बुधवार, 29 नवंबर 2017

प्रदेश के नए डीजीपी की तलाश शुरू

अब राजस्थान पुलिस में डीजी रैंक 

जयपुर। प्रदेश के डीजीपी अजीत सिंह शेखावत 30 नवम्बर को रिटायर हो रहें हैं। अब मात्र चार महीने में ही प्रदेश में एक बार फिर नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गयी है। एक एक बार फिर से प्रदेश ब्यूरोक्रेसी में किसी बात की सबसे ज्यादा चर्चा है तो वो है ​प्रदेश का अगला डीजीपी कौन होगा।

अजीत सिंह शेखावत के बाद प्रदेश को नया डीजीपी मिलेगा या वर्तमान शेखावत को ही प्रदेश सरकार 3 महीने का एक्सटेंशन देगी जिसकी संभावना ज्यादा लग रही है, इसका जवाब तो हालांकी 30  नवम्बर को ही मिल पाएगा। वरिष्ठता और अन्य मापदण्डों के आधार पर किन-किन अधिकारियों का नाम इस सूची में आगे चल रहा है वो इस प्रकार है।


 डीजी होमगार्ड नवदीप सिंह
वरिष्ठता की बात करे तो इस इस समय सबसे सीनियर आईपीएस डीजी होम गार्ड नवदीप सिंह है,वर्तमान डीजी अजीत सिंह शेखावत भी वरिष्ठता के मामले में इनके बाद आते थे लेकिन सरकार ने पिछली बार भी नवदीप सिंह की वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए अजीत सिंह शेखावत को डीजी बना दिया था। नवदीप सिंह 1981 बैच के आईपीएस हैं और जून 2018 तक वो डीजीपी बने रह सकते हैं लेकिन उनके डीजी बनने में सबसे बड़ा पेच नवदीप सिंह की पत्नी कांग्रेस की नेता होना हैं, और वो कांग्रेस से विधायक भी रह चुकीं हैं इसी कारण से लगता नही है कि उनको राजे सरकार मौका देगी।

एडीजी, बीएसएफ केके शर्मा 
नवदीप सिंह के बाद सीनियरिटी में नाम आता है केके शर्मा का जो फिलहाल बीएसएफ के एडीजी पद पर तैनात हैं। कहा जा रहा है कि वो इस पद के लिए प्रयास भी नहीं कर रहे हैं।

आईपीएस अधिकारी कपिल गर्ग
केके शर्मा के बाद नाम आता है कपिल गर्ग का, गर्ग 1983 बैच के अधिकारी हैं। कहा जा रहा है कपिल को प्रदेश सरकार डीजी जेल बना सकती है।

सीआरपीएफ के आईजी सुधीर प्रताप सिंह
1983 बैच के आईपीएस सीआरपीएफ के आईजी सुधीर प्रताप सिंह भी प्रदेश के डीजीपी पद के प्रबल दावेदार हैं और राजपुत होने के साथ ही भाजपा के राजीव प्रताप रूडी के भाई होने का भी फायदा इन्हें मिल सकता है। सुधीर प्रताप सिंह का रिटायमेंट जनवरी 2018 में होगा ऐसे में राज्य सरकार को फिर से तीन महीने में डीजी की खोज करनी होगी जिसकी संभावना कम ही लगती है।

सरकार के सबसे पसंदीदा हैं ओपी गल्होत्रा 
प्रदेश का अगला डीजीपी कौन होगा इसका अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही करेंगी और मुख्यमंत्री हमेशा बड़े पदों पर चौकाने वाला नाम ले आती हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि ओपी गल्होत्रा जो 1985 बैच के आईपीएस है उनको भी मुख्यमंत्री मौका दे सकती है।वैसे भी गलहोत्रा का रिटायमेंट अक्टूबर 2019 में होना है। ऐसे में अगर चुनावी साल में सरकार एक ही डीजीपी के साथ रहे तो उसके लिए भी अच्छा होता है ऐसे में संभावना है कि गल्होत्रा को मुख्यमंत्री अभी मौका दे दे हालांकी ज्यादा संभावना इस बात की है कि ​अभी मुख्यमंत्री वर्तमान डीजी को एक 3 महीने का एक्सटेंशन दे दे और तीन महीने बाद ओ पी गलहोत्रा को डी जी बना दिया जाये।

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