शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

क्षेत्रीय पार्टियों में नया नेतृत्व आ गया है।

देश भर की क्षेत्रीय पार्टियों में नया नेतृत्व आ गया है। पुराने नेताओं ने अपने बच्चों को राजनीतिक कमान सौंप दी है। कई नेता पहले ही ऐसा कर चुके थे, लेकिन जिन्होंने नहीं किया था, उन्होंने भी अब कर दिया। मुलायम सिंह यादव, फारूक अब्दुल्ला और एचडी देवगौड़ा आदि नेताओं ने पहले ही पार्टी की कमान अपने बेटों को सौंप दी थी। लेकिन प्रकाश सिंह बादल, एम करुणानिधि, लालू प्रसाद, अजित सिंह आदि अपनी पार्टी खुद ही संभाल रहे थे। लेकिन अब उन्होंने भी कमान बेटों को सौंप दी है। 
लालू प्रसाद की पार्टी राजद की कमान पूरी तरह से उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हाथ में है। तेजस्वी पार्टी की ओर से 27 अगस्त को पटना के गांधी मैदान में आयोजित रैली को सफल बनाने के लिए यात्रा कर रहे हैं। वे पिछली सरकार में उप मुख्यमंत्री थे और अब विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं। इसी तरह राष्ट्रीय लोकदल के नेता चौधरी अजित सिंह ने भी अपने बेटे जयंत चौधरी को पार्टी का उपाध्यक्ष बना कर उनको एक तरह से पार्टी की कमान सौंप दी है। 
पंजाब चुनाव में हार कर सत्ता से बाहर होने के बाद प्रकाश सिंह बादल भी पूरी तरह से राजनीति से अलग हो गए हैं और उन्होंने सब कुछ अपने बेटे सुखबीर बादल को सौंप दिया है। इसी तरह करुणानिधि ने अपने छोटे बेटे एमके स्टालिन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना कर सब कुछ उनके हाथ में दे दिया है। ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सेहत की स्थिति को देखते हुए कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी में जल्दी ही संगठन का बदलाव होगा और वे अपने भतीजे को अपनी विरासत सौंप देंगे। कई और क्षत्रप जैसे ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव, चंद्रबाबू नायडू, शरद पवार आदि ने अपने करीबी रिश्तेदारों को आगे किया है, लेकिन अभी इंतजार चल रहा है कि वे कब उनके हाथ में कमान सौंपते हैं। 

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