शनिवार, 17 अगस्त 2019

ऐसा क्या कारण है कि हिंद महासागर और प्रशांत महासागर का पानी आपस में मिक्स नहीं होता !

समंदर की गहराई में आज भी कितने ही राज छुपे हुए है जिसे हम जानना चाहते है आज भले ही विज्ञान और तकनीकी ने पहले से ज्यादा तरक्की कर ली हो लेकिन फिर भी हम कितनी ही कोशिश करले हम समंदर के रहस्यों को सुलझाने का दावा नहीं कर सकते।

हिंद महासागर और प्रशांत महासागर का पानी -

ये रहस्य दो बड़े महासागर हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर से जुड़ा हुआ है। ये दोनों महासागर अलास्का की खाड़ी में आकर मिलते है। लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि ये दोनों महासागर आपस में मिलते जरुर है लेकिन इसका पानी आपस में एक-दूसरे में मिश्रित नहीं होता है। इस रहस्य को सुलझाने के लिए अब तक कई समुद्री वैज्ञानिक यहाँ पर रिसर्च के लिए आ चुके है जिनका कहना है कि प्रशांत महासागर का अधिकतर पानी ग्लेशियर से पिघल कर आता है जिससे इसका रंग हल्का नीला होता है। वहीं हिन्द महासागर का पानी नमक और लवणों की वजह से गहरा नीला है जिससे इन दोनों में फर्क दिखाई देता है। हालाँकि इन दोनों के पानी के मिक्स नहीं होने के पीछे वैज्ञानिकों की भी अलग-अलग राय है।

कई वैज्ञानिकों का कहना है कि खारे पानी और मीठे पानी का घनत्व, तापमान और लवणता अलग-अलग होती है जिससे ये मिक्स नहीं होते है। वहीं कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लेशियरों से पिघलने वाला पानी मीठा होता है वहीं समुद्र का पानी खारा होता है और जहाँ पर ये दोनों महासागर मिलते है वहां पर झाग की एक दीवार बन जाती है और अलग-अलग घनत्व होने के कारण से ये आपस में मिक्स नहीं हो पाते है।

इसके अलावा इसका एक कारण ये भी माना जाता है कि जब अलग-अलग घनत्व के पानी पर सूरज की किरणें पड़ती है तो पानी का रंग बदलता है और जब ये दोनों महासागर आपस में मिलते है तो इनके अलग-अलग रंग होने के कारण ये अलग-अलग दिखाई देते है और मिक्स नहीं होते है। वहीं कुछ लोग इस अद्भुत संगम को चमत्कार और धार्मिक मान्यताओं से भी जोड़कर देखते है।

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