मंगलवार, 4 अगस्त 2020

सरकारी अनाज पर चूहे कर रहे हैं 'आलीशान पार्टी', चट किया 48 करोड़ रुपये का खाद्यान!



देश के सरकारी गोदामों में रखे अनाज एवं दूसरे खाद्यानों पर चूहे जमकर पार्टी मना रहे हैं। पिछले पांच साल में चूहों ने अपने साथियों यानी कीटों के साथ मिलकर 48 करोड़ 43 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य के करीब 38 हजार टन खाद्यान चट कर दिया है। इनमें गेहूं और चावल के अलावा कई दूसरे पदार्थ भी शामिल हैं।

सरकार हर साल इन गोदामों की मरम्मत के लिए राशि जारी करती है, लेकिन इसके बावजूद बरसात एवं आंधी तूफान में ये गोदाम चूहों को 'पार्टी' करने का अवसर दे देते हैं। पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण साल दर साल हजारों टन खाद्यान चूहों एवं दूसरे कीटों की खुराक बन रहा है।
 
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव के अनुसार, केंद्र सरकार अपने गोदामों की मरम्मत समय-समय पर कराती रहती है। कम से कम खाद्यान खराब हो, इसके लिए सभी गोदामों का निर्माण तय नियमों के अनुसार किया जाता है।

खाद्यान के भंडारण में वैज्ञानिक संहिता अपनाई जाती है। वहां रखे अनाज तक नमी न पहुंचे, इसके लिए लकड़ी की टोकरी, बांस की चटाई व पॉलिथीन की चादरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी गोदामों में रखे अनाज तक कीड़े न पहुंचे, इसके लिए प्रद्युम्न कवर, नाइलॉन की रस्सी और कीटनाशक प्रदान किए जाते हैं।
 
गोदामों में रोग निरोधक दवा का नियमित छिड़काव किया जा रहा है। कैंप भंडारण और कवर्ड गोदामों में चूहों को रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाते हैं। कवर तथा कैंप में खाद्यानों का भंडारण एलिवेटिड कैंप में किया जाता है। बरसात के दौरान कम घनत्व वाले काले रंग के वाटर प्रूफ कवर का प्रयोग करते हैं। तूफान में ये कवर उड़े नहीं, इसके लिए इन्हें नाइलॉन की रस्सी एवं जाल से बांधा जाता है।

गोदामों का किया जाता है नियमित निरीक्षण

शैक्षणिक योग्यता प्राप्त एवं प्रशिक्षित कर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित तौर से इन गोदामों का निरीक्षण किया जाता है। खाद्यानों की गुणवत्ता की निगरानी, विभिन्न स्तरों पर चेक और सुपरचेक प्रणाली के माध्यम से होती है। भंडारण में खाद्यानों के उचित परीक्षण को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय खाद्य निगम अपने गोदामों में तकनीक सहायक द्वारा सौ फीसदी आधार पर स्टॉक का पाक्षिक निरीक्षण किया जाता है।

इसके अतिरिक्त प्रबंधक और सहायक महाप्रबंधक भी समय-समय पर गोदाम का निरीक्षण करते हैं। प्रबंधक मासिक निरीक्षण करता है, जबकि एफसीआई मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात टीमें भी गोदामों का सुपर चेक करते हैं। खाद्यान्न पदार्थों को खराब होने से बचाने के लिए पहले वहां रखे स्टॉक को निकाला जाता है और उसके बाद नए स्टॉक को लिया जाता है।

इसका मतलब है कि वहां पहले से मौजूद खाद्यान्न को पहले बेचा जाएगा और उसके बाद जो नया खाद्यान्न आएगा, वह स्टॉक में रखा जाएगा। खाद्यान्नों को इधर-उधर ले जाने के लिए ढकी हुई गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।

जिस जगह पर ये गोदाम स्थित हैं, वहां जिला स्तर व क्षेत्रीय स्तर पर क्षति निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। गोदामों की छतों की लीकेज रोकने के लिए हर साल उनकी मरम्मत की जाती है। नालियों की नियमित सफाई होती है। गोदाम में जलभराव व नमी की दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित किया जाता है।

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