बुधवार, 23 अक्टूबर 2019

राज्यपाल का पद कमज़ोर, खुलकर नहीं रख सकते अपने दिल की बात: सत्यपाल मलिक

कटरा में माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने खुफिया एजेंसियों से भी इनपुट नहीं लियां। वे भी दिल्ली या हमें सच नहीं बता रहे हैं।
देश में राज्यपाल के पद को बहुत कमजोर बताते हुए जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने  कहा कि उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने या अपने दिल की बात कहने का अधिकार नहीं है। 

रियासी जिले के कटरा शहर में माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि वे अपनी टिप्पणी को लेकर आशंकित रहते हैं कि नई दिल्ली में कोई परेशान न हो जाए।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल एक कमजोर पद है। उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने या अपने दिल की बात कहने का अधिकार नहीं है। मैं लगभग तीन दिनों तक आशंकित रहता हूं कि मेरे शब्दों ने दिल्ली में किसी को नाराज तो नहीं किया है।’

इस दौरान उन्होंने कहा कि हुर्रियत, मुख्यधारा की पार्टियों, धार्मिक उपदेशकों और मौलवियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल आम कश्मीरी लोगों के बच्चों को मरवाने में किया जबकि उनमें से किसी ने भी आतंकवाद की वजह से अपनों को नहीं खोया।

राज्यपाल ने आरोप लगाया कि ‘प्रभावी और शक्तिशाली’ तबकों ने कश्मीरी युवाओं के सपने और उनकी जिंदगियों को तबाह कर दिया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस सच्चाई को समझें और राज्य में शांति और समृद्धि लाने के केंद्र सरकार के प्रयासों में शामिल हो जाएं।

मलिक ने कहा, ‘उन सभी के अपने बच्चों का करियर अच्छा चल रहा है और लेकिन आम कश्मीरी व्यक्ति के बच्चों को बताया गया कि स्वर्ग का रास्ता मारे जाने में है।’

मलिक ने कहा, ‘मैंने खुफिया एजेंसियों से भी इनपुट नहीं लिया। वे भी दिल्ली या हमें सच नहीं बता रहे हैं।’

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