गुरुवार, 17 अक्टूबर 2019

भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता गृहमंत्री - अमित शाह

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता है। इसके लिए हमें ही आगे आना होगा। इसमें इतिहासकारों की बड़ी भूमिका है। अगर हम अब तक अपने इतिहास की दोबारा समीक्षा नहीं कर सके तो यह हमारी कमजोरी होगी। गृहमंत्री ने आगे कहा कि चंद्रगुप्त विक्रमादित्य को इतिहास में बहुत प्रसिद्धि मिली है। लेकिन उनके साथ इतिहास में बहुत अन्याय भी हुआ है। उनके पराक्रम की जितनी प्रशंसा होनी थी, उतनी शायद नहीं हुई।


यह बात केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने गुरुवार को वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप प्रज्वलन कर उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही।

गृहमंत्री ने कहा कि सैकड़ों साल की गुलामी के बाद किसी भी गौरव को पुनः प्रस्थापित करने के लिए कोई व्यक्ति विशेष कुछ नहीं कर सकता, एक विद्यापीठ ही ये कर सकता है। भारत का अभी का स्वरूप और आने वाले स्वरूप के लिए हम सबके मन में जो शांति है, उसके पीछे का कारण ये विश्वविद्यालय ही है

इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय भी मौजूद रहे। इससे पहले बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचे गृहमंत्री का स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, मछलीशहर सांसद बीपी सरोज सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विभिन्न नेताओं ने किया।

गृहमंत्री ने इसके बाद हेलीकॉप्टर से मुख्यमंत्री के साथ बीएचयू के लिए प्रस्थान किया। वहीं आयोजन स्थल पर कार्यक्रम की शुरुआत में गृहमंत्री को तलवार भेंट की गई तो पूरा सभागार 'हर-हर महादेव' के नारे से गूंजने लगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने किया।

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