमकिन हो रहा है। कोई बोल नहीं रहा है मोदी के खिलाफ भी। एक्सट्रा कान्टीट्यूशन अथॉरिटी कटारिया जी आपको तो याद होगा इमरर्जेंसी के अंदर आपको भी याद होगा संजय गांधी के ऊपर आरोप लगते थे। यह देश में एक्स्ट्रा कान्टीट्यूशन अथॉरिटी के रूप में काम कर रहे हैं। वो तो करते हैं या नहीं करते यह तो सब जानते हैं। आप लोगों ने खूब तारीफ की आपके लिए तो हीरो बन गए थे संजय गांधी।
जब अतिक्रमण हटाए तब आपने कहा कि वाह-वाह यह अच्छा नेता आया हमारा। आपकी पार्टी के लोग तो वो हैं पर आज आरएसएस एक्स्ट्रा कान्सीट्यूशन अथॉरिटी के रूप में काम कर रहा है देश के अंदर। बिना उनके पूछे हुए ना मंत्री ना मुख्यमंत्री ना कोई बन सकता है मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री बिना उनकी मर्जी के कोई नहीं बन सकता है और आरएसएस के प्रचारक वैसे भी मोदीजी प्रचारक ही हैं। प्रधानमंत्री बन गए।
केवल आरएसएस का राज है कृपा करके दो बातें मैं कहूंगा एक तो गांधी जी को अपने आप में आरएसएस पर बैन लगाया सरदार पटेल ने उनको अपना लिया बाद में। माफी मांगी अब हम कभी राजनीति में भाग नहीं लेंगे। कल्चरल संगठन रहेगा हमारा सरदार पटेल की मूर्ति बनाई आपने अच्छी बात हैं कम से कम एक देश से माफी मांगे प्रधानमंत्री जी। उस वक्त हम समझ नहीं पाए थे महात्मा गांधी और पटेल को और उस वक्त हम उनका नाम नहीं लेते थे और हम उनको मानते नहीं थे और अब उनको मानने लग गए हैं। दिल से मानने लग गए हैं। दिमाग से मानते हैं खाली जुबान से नहीं मानते हैं और आरएसएस और बीजेपी कृपा करके इनको आप सलाह दे दें। मेरी सलाह भी देंगे वो माने या नहीं माने कि हम इनको अपने आप को राजनीतिक दल में कन्वर्ट करना चाहिए। राजनीतिक दल के अंदर सरदार पटेल को वो लिखकर दिया होगा वो अलग बात थी आपको लिखकर देना चाहिए कि आरएसएस खुद कन्वर्ट हो जाए सरकार के अंदर नाम तो है बीजेपी का कोई जमाने में कहा था आपके विद्वान क्या नाम था उनका आरएसएस के थे ना। मैं नाम ले रहा हूं उस विद्वान पुरुष का नाम अरे भाई जिसने कहा था आरएसएस वाजेपयी जी मुखौटा है हमारा अब देखना याद आ जाएगा इनको गोविन्दाचार्य जी ने कहा था वाजेपयी जी मुखौटा है हमारा पीछे कोई और है तो मैं कहूंगा कि कृपा करके आप राजनीतिक दल में कन्वर्ट कर दो आरएसएस को।
खुलकर के मैदान में आओ फिर देखो क्या होता है अभी क्या होता है अब मुकाबला करेंगे आपसे हम लोग हिन्दुत्व की विचारधारा आपकी है, दुनिया जानती है आपको किस हैसियत से किस नैतिकता से बात करते हो, संविधान को मानते ही नहीं हो आप लोग इसको। इसमें लिखा हुआ है सर्वधर्म सद्भाव। आप हिन्दु राष्ट्र की बात कर रहे हो तो क्यों आप इसकी बात कर रहे हो। क्या हो रहा है देश के अंदर यह स्थिति है देश के अंदर। आप बताइए कि आप मानते नहीं हो संविधान को। मजबूरी के अंदर अपना रहे हो आप इसको, क्योंकि आपको चुनाव जीत कर आना है। जब तक आपकी चलेगी चलते जाएंगे जब संविधान की जरूरत नहीं होगी तब मोदी है मुमकिन हो जाएगा। यह खतरा है देश को मुझे चिंता है मैं तो नहीं रहूंगा उस वक्त में पता नहीं क्या होगा पर यह चिंता हम सबको होनी चाहिए। डिग्नेटी ऑफ नेशन, यूनिटी ऑफ नेशन। मोदी जी ने दुनियाभर में घूम-घूम कर के 70 साल में कुछ नहीं हुआ अरे ये डिग्नेटी है नेशन की राष्ट्र की डिग्नेटी बता रहे हैं वो एक तरफ नारा दे रहे हैं मोदी जी डिग्नेटी ऑफ नेशन यूनिटी ऑफ नेशन यह एकता की बात है मोदी जी दुनियाभर में कहते हैं हमारे मुल्क में कुछ नहीं हुआ 70 साल में कुछ नहीं हुआ। जो कुछ कर रहा हूं वो मैं कर रहा हूं। आप बताइए बहुत साहस उनमें मोदी है तो मुमकिन है।
