रविवार, 30 अगस्त 2020

कांग्रेस सेवादल का आरोप, RSS के कार्यकर्ता तैयार करेगी केंद्र की नई शिक्षा नीति


 जयपुर: कांग्रेस सेवादल ने केंद्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ बिगुल बजा दिया है। सेवादल का आरोप है कि केंद्र सरकार देश में शिक्षा नीति के बहाने भगवाकरण और निजीकरण को थोप रही है। शिक्षा नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि भविष्य में जाकर शिक्षा का अधिकार कानून खत्म हो जाएगा। 


सेवादल की ओर से जयपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की है। संगोष्ठी में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा सहित  देश के कई राज्यों से शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता, एक्टिविस्ट शामिल होने आए हैं। सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी भाई देषाई, आईटीआई एक्टिविस्ट सुभाष सिंह, आरटीई एक्टिविस्ट पवन राणा सहित कई पदाधिकारी मौजूद हैं। शिक्षा नीति में शामिल खामियों पर मंथन किया जाएगा। 


दो दिन की चर्चा के बाद एक ड्राफ्ट तैयार कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को सौंपा जाएगा। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षा नीति में नया कुछ नहीं है। केवल नेहरू, इंदिरा, राजीव का नाम हटाकर मोदी ब्रांड बनाना है। 


नई बोतल में पुरानी शर्बत वाली है शिक्षा नीति


RSS के वर्कर तैयार करने के लिए नई शिक्षा नीति बनाई गई है। राजस्थान सरकार पहले ही कई प्रावधान कर चुके। केंद्र ने बजट प्रावधान नहीं किया, ऐसे में कैसे लागू होगी? शिक्षा नीति में सभी प्रकार के प्रावधानों को शामिल किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति के जरिए आर एस एस के भगवा एजेंडे को थोपना चाहती है। 


कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल जी देसाई ने कहा कि नई शिक्षा नीति ने केवल भगवा बल्कि तीन रंगो वाले तिरंगी जैसी होनी चाहिए, जिसमें सभी संस्कृतियों और परंपराओं का समावेश हो। नई शिक्षा नीति में सांप्रदायिक वाद को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।


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