वैसे तो बिहार विधानसभा का कार्यकाल 2020 के अंत तक है, लेकिन अगर सब कुछ तय योजना के हिसाब से चला तो राज्य में लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव हो जाएंगे। जानकार सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए भाजपा के साथ भी बात हो रही है और कहा जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए सीटवार तालमेल की बात भी हो रही है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक जदयू के नेता महाराष्ट्री की कहानी नहीं दोहराना चाहते हैं। उनको अंदेशा है कि अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग अलग हुए तो उन्हें नुकसान होगा। उनको लग रहा है कि लोकसभा चुनाव साथ में लड़ने के बाद भाजपा विधानसभा चुनाव में अलग लड़ने का दांव चल सकती है ताकि ज्यादा सीटों पर लड़ कर वह सबसे बड़ी पार्टी बने। जदयू के एक जानकार नेता का कहना है कि भाजपा ने तालमेल सिर्फ लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर किया है।
भाजपा को चिंता थी कि अगर महागठबंधन बना रहा और राजद, जदयू, कांग्रेस एक साथ मिल कर लड़े तो भाजपा को नुकसान होगा। अभी राज्य की 40 में से 31 सीटें भाजपा गठंबधन के पास हैं। अगर महागठबंधन रहता तो तस्वीर पूरी तरह से उलट जाती। बहरहाल, बताया जा रहा है कि भाजपा और जदयू में सीटों पर सहमति बन गई है। लोकसभा चुनाव में जदयू के लिए 10 से 12 सीटें छोड़ने का प्रस्ताव है। इसमें दो जदयू की जीती हुई सीट होगी और दो सीट रामविलास पासवान की लोजपा के खाते से जाएगी। यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव तक उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा अलग हो जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो उसके खाते की तीन सीटें भी जदयू को मिल जाएंगी। बाकी पांच सीटें भाजपा अपने कोटे से देगी।
जदयू के नेता चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी के नाम पर ही विधानसभा चुनाव भी हो जाए। ऐसे में अगर भाजपा नीतीश कुमार के लिए विधानसभा की एक सौ सीटें भी छोड़ती है तो उनको भरोसा है कि वे अपनी 71 सीटें बचा सकते हैं। इससे राज्य की राजनीति में उनकी प्रासंगिकता बनी रहेगी। जदयू को लग रहा है कि अगर दोनों चुनाव अलग अलग हुए तो लोकसभा के बाद भाजपा अलग हो जाएगी और अकेले लड़ेगी। ऐसे में त्रिकोणात्मक लड़ाई होगी, जिसमें सीधी लड़ाई भाजपा बनाम राजद होगी। इस लड़ाई जदयू की स्थिति वैसी ही हो जाएगी, जैसी 2014 के लोकसभा चुनाव में हुई थी। तभी जदयू नेता दोनों चुनाव एक साथ कराना चाहते हैं और उससे पहले केंद्र सरकार में भी शामिल होने के लिए बेचैन हैं।
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