माननीय अध्यक्ष महोदय समय की सीमा मैं समझता हूं मैं माफी चाहता हूं मैं ज्यादा बोल गया। अभी तक भी मेरे पास में एक-दो घंटे का मैटर और है। दो घंटे बोल सकता हूं। यह स्थिति है मेरी। आपको धन्यवाद दूंगा कि माननीय सदस्यों से यह ही अपील करना चाहूंगा क्योंकि हम लोग शपथ लेकर आए हैं संविधान की इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि हम संविधान की मूल भावना को उसमें ड्यूटीज भी आती है उन्हें कैसे अपनाए और किस रूप में आगे बढ़ें। तब जाकर मैं समझता हूं जो कुछ हो सकता है कि हमारी कॉन्शियस नए रूप में सामने आए और हम देश हित में बातें सोचने लग जाए। एक और बात मैं कहना चाहूंगा जो एक पूछना चाहूंगा आप से मुझे किसी ने अच्छा लिखकर दिया है क्या कोई संस्था बनाई हुई है आपने छह साल के अंदर संस्था को तो आप बर्बाद कर रहे हो क्या नई बनाई है ये बताइए। जो पंडित नेहरू की बनाई हुई संस्थाएं थी उन्हें ध्वस्त कर सकते हो आपने क्या बनाई हैं।
हवाओं से पूछो तूने चिराग बुझाए तो बहुत हैं,
कोई एक दीया जलाकर करके बता।
दोस्त तूने नफरत तो बहुत फैलाई है
एक बार मोहब्बत करके तो दिखा।
ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि जिंदगी में कभी कॉम्प्रोमाइज़ नहीं किया है। शेखावत साहब थे आप लोग सब जानते हों कोई कॉम्प्रोमाइज़ राजनीति के अंदर नहीं। पर शाम को यदि किसी शादी में मिलते तो खूब हंसी मजाक करते, बातचीत करते थे, रिश्ते थे आपकी जो नेता है पूर्व मुख्यमंत्री महोदय उनके आने के बाद आपने रिश्ते तोड़ दिए। व्यवहार तोड़ दिया था एक बार शेखावत साहब ने कहा था माननीय अध्यक्ष महोदय, आपको मालूम है कि मैं जीते जी कांग्रेस को कभी सत्ता में आने नहीं दूंगा मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था मैंने वापस जवाब दिया शेखावत साहब आपके जीते जी कांग्रेस सत्ता में आएगी भगवान आपको लंबी उम्र दे और आप मेरे शासन को देखो याद होगा आपको।
सरकार बनी संयोग से मैं मुख्यमंत्री बन गया मैंने यही कोट उनके सामने वहां बैठे थे भैरोंसिंह जी मैंने कहा था आपने एक बात कही थी मैं आपको याद दिला रहा हूं भगवान आपको लंबी उम्र दे और आप शासन देखो तो मोदीजी हो या शेखावत साहब अभी कल कह रहे थे खाचरियावास जी मोदीजी मिलते तो गले लगाते मुझको यह हमारा सौभाग्य है पूरे प्रदेश की जनता गले लगा रही है तभी मैं मुख्यमंत्री बन पाया हूं मैं यह कह सकता हूं आपको ऐसे नहीं बना हूं। बच्चे-बच्चे की जुबान पर था आपकी पार्टी के कार्यकर्ताओं में यही बात थी मुख्यमंत्री अगला अशोक गहलोत बनेगा।
तभी बन पाया हूं याद रखो आप। इसलिए संबंधों की बात अलग होती है और राजनीतिक विचारधारा की बात अलग होती है। हमारी कोई दुश्मनी नहीं है आपमें से किसी से भी। यह लड़ाई है विचारधाराओं की, नीतियों की, कार्यक्रमों की कौन देश के लिए क्या कर सकता है, वो लड़ाई जारी रहेगी।
धन्यवाद, जयहिंद।