जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कैबिनेट की बैठक में अपने ही फैसले को बदलते हुए स्थानीय निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया है। आपको बताते जाए कि प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने कैबिनेट ने अपनी पहली बैठक में स्थानीय निकाय के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आठ माह बाद ही अपने लिए फैसले को पलट दिया है। अाज लिए निर्णय के बाद पार्षद ही निकाय प्रमुख और महापौर का चुनाव करेंगे।
कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि चुनाव में हारने की डर की वजह से यह निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव में हिंसा फैला सकता था। शांति, समरसता और भाईचारा बना रहे इसलिए हमने अपना निर्णय पलटा है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक माहौल को देखते हुए प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराना संभव नहीं है। उन्होंने सीधे बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वह हिंसा का माहौल बनाने की प्रयास कर रही है। इस साल के अंत में निकाय चुनाव होंगे।

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