बुधवार, 23 अगस्त 2017

जीएसटी के कारण देश के 11 राज्यों को हो सकता है नुकसान

इस वित्त वर्ष जीएसटी के कारण हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए देश के कुछ राज्यों को भारी मुआवजा देना पड़ सकता है
 वित्त वर्ष 2018 के दौरान सभी राज्यों का कुल रेवेन्यू 16.6 फीसद सीएजीआर की दर से बढ़ रहा है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से देश के 11 राज्यों को 9,500 करोड़ रुपए का मुआवजा दिए जाने की जरूरत होगी। यह बात एक हालिया रिपोर्ट में कही गई है।
इंडिया रेटिंग की एक नोट में कहा गया, “नई कर व्यवस्था जीएसटी के अंतर्गत सभी राज्य संयुक्त रूप से वित्त वर्ष 2018 में वित्त वर्ष 2016 के मुकाबले 16.6 फीसद के सीएजीआर से बढ़ेंगे, लेकिन अलग अलग राज्यों के लिहाज से यह तस्वीर अलग होगी। ऐसे में 11 राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से 9,500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दिए जाने की जरूरत होगी।”
किन राज्यों को देना पड़ेगा मुआवजा:
वित्त वर्ष 2018 में आधारभूत परिदृश्य के तहत किसी भी राजस्व हानि के लिए आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल, एमपी, ओडिशा, पंजाब और तमिलनाडु जैसे राज्यों को केंद्र की ओर से 5,600 करोड़ रुपये का मुआवजे दिए जाने की जरुरत होगी। जबकि छोटे राज्य जैसे गोवा, जम्मू एवं कश्मीर और झारखंड जैसे राज्यों को 3,900 करोड़ रुपए का मुआवजा दिए जाने की जरुरत पड़ेगी।
यह इसलिए जरूरी है क्योंकि जीएसटी लागू होने के कारण वित्त वर्ष 2018 में राज्यों का खुद का राजस्व गिरकर 15.5 फीसद तक पहुंच सकता है जबकि आधारभूत परिदृश्य 16.6 फीसद का है, क्योकि वस्तुओं एवं सेवाओं दोनों पर ही इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध है।
इसमें आगे कहा गया कि इस लिहाज से वित्त वर्ष 2018 में कुल मुआवजा बढ़कर 9,500 करोड़ रुपए (आधारभूत परिदृश्य 5,600 करोड़ रुपए) तक पहुंच जाएगा। यह उन अवधारणाओं पर आधारित है कि वस्तु एवं सेवाओं के अंतिम उत्पादन में 10 फीसद हिस्सा सेवाओं का है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें