बुधवार, 16 अक्टूबर 2019

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में तय समय से पहले ही सुनवाई पूरी हुई, 23 दिन बाद सुनाया जायेगा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में आज रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई पूरी हो गयी।  कोर्ट ने शाम पांच बजे का समय तय किया था , लेकिन उससे एक घंटे पहले ही सुनवाई पूरी हो गयी। कोर्ट इस मसले पर 23 दिन बाद अपना फैसला सुनायेगा। ज्ञात हो कि पिछले 40 दिनों से सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर लगातार सुनवाई हो रही थी, आज कोर्ट ने कह दिया था कि शाम पांच बजे से ज्यादा इसपर दलीलें नहीं सुनी जायेंगी क्योंकि अब बहुत हो चुका है।

लंच ब्रेक के पहले सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने एक़ नक्शा रखा जिसे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने  अपना आपा खोते हुए फाड़ दिया था, हालांकि लंच के बाद दुबारा सुनवाई के दौरान राजीव धवन ने ऐसा करने की वजह बतायी। धवन ने कहा कि उन्होंने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की सहमति से वह नक्शा फाड़ा था। इसपर चीफ जस्टिस ने भी सहमति जतायी।

इस मैप को पब्लिश करने वाले  कुणाल किशोर ने मैप फाड़े जाने पर कहा, वह ( धवन) बुद्धिजीवी हैं, उन्हें लगा कि यह मैप अगर अदालत के सामने पेश हो गये तो केस खत्म हो जायेगा। इसलिए उन्होंने मैप फाड़ दिया। अगर उन्हें मैप पर कोई आपत्ति थी तो उन्हें उसी वक्त कहना चाहिए जब उन्हें यह मैप दिया गया था।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सुनवाई के दौरान भड़क गये। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह से बहस चलेगी तो हमारे पास उठकर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा। चीफ जस्टिस के द्वारा नाराजगी जताए जाने पर हिंदू महासभा के वकील ने कहा कि मैं पूरे आदर के साथ कहना चाहता हूं कि मैंने कोर्ट की मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया है। लंच के बाद अयोध्या मामले की सुनवाई फिर शुरू हो चुकी है। अब मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें रख रहा है, उनके पास 45 मिनट का वक्त है। आज ही कोर्ट हिंदू पक्ष के वकील एसएच जैन, पीएन मिश्रा और फिर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को भी सुनेगा।

अयोध्या मामले से हटने की अटकलों पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जाफरयाब जिलानी ने कहा कि ऐसी कोई भी अपील कोर्ट में दायर की जाएगी, कोर्ट में कोई अपील दायर नहीं की गयी है।

इससे पहले कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद संबंधी राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में प्रतिदिन हो रही सुनवाई को बुधवार शाम को पूरी कर देगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अब बहुत हो चुका। इधर , उत्तर प्रदेश सरकार ने फील्ड में तैनात सभी अफसरों की छुट्टियां रद्द कर दी है। 30 नवंबर तक सभी अफसरों की छुट्टियां रद्द की गयीं है। सभी मुख्यालय में बने रहेंगे। अयोध्या फैसले से पहले सरकार ने यह तैयारी की है।

आज सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अब बहुत हो चुका। सुनवाई आज ही यानी 16 अक्टूबर को खत्म कर दी जाएगी। अयोध्या केस की सुनवाई का आज 40वां दिन है। सुनवाई शुरू हुई जिसके बाद एक वकील ने अतिरिक्त समय मांगा। जिसपर चीफ जस्टिस ने स्पष्ट कर दिया कि आज शाम 5 बजे अयोध्या मामले की सुनवाई समाप्त हो जाएगी। एक वकील ने मामले में हस्तक्षेप की अपील की तो चीफ जस्टिस ने अपील खारिज कर दी।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि वह पिछले 39 दिनों से अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुनवाई कर रही है और मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए किसी भी पक्षकार को आज (बुधवार) के बाद अब और समय नहीं दिया जाएगा। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।

कोर्ट ने पहले कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। अब इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया है। प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है। पीठ ने सुनवाई में हस्तक्षेप की एक पक्षकार की याचिका को भी खारिज कर दिया और कहा कि सुनवाई के इस चरण पर अब किसी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी। हिंदू पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा दायर मुकदमे के जवाब में अपना अभ्यावेदन आरंभ किया।

उल्लेखनीय है कि संविधान पीठ अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है।

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