चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ द्वारा जारी आदेश में तत्काल प्रभाव से प्रतीक हजेला का तबादला मध्य प्रदेश करने को कहा गया है, लेकिन इसकी वजह नहीं बताई गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के असम समन्वयक प्रतीक हजेला का तत्काल प्रभाव से तबादला मध्य प्रदेश करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने संबद्ध दिशा-निर्देशों के तहत अधिकतम अवधि के लिए हजेला का तबादला मध्य प्रदेश करने करने के लिए केंद्र और असम सरकार को निर्देश दिया है।
ऐसी रिपोर्ट हैं कि प्रतीक हजेला की जान को खतरा है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और आरएफ नरीमन की पीठ ने यह आदेश जारी किया है।
हजेला ने सुप्रीम कोर्ट को एक गोपनीय रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सात दिन के भीतर प्रतीक हजेला के तबादले का नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है।
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से हजेला के तबादले की वजह पूछी तो इस पर सीजेआई ने कहा, ‘क्या कोई भी ट्रांसफर बिना वजह के होता है।’
हालांकि, उन्होंने ट्रांसफर का कारण बताने से इनकार कर दिया।
प्रतीक हजेला असम-मेघालय कैडर के 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें असम में एनआरसी की पूरी प्रक्रिया के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी गई थी।
असम में एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को जारी की गई। अंतिम सूची से असम के 19 लाख से ज्यादा लोग बाहर रह गए थे।
गौरतलब है कि 31 अगस्त को जारी एनआरसी की अंतिम सूची में कथित विसंगतियों के कारण पिछले महीने हजेला के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए थे।

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