गुरुवार, 24 अगस्त 2017

तीन तलाकः भाजपा का ट्रंप कार्ड?

भाजपा के कई नेता, कार्यकर्ता और सोशल मीडिया में पार्टी के समर्थक मान रहे हैं कि तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगले चुनाव में भाजपा के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकता है। इस आधार पर यह उम्मीद भी की जा रही है कि नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं में से एक बड़ा हिस्सा भाजपा को वोट कर सकता है। हालांकि मुस्लिम मानस को समझते हुए इसे एक सदिच्छा से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है। राजीव गांधी ने तो शाहबानो मामले में आधी नहीं पूरी मुस्लिम आबादी को पटाने का दांव चला था, लेकिन बड़ी मुस्लिम आबादी ने वीपी सिंह को वोट दे दिया था।
बहरहाल, तीन तलाक के फैसले का भाजपा को क्या फायदा मिलता है, यह इस पर निर्भर करेगा कि आगे इस पर किस किस्म की राजनीति होती है। अगर भाजपा इसे समान नागरिक संहिता की ओर बढ़ने का पहला कदम बता कर प्रचार करने में कामयाब रही तो हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण का उसको फायदा हो सकता है। जैसा कि फैसले के तुरंत बाद केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों और भाजपा के नेताओं ने कहा कि यह समान नागरिक संहिता की शुरुआत है। भाजपा ने जोर देकर कहा कि समान नागरिक संहिता उसके एजेंडे में हमेशा रहा है और आगे भी रहेगा। सो, इस पर ध्रुवीकरण की राजनीति हो सकती है।
अगर सरकार को कानून बनाने का मौका मिलता तो उसे ज्यादा फायदा होता। लेकिन सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ के बहुमत के फैसले ने अपने आप कानून का रूप ले लिया है। इसलिए भी भाजपा और सरकार ने संकेत किया है कि वह कोई कानून नहीं बनाएगी। लेकिन दूसरी ओर मुस्लिम संगठन इस पर अपना सम्मेलन करेंगे। कई संगठन अभी से विरोध करने लगे हैं। अगर उन्होंने इसे लागू करने की बजाय शरीयत की सर्वोच्चता का राग अलापा तो उससे भी भाजपा को फायदा होगा।

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