उनकी बीमारी से दुखी परिजन के चेहरे पर खुशी देखी गयी, जब उन्हें 29 वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में जुली कुमारी के सफल होने की सूचना मिली. घरवालों में खुशी है कि चपरासी की नौकरी करते हुए जगदीश साह ने बेटी को पढ़ा-लिखा कर इस काबिल बनाया कि उसकी बेटी आज जज बन गयी. जुली के पिता हालत ज्यादा खराब होने के कारण बोल नहीं पाते. चिकित्सकों ने भी परिजनों को उनसे बात करने से मना किया है. इस कारण बेटी के जज बनने की खबर भी उन्हें नहीं दी जा सकी है. जुली के मुताबिक, वह गवर्नमेंट हाईस्कूल से वर्ष 2004 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. इसके बाद झुनझुनवाला कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद टीएनबी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की.
गुरुवार, 2 नवंबर 2017
चपरासी की बेटी जुली कुमारी बनी सिविल कोर्ट के जज
उनकी बीमारी से दुखी परिजन के चेहरे पर खुशी देखी गयी, जब उन्हें 29 वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में जुली कुमारी के सफल होने की सूचना मिली. घरवालों में खुशी है कि चपरासी की नौकरी करते हुए जगदीश साह ने बेटी को पढ़ा-लिखा कर इस काबिल बनाया कि उसकी बेटी आज जज बन गयी. जुली के पिता हालत ज्यादा खराब होने के कारण बोल नहीं पाते. चिकित्सकों ने भी परिजनों को उनसे बात करने से मना किया है. इस कारण बेटी के जज बनने की खबर भी उन्हें नहीं दी जा सकी है. जुली के मुताबिक, वह गवर्नमेंट हाईस्कूल से वर्ष 2004 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. इसके बाद झुनझुनवाला कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद टीएनबी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की.
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