राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार की राजधानी पटना के बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बिहार की जनता को बड़ा सौगात देते हुए तीसरे कृषि रोडमैप 2017-2022 का विधिवत उद्घाटन किया। समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मैं जन्म से तो नहीं लेकिन कर्म से बिहारी हूं, बिहारीपन ही मेरी पहचान है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहार का राज्यपाल रहते हुए मुझे जो प्यार और स्नेह मिला जीवन के लिए हमेशा यादगार क्षण बनकर दिल में रहेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में जन्म लेने से ही कोई बिहारी नहीं होता। मेरे लिए बिहार और इसका बिहारीपन बहुत बड़ी बात है।
उन्होंने कहा कि राजभवन से लेकर राष्ट्रपति भवन का सफर मेरे जीवन के यादगार वर्ष रहेंगे। मैं बिहार का नहीं लेकिन मेरे लिए मेरा बिहारीपन ही मेरी पहचान है, जिसपर मुझे गर्व है। मैं राष्ट्रपति भवन स्थित राजेंद्र बाबू की प्रतिमा को रोज नमन करता हूं। बिहार विभूतियों की धरती रही है। बापू मेरे आदर्श हैं, उनके पदचिन्हों का मैं हमेशा ही अनुसरण करता हूं। राष्ट्रपति भवन पहुंचकर अगर बापू के आदर्शों पर नहीं चल सके, तो जीवन अधूरा है। देश के निर्माण में बिहारियों का अहम योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2017 से चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। चंपारण सत्याग्रह किसानों से संबंधित था। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में कृषि रोड मैप का लोकार्पण बेहतर कदम है। इस रोड मैप में किसानों के हित की बातें हैं। इससे किसानों को फायदा होगा। रोड मैप में शामिल जैविक कॉरिडोर से बड़ा बदलाव आ सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि खेती के विकास के लिए वाटर मैनेजमेंट की दिशा में काम करने की जरूरत है। परंपरागत जल प्रबंधन प्रणाली को व्यापक रूप से बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। जल प्रबंधन प्रणाली बेहतर तरीके से लागू हो जाए तो अगली हरित क्रांति बिहार से हो सकती है। कृषि रोड मैप से बिहार की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से लेकर उत्तर-पूर्व के राज्यों तक सुधा डेयरी के उत्पाद पहुंच रहे हैं। बिहार के किसान मेहनती हैं, बिहार में कृषि की अपार संभावनाएं हैं। खाद्यान्न के लिए बिहार को सम्मानित किया गया है। अगली हरित क्रांति का गौरव बिहार को मिल सकता है। इंद्रधनुषी कार्यक्रम से बिहार के किसानों को होगा फायदा।
राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार की छवि को और बेहतर बनाने की जरूरत है। इस कृषि रोडमैप से बिहार के इमेज को और बेहतर करने की सुविधा मिलेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राष्ट्रपति ने कहा कि महामहिम का आगमन हुआ, उनका स्वागत है। उन्होंने कहा कि बिहार प्राकृतिक संसाधनों से भरा-पूरा राज्य है। बिहार की तरफ लोग आशा भरी नजरों से देख रहे हैं, बिहार हरित क्रांति का अगुआ बनेगा एेसी मेरी आकांक्षा है। कृषि के क्षेत्र में बिहार ने विकास किया है और किसानों के लिए यह कृषि रोडमैप तैयार किया गया है।
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा- कृषि रोडमैप राज्य के लिए बड़ी बात
बिहार के कृषिमंत्री प्रेमकुमार ने राष्ट्रपति के लिए स्वागत भाषण पढ़ा और कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान प्रदेश है और आज का दिन बिहार के लिए खास है। उन्होंने कहा कि बिहार की भूमि पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया।बिहार में तीसरे कृषि रोडमैप का शुभारंभ किसानों के लिए, राज्य के लिए बड़ी बात है।
सुशील मोदी ने कहा-बिहार चल पड़ा है विकास की राह
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि कृषि रोडमैप की ही बदौलत चावल के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। कृषि रोडमैप नहीं होने के कारण ही पहली हरित क्रांति का फायदा बिहार को नहीं मिल सका। बिहार के पास अतुल्य प्राकृतिक संपदा है, बिहार में कृषि की संभावना है और आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोग से बिहार कृषि क्षेत्र में भी आगे आएगा।
सभागार में राष्ट्रपति के साथ स्टेज पर केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, ललन सिंह, विजेंद्र यादव, केएन वर्मा, रामनारायण मंडल और दिनेश चंद्र यादव सहित कई कैबिनेट मंत्री विद्यमान
