जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवर लाल मेघवाल की अध्यक्षता में आज गुरूवार को शासन सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में अनुसूचित जाति उपयोजनान्तर्गत गठित राज्य स्तरीय समिति स्टीयरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में अनुसूचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में हुए व्यय की विभागवार समीक्षा तथा वर्ष 2019-20 के प्रावधान और व्यय की समीक्षा की गई।
बैठक में मेघवाल ने विभागवार संचालित विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के लाभार्थियों की जानकारी विस्तार से प्राप्त की। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे उनके द्वारा संचालित परियोजनाओं को क्रियान्वित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनका लाभ गांव, ढाणी और छितराई हुई आबादी में बसने वाले अनुसूचित जाति वर्ग को पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य सिर्फ वित्तीय प्रावधान किये जाने तक सीमित नहीं है बल्कि इसका भौतिक लाभ स्पष्ट दिखाई भी दे यह सुनिश्चित किया जावे। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य गरीब को गणेश मानकर सच्चे अथोर्ं में उसकी सेवा करना है।
उल्लेखनीय है कि सभी विभागों को अपनी वार्षिक योजना में अनुसूसूचित जाति की जनसंख्या 17.83 प्रतिशत के अनुपात में वित्तीय प्रावधान करने के निर्देश हैं। इसके तहत राज्य के कुल बजट में से विभिन्न विभागों का कुल 21079.48 करोड़ रूपये उपयोजना के अन्तर्गत प्रावधान है।
मेघवाल ने अधिकारियों को अगली बैठक तीन माह पश्चात् आयोजित करने के निर्देश प्रदान करते हुए भौतिक प्रगति की विस्तृत जानकारी के साथ उपस्थित होने के लिये कहा।
बैठक में अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता एवं आयोजना, अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव, सामजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

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