जयपुर । राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने आपातकाल के दौरान जेल गए मीसा और डीआरआई बंदियों की पेंशन को बंद करने का निर्णय लिया है। अब तक प्रदेश में 1120 मीसा और डीआरआई बंदियों को 20 हजार रुपये मासिक पेंशन, रोड़वेज बस में नि:शुल्क यात्रा और नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिल रही थी।
वसुंधरा सरकार ने लोकतंत्र सेनानी दिया था नाम
प्रदेश की पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सलाह पर आपातकाल के दौरान जेल गए 1120 मीसा और डीआरआई बंदियों को लोकतंत्र सेनानी नाम दिया था। वसुंधरा राजे सरकार ने इन 1120 लोगों को 20 हजार रुपये मासिक पेंशन, यात्रा भत्ता एवं नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा देने का निर्णय लिया था। मीसा और डीआरआई बंदियों को पेंशन और अन्य सुविधाएं देने के लिए वसुंधरा राजे सरकार ने लोकतंत्र रक्षक सम्मान निधि योजना लागू की थी। अशोक गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही इस योजना को बंद करने पर विचार करने की बात कही थी।
सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि तत्काल प्रभाव से मीसा और डीआरआई बंदियों को मिलने वाली पेंशन बंद कर दी गई है। उन्होंने बताया कि यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बेवजह का भार थी। इससे बचने वाले पैसे का उपयोग राज्य के विकास में हो सकेंगे।

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