आज राष्ट्रपति ने तीसरा कृषि रोडमैप बिहार की जनता को सौंपा। राष्ट्रपति यहां 1 लाख 54 हजार करोड़ के कृषि रोडमैप के साथ नौबतपुर के लिए बिजली के अलग कृषि फीडर का भी शुभारंभ करेंगे। राष्ट्रपति बनने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल थे और बिहार की जनता आज अपने पूर्व राज्यपाल का स्वागत कर आह्लादित हो रही है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहार का राज्यपाल रहते हुए मुझे जो प्यार और स्नेह मिला जीवन के लिए हमेशा यादगार क्षण बनकर दिल में रहेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में जन्म लेने से ही कोई बिहारी नहीं होता। मेरे लिए बिहार और इसका बिहारीपन बहुत बड़ी बात है।
उन्होंने कहा कि राजभवन से लेकर राष्ट्रपति भवन का सफर मेरे जीवन के यादगार वर्ष रहेंगे। मैं बिहार का नहीं लेकिन मेरे लिए मेरा बिहारीपन ही मेरी पहचान है, जिसपर मुझे गर्व है। मैं राष्ट्रपति भवन स्थित राजेंद्र बाबू की प्रतिमा को रोज नमन करता हूं। बिहार विभूतियों की धरती रही है। बापू मेरे आदर्श हैं, उनके पदचिन्हों का मैं हमेशा ही अनुसरण करता हूं। राष्ट्रपति भवन पहुंचकर अगर बापू के आदर्शों पर नहीं चल सके, तो जीवन अधूरा है। देश के निर्माण में बिहारियों का अहम योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2017 से चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। चंपारण सत्याग्रह किसानों से संबंधित था। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में कृषि रोड मैप का लोकार्पण बेहतर कदम है। इस रोड मैप में किसानों के हित की बातें हैं। इससे किसानों को फायदा होगा। रोड मैप में शामिल जैविक कॉरिडोर से बड़ा बदलाव आ सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि खेती के विकास के लिए वाटर मैनेजमेंट की दिशा में काम करने की जरूरत है। परंपरागत जल प्रबंधन प्रणाली को व्यापक रूप से बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। जल प्रबंधन प्रणाली बेहतर तरीके से लागू हो जाए तो अगली हरित क्रांति बिहार से हो सकती है। कृषि रोड मैप से बिहार की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से लेकर उत्तर-पूर्व के राज्यों तक सुधा डेयरी के उत्पाद पहुंच रहे हैं। बिहार के किसान मेहनती हैं, बिहार में कृषि की अपार संभावनाएं हैं। खाद्यान्न के लिए बिहार को सम्मानित किया गया है। अगली हरित क्रांति का गौरव बिहार को मिल सकता है। इंद्रधनुषी कार्यक्रम से बिहार के किसानों को होगा फायदा।
राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार की छवि को और बेहतर बनाने की जरूरत है। इस कृषि रोडमैप से बिहार के इमेज को और बेहतर करने की सुविधा मिलेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राष्ट्रपति ने कहा कि महामहिम का आगमन हुआ, उनका स्वागत है। उन्होंने कहा कि बिहार प्राकृतिक संसाधनों से भरा-पूरा राज्य है। बिहार की तरफ लोग आशा भरी नजरों से देख रहे हैं, बिहार हरित क्रांति का अगुआ बनेगा एेसी मेरी आकांक्षा है। कृषि के क्षेत्र में बिहार ने विकास किया है और किसानों के लिए यह कृषि रोडमैप तैयार किया गया है।
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा- कृषि रोडमैप राज्य के लिए बड़ी बात
बिहार के कृषिमंत्री प्रेमकुमार ने राष्ट्रपति के लिए स्वागत भाषण पढ़ा और कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान प्रदेश है और आज का दिन बिहार के लिए खास है। उन्होंने कहा कि बिहार की भूमि पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया।बिहार में तीसरे कृषि रोडमैप का शुभारंभ किसानों के लिए, राज्य के लिए बड़ी बात है।
सुशील मोदी ने कहा-बिहार चल पड़ा है विकास की राह
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि कृषि रोडमैप की ही बदौलत चावल के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। कृषि रोडमैप नहीं होने के कारण ही पहली हरित क्रांति का फायदा बिहार को नहीं मिल सका। बिहार के पास अतुल्य प्राकृतिक संपदा है, बिहार में कृषि की संभावना है और आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोग से बिहार कृषि क्षेत्र में भी आगे आएगा।
सभागार में राष्ट्रपति के साथ स्टेज पर केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, ललन सिंह, विजेंद्र यादव, केएन वर्मा, रामनारायण मंडल और दिनेश चंद्र यादव सहित कई कैबिनेट मंत्री विद्यमान
आज राष्ट्रपति ने तीसरा कृषि रोडमैप बिहार की जनता को सौंपा। राष्ट्रपति यहां 1 लाख 54 हजार करोड़ के कृषि रोडमैप के साथ नौबतपुर के लिए बिजली के अलग कृषि फीडर का भी शुभारंभ करेंगे। राष्ट्रपति बनने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल थे और बिहार की जनता आज अपने पूर्व राज्यपाल का स्वागत कर आह्लादित हो रही है।

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