गुरुवार, 6 अगस्त 2020

BSP विधायकों के विलय का मामला: 11 अगस्त को आएगा फैसला

 



जयपुर। राजस्थान  में सत्ता की लड़ाई फिलहाल जारी है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) के 6 विधायकों के कांग्रेस  में विलय के खिलाफ दायर याचिका पर एकल पीठ सुनवाई करेगी। 11 अगस्त को फैसला सुनाया जा सकता है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने याचिका को निस्तारित करते हुए सुनाया फैसला है। हाईकोर्ट ने जैसलमेर डीजे से 8 अगस्त तक नोटिस तामील कराने की जिम्मेदारी दी है। साथ ही जरूरत पड़ने पर जिला एसपी से भी सहयोग लेने को कहा है। वहीं एकलपीठ ने 11 अगस्त को स्टे एप्लीकेशन तय करने भी कहा है।


मालूम हो कि गुरुवार को बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में हाई कोर्ट में बहस हुई। बसपा और बीजेपी विधायक मदन दिलावर की ओर से हाई कोर्ट में पेश की गई अपील में कहा गया है कि बसपा के छह विधायक गहलोत कैम्प में बाड़ेबंदी में बंद हैं। ऐसे में उन्हें नोटिस तामील नहीं हो पा रही है। वहीं एकलपीठ ने एक्स पार्टी स्टे देने से भी मना कर दिया है। ऐसे में खण्डपीठ मामले में स्टे प्रदान करें। लेकिन खंडपीठ ने भी मामले में एक्स पार्टी स्टे देने से मौखिक रूप से मना कर दिया है।


नोटिस तामील कराना मुश्किल


गुरुवार की सुनवाई के दौरान स्पीकर की ओर से कहा गया कि भारत सरकार के 1958 के एक आदेश के अनुसार विधानसभा सचिवालय को नोटिस तामील कराने के लिए पोस्ट आफिस की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इस पर कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में विधायकों को नोटिस तामील कराना आसान नहीं है। वहीं सुनवाई के दौरान स्पीकर की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि बसपा और मदन दिलावर की ओर से दायर अपील सुनने योग्य नहीं है। क्योंकि हाई कोर्ट के रूल्स के अनुसार केवल नोटिस जारी होने के स्तर पर अपील नहीं की जा सकती है।


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