नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के गरिमामय अभियान के बाद ऐसा लग रहा है कि विपक्ष उप राष्ट्रपति चुनाव में ऐसी किसी मर्यादा का पालन करने के मूड में नहीं है। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सोमवार को सत्ता पक्ष के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू पर तीखा हमला बोला और उनके व उनके परिवार के लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। कांग्रेस ने उनसे और उनके परिजनों से जुड़े जमीन से संबंधित कथित गड़बड़ियों के मामले में जवाब मांगे हैं।
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि जवाबदेही, पारदर्शिता और शुचिता का दावा करने वाले नायडू को इन मामलों में जवाब देना चाहिए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता नायडू अक्सर समाचार पत्रों में आलेख लिख कर और अपने बयानों में जवाबदेही, पारदर्शिता और शुचिता व भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बरदाश्त नहीं करने का दावा करते हैं। उन्हें इन्हीं मापदंडों के अनुरूप कांग्रेस के चार सवालों का जवाब देना चाहिए।
रमेश ने संवाददाताओं के सामने नायडू से पहला सवाल किया, क्या यह सच नहीं है कि 20 जून 2017 को तेलंगाना सरकार ने एक आदेश जारी कर स्वर्ण भारत ट्रस्ट को हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण के विभिन्न बकाया के भुगतान से छूट दी थी और यह छूट दो करोड़ रुपए से अधिक है? उन्होंने कहा- ऐसी छूट पहले कभी नहीं दी गई और यह छूट इसलिए दी गई क्योंकि नायडू की बेटी इस संगठन की प्रबंधक न्यासी हैं।
रमेश ने दूसरा सवाल जुलाई 2014 के तेलंगाना सरकार के एक आदेश के बारे में किया, जिसमें पुलिस के लिए 271 करोड़ रुपए के विभिन्न वाहनों की खरीद की जानी थी। यह आदेश दो कंपनियों- वेंकैया नायडू के बेटे की स्वामित्व वाली कंपनी हर्ष ट्योटा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के बेटे के स्वामित्व वाली कंपनी हिमांशु मोटर्स को दिया गया। उन्होंने कहा कि यह आदेश खुली निविदा के बिना ही दे दिया गया।
रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने छह अप्रैल 2011 के आदेश में मध्य प्रदेश सरकार की ओर से भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे स्मारक ट्रस्ट को 20 एकड़ जमीन देने के आवंटन आदेश को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि नायडू इस ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल किया कि भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नायडू पर नेल्लोर जिले में अपने पैतृक गांव में गरीबों के लिए जमीन हथियाने का आरोप लगाया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सही नहीं है कि आरोप लगने के बाद नायडू 17 अगस्त 2002 में 4.95 एकड़ जमीन लौटाने के लिए मजबूर हुए थे? रमेश ने कहा कि नायडू को अपने और अपने परिजनों पर लगे इन आरोपों का जवाब देकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
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